देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार को संपन्न हो गया. 21 दिसंबर से 24 दिसंबर तक चला चार दिवसीय शीतकालीन सत्र तकरीबन 19 घंटे 10 मिनट चला और इस दौरान विधायकों द्वारा 485 सवाल विधायकों द्वारा इस सत्र में लगाए गए.
सोमवार 21 दिसंबर को शुरू हुआ विधानसभा शीतकालीन सत्र तीन दिवसीय यानी 23 दिसंबर तक प्रस्तावित किया गया था. लेकिन विपक्ष के लगातार दबाव के बाद 1 दिन का सत्र और बढ़ाया गया जिसके बाद शीतकालीन सत्र कुल मिलाकर 19 घंटे 10 मिनट तक चला.
इस शीतकालीन सत्र के लिए विधानसभा को 59 अल्प सूचित प्रश्न प्राप्त हुए, तो वहीं तारांकित और तारांकित प्रश्न मिलाकर कुल 426 प्रश्न प्राप्त हुए. इस तरह से इस पूरे सत्र के लिए तकरीबन 485 सवाल विधायकों द्वारा लगाए गए थे. जिनमें से तीन अल्प सूचित प्रश्न स्वीकार किए गए और दो का जवाब दिया गया. तारांकित सवालों के रूप में 120 स्वीकार किए गए. जिनमें से 21 सवालों का जवाब दिया गया और तारांकित सवालों के रूप में 302 सवालों को स्वीकार किया गया. जिसमें से 58 सवालों का जवाब दिया गया. इसके अलावा 45 सवालों को निरस्त या फिर स्वीकार किया गया और 15 सवाल विचाराधीन हैं. इसके अलावा नियम 402 के अंतर्गत 6 सवाल स्वीकार किए गए. जिसमें से एक का जवाब दिया गया और पूर्व से स्थगित तारांकित 11 प्रश्नों को भी स्वीकार किया गया, जिसमें से तीन का जवाब दिया गया.
सत्र समाप्ति के मौके पर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
4 दिन में पास हुए 6 विधेयक
ईटीवी भारत से बात करते हुए मदन कौशिक ने बताया कि 4 दिन चले शीतकालीन सत्र में 6 विधेयक पास किए गए. उत्तराखंड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण)( संशोधन)विधेयक 2020, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1901)(संशोधन) विधेयक 2020, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तराखंड शहीद आश्रित अनुग्रह अनुदान विधेयक 2020 के रूप में प्रमुख विधेयक पास हुए.
4,662 करोड़ का अनुपूरक बजट पास हुआ
वहीं, सत्र में 4,662 करोड़ का अनुपूरक बजट पास किया गया. सत्र समाप्ति के मौके पर सत्ता पक्ष में अहम भूमिका निभा रहे शासकीय प्रवक्ता संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि विधानसभा का ये सत्र 3 तीन का था, मगर विपक्ष के अनुरोध को देखते हुए 1 दिन अशासकीय दिवस के रूप में बढ़ाया गया.
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मदन कौशिक को पसंद नहीं आया विपक्ष का होमवर्क
संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने 4 दिन विधानसभा सत्र शांतिपूर्वक ढंग से आहूत किए जाने के लिए विपक्ष के साथ-साथ तमाम अधिकारी, कर्मचारियों और मीडिया का भी आभार प्रकट किया. इसके साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि इस सत्र में विपक्ष की तैयारियां बेहद कम थीं. विपक्ष अधूरे होमवर्क के साथ सदन में आया था. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने तमाम मुद्दे सदन में उठाए लेकिन किसी में भी तथ्यात्मक पहलू सामने नहीं आये.
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आखिरी दिन उठा हरिद्वार की मासूम का मामला
सत्र के आखिरी दिन सदन में हरिद्वार में बलात्कार के मामले पर सरकार द्वारा बड़ा कदम उठाते हुए कार्रवाई की बात कही गई. इसके बारे में मदन कौशिक ने कहा कि डीआईजी गढ़वाल की अध्यक्षता में इसके लिए एक जांच टीम गठित की जाएगी. इस मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी. साथ ही फरार चल रहे अपराधी को पकड़ने वाले के लिए 1 लाख का इनाम रखा गया है.
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इससे पहले सत्र के पहले दिन कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. दूसरे दिन 4063.79 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन में पास किया गया. इसमें कुंभ मेले के लिए अनुपूरक बजट में 200 करोड़ की व्यवस्था की गई है. संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि सदन में 4,063 करोड़ 79 लाख के अनुपूरक बजट को पास किया गया. अनुपूरक बजट में निर्भया फंड के लिए एक करोड़ 58 लाख का फंड रखा गया है. सदन में तीसरे दिन भी पांच महत्वपूर्ण विधेयक पास किये गये. साथ ही शीतकालीन सत्र में किसानों और रोजगार के मुद्दों पर चर्चा हुई. उप नेता प्रतिपक्ष करन महरा ने सदन में पुरानी पेंशन व्यवस्था का मामला उठाया.
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नए साल ओर क्रिसमस पार्टी का मुद्दा सदन में गूंजा
गुरुवार को सदन में नए साल ओर क्रिसमस पार्टी को लेकर शुरू हुआ विवाद का मुद्दा भी गूंजा. विपक्ष ने इस मामले को सदन में प्रमुखता से उठाया. वहीं, सरकार की तरफ से इस मामले पर जवाब दिया गया . सरकार ने कहा इस फैसले से पर्यटन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. केवल सामूहिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है.
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इससे पहले विपक्ष ने नियम 58 के तहत इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि कोविड की वजह से पहले ही व्यवसाइयों की कमर टूटी हुई है. ऊपर से प्रदेश में पर्यटन का बुरा हाल है. क्रिसमस और नए साल पर होने वाली पार्टी के प्रतिबन्ध से प्रदेश में प्रयटको की स्थिति असमंजस वाली है।. संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्रतिबन्ध केवल पार्टी पर है. पर्यटक पूरे प्रदेश में कहीं भी आ जा सकते हैं।. पर्यटन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. मदन कौशिक ने कहा कि कोविड को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया ह.