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मसूरी: ग्रामीणों ने पेश की मिसाल, लॉकडाउन के दौरान बना डाली एक किलोमीटर सड़क

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Published : May 17, 2020, 5:06 PM IST

Updated : May 17, 2020, 8:02 PM IST

टिहरी में लॉकडाउन के दौरान ग्राम ठक्कर कुदाऊं में युवाओं ने गांव तक एक किलोमीटर की सड़क बनाकर मिसाल पेश की है.

सड़क निर्माण
सड़क निर्माण

मसूरी: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में लोग अपने घरों में कैद हैं. इस दौरान फ्री टाइम में लोग अलग-अलग काम करके समय बिता रहे हैं. लेकिन, उत्तराखंड में एक गांव के लोगों ने लॉकडाउन में जो काम किया है वह चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, ग्रामीणों ने अपने संसाधनों से एक किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण कर डाला.

सड़क निर्माण

यह पूरा मामला टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड के ग्राम ठक्कर कुदाऊं का है. जहां युवाओं ने गांव तक सड़क बनाकर मिसाल पेश की है. ग्राम ठक्कर कुदाऊं में करीब 40 परिवार रहते हैं.

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सोबत गुसाई ने बताया की सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और मेरा गांव मेरी सड़क योजना के अंतर्गत भले हर गांव को सड़क से जोड़ने की बात करती है. लेकिन, हकीकत कुछ अलग है. टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड का राजस्व ग्राम ठक्कर कुदाऊं सड़क से न जुड़े होने के कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में चाहे किसी मरीज को हास्पिटल ले जाना हो तो एक किलोमीटर दूर सड़क पर पहुंचाना पड़ता था. इसके साथ ही शादी-विवाह व अन्य समारोह का राशन एवं अन्य जरूरी सामान सड़क से गांव तक पीठ पर ढोने को मजबूर थे.

जिसे लेकर ग्रामीण सरकार से लगातार दो दशक से सड़क की मांग करते आ रहे थे. सांसद, विधायकों सहित मंत्रियों को भी लिखित प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन, किसी ने भी ग्रामीणों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया. लोक निर्माण विभाग के चक्कर काट -काट के ग्रामीण थक चुके थे. लोकडाउन में गांव के जो प्रवासी घर आये. उन्होंने खुद ही सड़क बनाने का इरादा किया और पैसे जमा करके अपने संशाधनों से 1 किलोमीटर सड़क पहाड़ काटकर बना डाली.

पढ़ें- पौड़ी में एक बार फिर कोरोना की दस्तक, प्रवासियों ने बढ़ाई प्रशासन की मुश्किलें

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि पूरे काम के दौरान सोशल का भी पूरा ख्याल रखा गया. परिणाम यह हुआ कि सड़क पर पैदल के साथ दो पहिया वाहन चलने लगे है. ग्रामीणों का लक्ष्य है कि चारपहिया वाहनों के आवागमन के लिए भी मार्ग को तैयार किया जाएगा.

मसूरी: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में लोग अपने घरों में कैद हैं. इस दौरान फ्री टाइम में लोग अलग-अलग काम करके समय बिता रहे हैं. लेकिन, उत्तराखंड में एक गांव के लोगों ने लॉकडाउन में जो काम किया है वह चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, ग्रामीणों ने अपने संसाधनों से एक किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण कर डाला.

सड़क निर्माण

यह पूरा मामला टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड के ग्राम ठक्कर कुदाऊं का है. जहां युवाओं ने गांव तक सड़क बनाकर मिसाल पेश की है. ग्राम ठक्कर कुदाऊं में करीब 40 परिवार रहते हैं.

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सोबत गुसाई ने बताया की सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और मेरा गांव मेरी सड़क योजना के अंतर्गत भले हर गांव को सड़क से जोड़ने की बात करती है. लेकिन, हकीकत कुछ अलग है. टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड का राजस्व ग्राम ठक्कर कुदाऊं सड़क से न जुड़े होने के कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में चाहे किसी मरीज को हास्पिटल ले जाना हो तो एक किलोमीटर दूर सड़क पर पहुंचाना पड़ता था. इसके साथ ही शादी-विवाह व अन्य समारोह का राशन एवं अन्य जरूरी सामान सड़क से गांव तक पीठ पर ढोने को मजबूर थे.

जिसे लेकर ग्रामीण सरकार से लगातार दो दशक से सड़क की मांग करते आ रहे थे. सांसद, विधायकों सहित मंत्रियों को भी लिखित प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन, किसी ने भी ग्रामीणों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया. लोक निर्माण विभाग के चक्कर काट -काट के ग्रामीण थक चुके थे. लोकडाउन में गांव के जो प्रवासी घर आये. उन्होंने खुद ही सड़क बनाने का इरादा किया और पैसे जमा करके अपने संशाधनों से 1 किलोमीटर सड़क पहाड़ काटकर बना डाली.

पढ़ें- पौड़ी में एक बार फिर कोरोना की दस्तक, प्रवासियों ने बढ़ाई प्रशासन की मुश्किलें

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि पूरे काम के दौरान सोशल का भी पूरा ख्याल रखा गया. परिणाम यह हुआ कि सड़क पर पैदल के साथ दो पहिया वाहन चलने लगे है. ग्रामीणों का लक्ष्य है कि चारपहिया वाहनों के आवागमन के लिए भी मार्ग को तैयार किया जाएगा.

Last Updated : May 17, 2020, 8:02 PM IST
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