मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में घोडा स्टैंड पर पालिका द्वारा कब्जा किये जाने का विरोध शुरू हो गया है. नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत मसूरी बूचड़खाने में अंग्रेजों के जमाने से स्थापित घोड़ा स्टैंड पर कब्जा किए जाने को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. इस बीच क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सुशील अग्रवाल और ग्रामीणों के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हो गई.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका प्रशासन अपने निजी स्वार्थ के लिए घोड़ा स्टैंड पर कब्जा करा कर आंगनबाड़ी खोलने की योजना बना रहा है. जबकि पूर्व में घोड़ा स्टैंड के ऊपर वाले तल को षड्यंत्र के तहत कब्जा कर लिया गया. ग्रामीणों ने कहा कि अग्रेजों के समय से स्थापित घोड़ा स्टैंड से ग्रामीण अपने घोड़े खच्चरों को गांव लाते और ले जाते हैं. उन्होंने कहा कि नगर पालिका के जनप्रतिनिधि अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए घोड़ा स्टैंड पर कब्जा करना चाहते हैं, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
ग्राम प्रधान गोविंद रौछेला ने बताया कि मसूरी बूचड़खाने के आसपास करीब एक दर्जन गांव हैं. इसमें लदूर, तुनेटा, काफॉल्टी, जोड़ी, खट्टा पानी, मवाना लंगड़ासू गांवों के लोग अपने खच्चर-घोड़े से सामान मसूरी लाते और ले जाते हैं.
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उन्होंने बताया कि अंग्रेजों ने बूचड़खाना क्षेत्र में घोड़ा स्टैंड बनाया था. जहां पर ग्रामीण अपने घोड़ों को रखते थे और वहां पर आराम भी करते थे. नगर पालिका के जनप्रतिनिधि अपने निजी स्वार्थ और अपने खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए घोड़ा स्टैंड पर कब्जा करने की योजना बना रहे हैं, जिसे वो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.
इस पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सुशील अग्रवाल ने कहा कि बूचड़खाने में पार्किंग का निर्माण चल रहा है. ऐसे में पूर्व में जिस जगह पर आंगनबाड़ी संचालित की जाती थी, जिसको तोड़ा जाना है. ऐसे में कुछ समय के लिए आंगनबाड़ी को घोड़ा स्टैंड पर शिफ्ट किया जा रहा था, लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद घोड़ा स्टैंड पर आंगनबाड़ी को नहीं शिफ्ट किया जाएगा.