देहरादून: एसआईटी ने अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder) की जांच लगभग पूरी कर ली है. उम्मीद की जा रही है कि 10 अक्टूबर को एसआईटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकती (SIT may file chargesheet) है. एसआईटी ने जुटाई सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को एफएसएल लैब (Ankita murder case evidence sent FSL Lab ) भेज दिए गए हैं. FSL से मिलने वाले वैज्ञानिक तथ्यों वाली रिपोर्ट को झुठलाया नहीं जा सकता है, इसलिए अंकिता हत्याकांड में FSL रिपोर्ट की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होने जा रही है. आइये आपको बताते हैं क्या होता है FSL? कैसे इससे हत्या से जुड़े मामलों का खुलासा होता है?
किसी भी आपराधिक घटनाक्रम को वर्कआउट करने में FSL (फॉरेंसिक साइंस लैब) रिपोर्ट बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. FSL से मिलने वाली वैज्ञानिक तथ्यों वाली रिपोर्ट को झुठलाया नहीं जा सकता. उसी रिपोर्ट के आधार पर केस मजबूती से न्याय की ओर बढ़ता है.
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उत्तराखंड में इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे अंकिता हत्याकांड की फॉरेंसिक रिपोर्ट (Forensic report of Ankita murder case) इस केस में आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने में बेहद मददगार साबित हो सकती है. यही वजह है कि आप इस मामले में गठित एसआईटी ने कई ऐसे इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को गुरुवार सेंट्रल स्पेशल रिपोर्ट चंडीगढ़ भेज दी है. ऐसे उम्मीद है कि जल्द ही इस केस से सम्बंधित ऑडियो-वीडियो, सीसीटीवी,मोबाइल जैसे जुड़े तमाम इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे एविडेंस के तौर में जब FSL रिपोर्ट से सामने आएंगे, जिससे अंकिता हत्याकांड में आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने में मदद मिलेगी.
2 सप्ताह के भीतर चार्जशीट होगी दाखिल: अंकिता हत्याकांड मामले में राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी देख रहे एडीजी डॉ वी मुरूगेशन ने बताया कि इस केस में डिजिटल एविडेंस बेहद ही महत्वपूर्ण हैं. एसआईटी ने सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को चंडीगढ़ भेज दिया है. FSL रिपोर्ट आने के बाद उन्हें इस केस को साइंटिफिक तौर से मजबूत करने में मदद मिलेगी. एडीजी के मुताबिक, इस केस की जांच विवेचना लगभग अब समाप्ति की ओर है. अगले 2 सप्ताह के दरमियान ही कोर्ट में पुख्ता सबूत साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट दाखिल की जाएगी.
डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस सबूतों के FSL चंडीगढ़ से रिपोर्ट आने में भले ही कुछ समय लग सकता है, लेकिन FSL रिपोर्ट इस केस को इतनी मजबूती प्रदान करने वाली है कि जिसके आधार पर इस प्रकरण से जुड़े आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सकती है.
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बता दें कि अंकिता हत्याकांड की 24 सितंबर से एसआईटी जांच कर रही है. इस मामले में कई ऑडियो रिकॉडिंग, वीडियो और मोबाइलों में बातचीत के स्क्रीन शॉट वायरल हुए थे. इन सभी को एसआईटी ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के रूप में एकत्र किया है. देहरादून स्थानीय प्रयोगशाला में भी ऑडियो वीडियो की जांच की व्यवस्था है, लेकिन, पुख्ता जांच के लिए इन्हें केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (चंडीगढ़) भेजा गया है.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने बताया जांच को तेजी से किया जा रहा है. सेंट्रल FSL से भी आग्रह किया गया है कि इन जांच को जल्द से जल्द पूरी कर उत्तराखंड पुलिस को दें. जिससे केस को साइंटिफिक तौर से और अधिक मजूबत किया जा सके.
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ADG मुरुगेशन ने बताया कि इस मामले में लगातार गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. इनमें से चार गवाहों के पहले मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए गए थे. एक गवाह के मजिस्ट्रेटी बयान गुरुवार को दर्ज कराए गए हैं. एसआईटी ने लगभग सभी साक्ष्यों को जुटा लिया है, जिससे इसे हत्या साबित करने में मदद मिलेगी. इन गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस को हत्याकांड का मकसद भी पता चल गया है. एसआईटी का कहना है कि दो सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर ली जाएगी. यानी इस माह के अंत तक न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की जा सकती है.