देहरादून: कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब वीआईपी राज समाप्त हो गया है. निदेशक कॉर्बेट संजीव चतुर्वेदी ने आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार, राज्य अतिथि नियमावली में शामिल संवैधानिक पदों को छोड़कर किसी को भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा. यही नहीं, वीआईपी ट्रीटमेंट को लेकर ऊंची पहुंच रखने वालों की सिफारिशों को भी वापस लौटा दिया जाएगा. इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी जाएगी.
पढ़ें- योग दिवस को लेकर तैयारियां पूरी, पवेलियन ग्राउंड में होगा भव्य कार्यक्रम
अकसर अपने कामों को लेकर चर्चा में रहने वाले आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी का नाम एक बार फिर सबकी जुबां पर है. इस बार संजीव चतुर्वेदी ने कॉर्बेट में वीवीआईपी कल्चर खत्म करने को लेकर बड़ा निर्णय लिया है.
आपको बता दें कि कॉर्बेट पार्क में सफारी करने और यहां ठहरने के लिए राजनीतिक लोगों समेत अधिकारियों की सिफारिशों का खूब इस्तेमाल किया जाता था. यही नहीं, राजनेता और अधिकारी न केवल खुद बल्कि अपने रिश्तेदारों को भी सिफारिश पत्रों के जरिए वीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाते थे. इसके चलते न केवल पार्क में आम लोगों को ऑनलाइन बुकिंग में दिक्कत होती थी बल्कि बाहर के अधिकारी-कर्मचारी भी संबंधित मेहमान की आवभगत में ही लगे रहते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए पार्क निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने आदेश जारी कर दिए हैं. जिसके बाद कुछ चुनिंदा लोगों को ही वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाएगा.
पढ़ें- हल्द्वानी में आवारा कुत्तों का आतंक, एक दिन में 15 लोगों को बनाया शिकार
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब संजीव चतुर्वेदी अपने फैसले को लेकर चर्चाओं में आए हो. इससे पहले कई राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने को लेकर भी उनका नाम सुर्खियों में रहा है. संजीव चतुर्वेदी को 2015 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार मिल चुका है. चतुर्वेदी साल 2002 बैच के वन सेवा के अधिकारी हैं.