देहरादून: कॉर्बेट रिजर्व कालागढ़ पाखरो टाइगर सफारी में हुई अनियमितताओं मामले में विजिलेंस ने जांच तेज कर दी है. आज विजिलेंस टीम ने पूर्व कॉर्बेट निदेशक राहुल कुमार (Former Corbett Director Rahul Kumar) सहित तीन IFS अफसरों से घंटो पूछताछ की और बयान दर्ज किए. सरकार की अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस इन आरोपी अधिकारियों से तमाम वो जानकारियां लेने में जुटी हैं, जिनका पाखरो टाइगर सफारी पार्क में अनियमितताओं (Irregularities in Pakhro Tiger Safari Park) से सरोकार हैं.
विजिलेंस ने IFS अफसरों पूछे सवाल: विजिलेंस टीम ने पूर्व कॉर्बेट निदेशक राहुल कुमार सहित तीन IFS अफसरों कई घंटों तक पूछताछ की. इस दौरान विजिलेंस टीम ने पाखरो टाइगर सफारी पार्क में हुई अनियमितताओं को लेकर अफसरों से पूछताछ की. टीम ने पूछा कि को क्या इस मामले में जरूरी परमिशनों के मिलने या ना मिलने की जानकारी इन संबंधित अधिकारियों को थी. वहीं, बतौर कॉर्बेट निदेशक राहुल ने सफारी वन क्षेत्र में अवैध काम होने पर क्या एक्शन लिया. इसके अलावा पूर्व निदेशक से मामले में उच्चाधिकारियों को पत्र लिखने के बारे में पूछा. वहीं, तीनों IFS अफसरों से विजिलेंस टीम ने यह भी पूछा की किस-किस निर्माण कार्य के लिए कौन-कौन सी परमिशन ली गई थी.
ये भी पढ़ें: विधानसभा बैक डोर भर्ती: प्रेमचंद अग्रवाल दिल्ली तलब, केंद्रीय नेताओं के समक्ष रखेंगे पक्ष!
मामले में विजिलेंस ने फॉरेस्ट एक्ट और नियमों के बारे में भी आरोपी अधिकारियों से लंबी पूछताछ की. जिसमें टीम ने अधिकारियों से जानकारी जुटाने का प्रयास किया. बताया जा रहा कि मामले में फॉरेस्ट के कुछ और आईएफएस अफसरों से भी विजिलेंस ने घंटों तक पूछताछ की.
बता दें कि कॉर्बेट रिजर्व कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के अंतर्गत पाखरों टाइगर सफारी इलाके में पेड़ों के अवैध कटान और अवैध निर्माण का बहुचर्चित मामला 2019-20 में सामने आया था. प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर विजिलेंस ने शासन को रिपोर्ट पेश की. जिसके बाद इस मामले में तत्कालीन डीएफओ किशन चंद सहित तीन IFS और संबंधित ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कर जांच विजिलेंस को सौंपी गई है.