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बारिश नहीं होने से बढ़ी काश्तकारों की मुश्किलें, मटर उत्पादन में आई कमी

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Published : Mar 27, 2022, 4:04 PM IST

Updated : Mar 27, 2022, 5:04 PM IST

जौनसार बावर क्षेत्र में किसानों ने कई हेक्टेयर भूमि पर मटर की बुवाई की थी, लेकिन वर्तमान में बारिश ना होने से खेतों में खड़ी फसल सूखने के कगार पर है, जिस कारण से किसान मायूस नजर आ रहे हैं.

Pea production decreased
मटर उत्पादन में आई कमी

विकासनगर: जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में अधिकतर कृषि भूमि बारिश पर निर्भर है. यहां के किसानों की आजीविका कृषि पर आधारित है. सर्दी के मौसम में किसान नकदी फसलों के रूप में मटर की बुवाई करते हैं, जोकि मार्च-अप्रैल में में तैयार हो जाती है, लेकिन वर्तमान समय में बारिश नहीं होने से मटर के उत्पादन में कमी देखी जा रही है. ऐसे में काश्तकारों को नुकसान की चिंता सताने लगी है.

बता दें कि जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र की हरी मटर की मांग काफी दूर तक है. किसान यहां जैविक खेती करते हैं, जिसके कारण किसानों को फसलों का दाम भी सही मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन वर्तमान में बारिश ना होने के चलते हरी मटर का उत्पादन कम हुआ है, जिस कारण से किसानों की मटर के बीज की लागत का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में उन्हें भारी नुकसान हो रहा है.

मटर उत्पादन में आई कमी

ये भी पढ़ें: जंगल की आग से निपटने के लिए कॉर्बेट प्रशासन तैयार, अलर्ट पर सभी 70 क्रू सेंटर्स

वहीं, ग्रामीण किसान जीतराम शर्मा ने बताया कि दो-तीन वर्षों से लगातार क्षेत्र के किसान नकदी फसलों की काफी मेहनत कर उत्पादन कर रहे थे, जिसका किसानों को समय-समय पर लाभ मिलता रहा है, लेकिन इस बार समय से बारिश ना होने के चलते मटर के उत्पादन में भारी कमी देखने को मिली है. जिस कारण से बीज का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है. जबकि मंडी में मटर ₹160 प्रति 5kg बिक रहा है. बावजूद इसके फसल की उत्पादन क्षमता कम होने के चलते किसान काफी मायूस हैं.

विकासनगर: जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में अधिकतर कृषि भूमि बारिश पर निर्भर है. यहां के किसानों की आजीविका कृषि पर आधारित है. सर्दी के मौसम में किसान नकदी फसलों के रूप में मटर की बुवाई करते हैं, जोकि मार्च-अप्रैल में में तैयार हो जाती है, लेकिन वर्तमान समय में बारिश नहीं होने से मटर के उत्पादन में कमी देखी जा रही है. ऐसे में काश्तकारों को नुकसान की चिंता सताने लगी है.

बता दें कि जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र की हरी मटर की मांग काफी दूर तक है. किसान यहां जैविक खेती करते हैं, जिसके कारण किसानों को फसलों का दाम भी सही मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन वर्तमान में बारिश ना होने के चलते हरी मटर का उत्पादन कम हुआ है, जिस कारण से किसानों की मटर के बीज की लागत का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में उन्हें भारी नुकसान हो रहा है.

मटर उत्पादन में आई कमी

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वहीं, ग्रामीण किसान जीतराम शर्मा ने बताया कि दो-तीन वर्षों से लगातार क्षेत्र के किसान नकदी फसलों की काफी मेहनत कर उत्पादन कर रहे थे, जिसका किसानों को समय-समय पर लाभ मिलता रहा है, लेकिन इस बार समय से बारिश ना होने के चलते मटर के उत्पादन में भारी कमी देखने को मिली है. जिस कारण से बीज का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है. जबकि मंडी में मटर ₹160 प्रति 5kg बिक रहा है. बावजूद इसके फसल की उत्पादन क्षमता कम होने के चलते किसान काफी मायूस हैं.

Last Updated : Mar 27, 2022, 5:04 PM IST
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