देहरादूनः आधुनिकता की दौड़भाग वाली दिनचर्या में मनुष्य के जीवन में कई तरह की टेंशन हावी हो जाती है, जो नौकरी के साथ व्यक्तिगत जीवन को भी प्रभावित करती है. ये टेंशन तब और ज्यादा बढ़ जाती है, जब जनता की सुरक्षा के लिए लगातार ड्यूटी देनी पड़ती है, लेकिन ड्यूटी के दौरान आने वाले तनाव को कैसे दूर रखा जाता है, ये उत्तराखंड पुलिस में तैनात महिला पुलिसकर्मी सुनीता नेगी को बखूबी आता है, जो बचपन के शौक को निखारकर अपने टेंशन को दूर करती हैं.
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दरअसल, सुनीता नेगी उत्तराखंड पुलिस विभाग के ट्रैफिक निदेशालय में तैनात हैं. अपने प्रोफेशन के दौरान आने वाले तनाव को कम करने के लिए सुनीता पेंटिंग करती हैं. पेंटिंग उनके बचपन का शौक था. इसी शौक के जरिए सुनीता अपने घर पर ही देश-विदेश के नामचीन लोगों की तस्वीरें बनाती हैं, साथ ही उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़ी तस्वीरों को पेंसिल और वाटर पेंटिंग के जरिए बखूबी उकेर रही हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पुलिसकर्मी सुनीता नेगी ने बताया कि बीते 23 साल से वो उत्तराखंड पुलिस में अपनी सेवाएं दे रही हैं. मौजूदा समय में कई तरह की घटनाएं और हादसे समेत घंटों की ड्यूटी एक पुलिसकर्मी को काफी तनाव में डालती है. ऐसे में तनाव को कम करने के लिए कुछ तो ऐसा करना होगा, जिससे अपने प्रोफेशन और व्यक्तिगत जीवन में बैलेंस बना रहे. इसी सोच को लेकर उन्होंने अपने बचपन के शौक पेंसिल आर्ट को टैलेंट के रूप में निखारने की सोची.
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सुनीता अपने ड्यूटी से आने के बाद अपने परिवार की जिम्मेदारी भी निभाती हैं. साथ ही अपने लिए भी समय निकालती है और उस दौरान वो अपने संस्कृति और मनपसंद विषयों से जुड़े पेंटिंग बनाती हैं. साथ ही प्रेरणादायक खास शख्सियतों की तस्वीरों को अपने कलम से बखूबी बना लेती हैं. सुनीता बताती हैं कि शौक पूरा होने पर उसे काफी आत्मसंतुष्टि मिलती है. जिससे उसके जीवन में आने वाला तनाव भी दूर होता है.
इतना ही नहीं किसी भी तरह की पेंटिंग बनाने के लिए सुनीता पैसों की डिमांड नहीं करतीं. सुनीता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केदारनाथ धाम, लता मंगेशकर, उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत से जुड़े पेंटिग आदि पेंसिल कलर के जरिए बनाई है. इसके अलावा सैकड़ों तस्वीरों को सुनीता अपने पेंसिल आर्ट से सजा चुकी हैं.
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सुनीता का कहना है कि पुलिस की नौकरी में महिला हो या पुरुष दोनों को ही अलग-अलग तरह की समस्याओं और तनावपूर्ण स्थिति से गुजरना पड़ता है. ऐसे में अपनी प्रोफेशनल जीवन का व्यक्तिगत जिंदगी में कोई प्रभाव ना पड़े, इसके लिए हमें कोई भी ऐसा मनपसंद काम करना चाहिए, जिससे मन को शांति मिलने के साथ आत्मसंतुष्टि मिले. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में काम के बोझ के साथ एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में तनाव को सामान्य करना जरूरी है.