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अब नहीं चलेंगी सिफारिशी चिट्ठियां, कॉर्बेट नेशनल पार्क में VIP राज खत्म

अब उत्तराखंड राज्य अतिथि नियमावली की सूची-एक में शामिल संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को छोड़ अन्य किसी को वीआइपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा. इस संबंध में पार्क निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने आदेश जारी कर दिए हैं.

फाइल फोटो
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Published : Jun 19, 2019, 7:46 PM IST

देहरादून: कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब वीआईपी राज समाप्त हो गया है. निदेशक कॉर्बेट संजीव चतुर्वेदी ने आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार, राज्य अतिथि नियमावली में शामिल संवैधानिक पदों को छोड़कर किसी को भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा. यही नहीं, वीआईपी ट्रीटमेंट को लेकर ऊंची पहुंच रखने वालों की सिफारिशों को भी वापस लौटा दिया जाएगा. इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी जाएगी.

पढ़ें- योग दिवस को लेकर तैयारियां पूरी, पवेलियन ग्राउंड में होगा भव्य कार्यक्रम

अकसर अपने कामों को लेकर चर्चा में रहने वाले आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी का नाम एक बार फिर सबकी जुबां पर है. इस बार संजीव चतुर्वेदी ने कॉर्बेट में वीवीआईपी कल्चर खत्म करने को लेकर बड़ा निर्णय लिया है.

आपको बता दें कि कॉर्बेट पार्क में सफारी करने और यहां ठहरने के लिए राजनीतिक लोगों समेत अधिकारियों की सिफारिशों का खूब इस्तेमाल किया जाता था. यही नहीं, राजनेता और अधिकारी न केवल खुद बल्कि अपने रिश्तेदारों को भी सिफारिश पत्रों के जरिए वीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाते थे. इसके चलते न केवल पार्क में आम लोगों को ऑनलाइन बुकिंग में दिक्कत होती थी बल्कि बाहर के अधिकारी-कर्मचारी भी संबंधित मेहमान की आवभगत में ही लगे रहते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए पार्क निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने आदेश जारी कर दिए हैं. जिसके बाद कुछ चुनिंदा लोगों को ही वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाएगा.

पढ़ें- हल्द्वानी में आवारा कुत्तों का आतंक, एक दिन में 15 लोगों को बनाया शिकार

हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब संजीव चतुर्वेदी अपने फैसले को लेकर चर्चाओं में आए हो. इससे पहले कई राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने को लेकर भी उनका नाम सुर्खियों में रहा है. संजीव चतुर्वेदी को 2015 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार मिल चुका है. चतुर्वेदी साल 2002 बैच के वन सेवा के अधिकारी हैं.

देहरादून: कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब वीआईपी राज समाप्त हो गया है. निदेशक कॉर्बेट संजीव चतुर्वेदी ने आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार, राज्य अतिथि नियमावली में शामिल संवैधानिक पदों को छोड़कर किसी को भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा. यही नहीं, वीआईपी ट्रीटमेंट को लेकर ऊंची पहुंच रखने वालों की सिफारिशों को भी वापस लौटा दिया जाएगा. इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी जाएगी.

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अकसर अपने कामों को लेकर चर्चा में रहने वाले आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी का नाम एक बार फिर सबकी जुबां पर है. इस बार संजीव चतुर्वेदी ने कॉर्बेट में वीवीआईपी कल्चर खत्म करने को लेकर बड़ा निर्णय लिया है.

आपको बता दें कि कॉर्बेट पार्क में सफारी करने और यहां ठहरने के लिए राजनीतिक लोगों समेत अधिकारियों की सिफारिशों का खूब इस्तेमाल किया जाता था. यही नहीं, राजनेता और अधिकारी न केवल खुद बल्कि अपने रिश्तेदारों को भी सिफारिश पत्रों के जरिए वीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाते थे. इसके चलते न केवल पार्क में आम लोगों को ऑनलाइन बुकिंग में दिक्कत होती थी बल्कि बाहर के अधिकारी-कर्मचारी भी संबंधित मेहमान की आवभगत में ही लगे रहते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए पार्क निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने आदेश जारी कर दिए हैं. जिसके बाद कुछ चुनिंदा लोगों को ही वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाएगा.

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हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब संजीव चतुर्वेदी अपने फैसले को लेकर चर्चाओं में आए हो. इससे पहले कई राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने को लेकर भी उनका नाम सुर्खियों में रहा है. संजीव चतुर्वेदी को 2015 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार मिल चुका है. चतुर्वेदी साल 2002 बैच के वन सेवा के अधिकारी हैं.

Intro:summary- कॉर्बेट नेशनल पार्क से वीवीआइपी कल्चर हटाने को लेकर निदेशक कॉर्बेट संजीव चतुर्वेदी ने आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार राज्य अतिथि नियमावली में शामिल संवैधानिक पदों को छोड़कर किसी को भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा... यही नहीं वीआईपी ट्रीटमेंट को लेकर ऊंची पहुंच रखने वालों की सिफारिशों को भी वापस लौटा दिया जाएगा साथ ही इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी जाएगी ।


अक्सर अपने कामों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी एक बार फिर सबकी जुबान पर हैं ... इस बार संजीव चतुर्वेदी कॉर्बेट में वीवीआईपी कल्चर खत्म करने के बड़े निर्णय को लेकर सबकी तारीफों में हैं।


Body:कॉर्बेट नेशनल पार्क में ऊंची पहुंच और पहचान भी अब आप को वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिलवा पाएगी.. पार्क निदेशक संजीव चतुर्वेदी के एक आदेश के बाद अब पार्क में महज राज्य अतिथि नियमावली में शामिल संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को ही वीआईपी सुविधाएं दी जाएंगी। आपको बता दें कि कॉर्बेट पार्क में सफारी करने और यहां ठहरने के लिए राजनीतिक लोगों समेत अधिकारियों की सिफारिशों का खूब इस्तेमाल किया जाता था... यही नहीं राजनेता और अधिकारी न केवल खुद बल्कि अपने रिश्तेदारों को भी सिफारिशें पत्रों के जरिए वीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाते थे। जिसके चलते न केवल पार्क में आम लोगों को ऑनलाइन बुकिंग में दिक्कत होती थी बल्कि बाहर के अधिकारी कर्मचारी भी संबंधित मेहमान की आवभगत में ही लगे रहते थे। ऐसे में अब इस पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए पार्क निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने आदेश जारी कर दिए हैं जिसके बाद कुछ चुनिंदा लोगों को ही वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाएगा।

यह पहला मौका नहीं है जब संजीव चतुर्वेदी अपने फैसले को लेकर चर्चाओं में आए हो इससे पहले कई राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने को लेकर भी उनका नाम सुर्खियों में रहा है संजीव चतुर्वेदी को 2015 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार मिल चुका है और वह साल 2002 बैच के वन सेवा के अधिकारी हैं।


Conclusion:आदेश के अनुसार न केवल सिफारिश ही पत्रों को वापस किया जाएगा बल्कि ऐसे मामलों में संबंधित पत्र से उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा।
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