विकासनगर: जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में अधिकतर कृषि भूमि बारिश पर निर्भर है. यहां के किसानों की आजीविका कृषि पर आधारित है. सर्दी के मौसम में किसान नकदी फसलों के रूप में मटर की बुवाई करते हैं, जोकि मार्च-अप्रैल में में तैयार हो जाती है, लेकिन वर्तमान समय में बारिश नहीं होने से मटर के उत्पादन में कमी देखी जा रही है. ऐसे में काश्तकारों को नुकसान की चिंता सताने लगी है.
बता दें कि जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र की हरी मटर की मांग काफी दूर तक है. किसान यहां जैविक खेती करते हैं, जिसके कारण किसानों को फसलों का दाम भी सही मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन वर्तमान में बारिश ना होने के चलते हरी मटर का उत्पादन कम हुआ है, जिस कारण से किसानों की मटर के बीज की लागत का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में उन्हें भारी नुकसान हो रहा है.
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वहीं, ग्रामीण किसान जीतराम शर्मा ने बताया कि दो-तीन वर्षों से लगातार क्षेत्र के किसान नकदी फसलों की काफी मेहनत कर उत्पादन कर रहे थे, जिसका किसानों को समय-समय पर लाभ मिलता रहा है, लेकिन इस बार समय से बारिश ना होने के चलते मटर के उत्पादन में भारी कमी देखने को मिली है. जिस कारण से बीज का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है. जबकि मंडी में मटर ₹160 प्रति 5kg बिक रहा है. बावजूद इसके फसल की उत्पादन क्षमता कम होने के चलते किसान काफी मायूस हैं.