देहरादून: एक मशहूर कहावत है- जब लड़का-लड़की राजी, तो क्या करेगा काजी. यह कहावत अनिमेश देवनाथ और नीलू रॉय पर सटीक बैठती है क्योंकि जब दोनों ने शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया तो लॉकडाउन भी उन्हें रोक नहीं सका.
दरअसल, असम के रहने वाले अनिमेश देवनाथ दिल्ली में अपनी शादी की तैयारी कर रहे थे लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका सपना पूरा होते-होते रह गया. लेकिन वर्क फ्रॉम होम के कल्चर पर वेडिंग फ्रॉम होम ने उनके इस सपने को साकार किया.
असम के रहने वाले अनिमेश देवनाथ देहरादून के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. उनकी शादी भोपाल की नीलू रॉय संग तय हुई थी. लेकिन लॉकडाउन के चलते दोनों के डेस्टिनेशन वेडिंग का सपना तो पूरा नहीं हुआ लेकिन दोनों ने वेडिंग फ्रॉम होम के जरिए शादी के बंधन में जरूर बंध गए. दोनों ने ऑनलाइन फेरे किये और सात जन्मों तक साफ निभाने का एक दूसरे से वादा किया.
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वक्त की मांग है वेडिंग फ्रॉम होम
जब तक सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की जरूरत रहेगी, तब तक वेडिंग फ्रॉम होम होती रहेगी. लॉकडाउन के बाद से ही उन कपल्स को बड़ी दिक्कत आ रही थी. जिनकी शादी तो तय हो चुकी थी, लेकिन शादी हो नहीं पा रही थी. उनके सामने अनिश्चितता थी. लड़का और लड़की अलग-अलग शहरों में रह रहे हैं तो उनके लिए ऑनलाइन वेडिंग मुफीद है. इसमें शादी को पूरे धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ करने का प्रावधान है.