देहरादून: हिमालय पर महामानव 'येति' की मौजूदगी का सालों पुराना सवाल एक बार फिर चर्चा में है. रविवार को भारतीय सेना ने हिमालय में हिम मानव 'येति' की मौजूदगी का दावा किया है. इसको लेकर सेना ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीर भी शेयर की थीं. लेकिन भारतीय सेना के इस दावे को वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों ने पूरी तरह खारिज कर दिया है. वैज्ञानिकों ने ऐसे कोई चीज न होने की बात कही है.
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वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के डीन जीएस रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि येति महज एक कल्पना के अवाला कुछ नहीं है. रावत के मुताबिक नेपाल में सेना को जो पैरों के निशान दिखाई दे थे वे ब्राउन बीयर के हो सकते हैं. अक्सर नरम बर्फ पर छोटे निशान भी बाद में बड़े हो जाते हैं.
बता दें कि भारतीय सेना ने रविवार को कुछ तस्वीरें ट्वीट कीं थी, जिनमें विशालकाय पैरों के निशान दिखाई दे रहे हैं. ये निशान आकार में 32x15 इंच तक हैं, जो असामान्य हैं. इसके माध्यम से भारतीय सेना ने हिमालय में हिममानव की मौजूदगी के संकेत दिए थे. बर्फ पर पैरों के ये निशाना नेपाल के पास स्थित मकालू बेस कैंप पर पाए गए थे. सेना की ओर से ये भी कहा गया कि मकालू बरुण नेशनल पार्क में पहले भी हिम मानव के दिखने का आभास हुआ है.
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जब इस बारे में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों से बात की गई तो उन्होंने इसे पूरी तरह से नाकार दिया. वैज्ञानिकों ने ऐसे कोई चीज न होने की बात कही है.
नेपाली लोकगीतों में भी जिक्र
वर्षों तक 'येती' की मौजूदगी, उसके पैरों के निशान, उसके बाल आदि को लेकर कहानियां आती रहीं. इन सबके बावजूद इस विचित्र प्राणी की कोई तस्वीर सामने नहीं आई. नेपाली लोकगीतों में 'येती' का जिक्र एक बंदर जैसे हिममानव के तौर पर सामने आता है. इसे औसत इंसान की कद-काठी से लंबा बताया गया है. मान्यता है कि यह हिमालय, साइबेरिया, मध्य और पूर्वी एशिया में रहता है.