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खुशखबरी: अब नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी महिलाएं, एक्ट में हुआ संसोधन - Women will work in night shift

कारखाना अधिनियम 1948 में संसोधन के बाद अब सूबे की महिलाएं भी रात में काम कर सकेंगी.

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अब नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी महिलाएं
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Published : Feb 27, 2020, 3:35 PM IST

देहरादून: प्रदेश की नौकरीपेशा महिलाओं के लिए खुशखबरी है. दरअसल, श्रम विभाग की ओर से कारखाना अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी फैक्ट्रियोंं में कार्यरत महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है. जिसके तहत महिलाएं शाम के 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकेंगी. इसके लिए बस कुछ निर्देशों का पालन करना होगा.

अब नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी महिलाएं.

वहीं, रात में पाली में काम करने वाली महिलाओं का विवरण कारखाना निरीक्षक स्थानीय पुलिस को रिपोर्ट भेजेगी. जिससे कर्मचारी के साथ अनहोनी की घटना होने से बचाया जा सके. कारखाना अधिनियम संसोधन से यह साफ तौर पर स्पष्ट है कि किसी महिला कर्मचारी को रात पाली करने के लिए बाध्यकारी नहीं बनाया जाएगा. रात्रि पाली में काम करने की इच्छुक महिला कर्मचारियों से लिखित में सहमति लेना आवश्यक होगा.

ये भी पढ़ें: खुशखबरी: जॉलीग्रांट एयरपोर्ट में फ्री वाईफाई सेवा शुरू, सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया शुभारंभ

उप श्रमायुक्त अनिल पेटवाल ने बताया की भारत सरकार के आदेशों के क्रम में कई कानूनों में संशोधन हुआ है. कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन किया गया है. जिसके तहत अब महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम कर सकती है. इससे कारखाने में काम करने वाली महिलाओं के लिए नौकरियों में बढ़ोतरी होगी, साथ ही उद्योगों के वर्क फोर्स में बढ़ेगा. इसके अलावा व्यापारियों को उत्तराखंड में निवेश करने में भी आसानी होगी.

देहरादून: प्रदेश की नौकरीपेशा महिलाओं के लिए खुशखबरी है. दरअसल, श्रम विभाग की ओर से कारखाना अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी फैक्ट्रियोंं में कार्यरत महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है. जिसके तहत महिलाएं शाम के 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकेंगी. इसके लिए बस कुछ निर्देशों का पालन करना होगा.

अब नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी महिलाएं.

वहीं, रात में पाली में काम करने वाली महिलाओं का विवरण कारखाना निरीक्षक स्थानीय पुलिस को रिपोर्ट भेजेगी. जिससे कर्मचारी के साथ अनहोनी की घटना होने से बचाया जा सके. कारखाना अधिनियम संसोधन से यह साफ तौर पर स्पष्ट है कि किसी महिला कर्मचारी को रात पाली करने के लिए बाध्यकारी नहीं बनाया जाएगा. रात्रि पाली में काम करने की इच्छुक महिला कर्मचारियों से लिखित में सहमति लेना आवश्यक होगा.

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उप श्रमायुक्त अनिल पेटवाल ने बताया की भारत सरकार के आदेशों के क्रम में कई कानूनों में संशोधन हुआ है. कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन किया गया है. जिसके तहत अब महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम कर सकती है. इससे कारखाने में काम करने वाली महिलाओं के लिए नौकरियों में बढ़ोतरी होगी, साथ ही उद्योगों के वर्क फोर्स में बढ़ेगा. इसके अलावा व्यापारियों को उत्तराखंड में निवेश करने में भी आसानी होगी.

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