देहरादूनः उत्तराखंड में पेयजल निगम और जल संस्थान के एकीकरण का मामला एक बार फिर लटकता हुआ नजर आ रहा है. क्योंकि, सरकार ने अब मामले को सब कमेटी के हवाले कर दिया है. जिसके बाद पेयजल निगम-जल संस्थान के एकीकरण का भविष्य कमेटी पर टिक गया है.
दरअसल, जल संस्थान और पेयजल निगम के एकीकरण पर कुछ मामलों को लेकर कर्मचारियों में आपसी विरोध चल रहा है. इतना ही नहीं कैबिनेट के सदस्य भी एकीकरण की कुछ शर्तों को लेकर एकमत नहीं थे. शायद यही कारण है कि कैबिनेट में एकीकरण का मामला आने के बाद भी इसे सब कमेटी को दे दिया गया है.
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बता दें कि, जल संस्थान कर्मी एकीकरण के खिलाफ हैं. साथ ही राजकीय करण किए जाने की शर्त पर ही कर्मचारी जल संस्थान और पेयजल निगम के एकीकरण को राजी हैं. उधर, पेयजल निगम के घाटे में होने के चलते यहां तनख्वाह और पेंशन के लाले पड़े हुए हैं. ऐसे में पेयजल कर्मी चाहते हैं कि दोनों का मर्ज किया जाए, जिससे वित्तीय समस्याएं दूर हो सके.
वहीं, कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में सब कमेटी बनाई जाएगी. जो एकीकरण को लेकर विवादित शर्तों पर निर्णय लेगी. जिसके बाद ही इस पर अंतिम फैसला होगा.
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बरहाल, जल निगम और जल संस्थान के एकीकरण करने से तमाम मामलों में लोगों को सुविधाएं मिलने की बात कही जा रही है, साथ ही इससे कम खर्च में लोगों को बेहतर सुविधाएं दिए जाने का भी दावा किया जा रहा है. अब सब कमेटी क्या निर्णय लेती है? ये देखने वाली बात होगी.