देहरादून: उत्तराखंड में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध पेड़ कटान और निर्माण समेत खरीद को लेकर चल रही विजिलेंस की जांच अब पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत तक आ पहुंची है. विजिलेंस ने कोर्ट के निर्देशों के क्रम में पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज में छापेमारी की. इसके साथ ही उनके पेट्रोल पंप पर भी छापेमारी की गई. खास बात यह है कि इस छापेमारी में दो सरकारी जनरेटर बरामद हुए हैं. अब इस मामले में हरक सिंह रावत के बेटे और कॉलेज के मालिक तुषित से भी पूछताछ हो सकती है.
कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध पेड़ काटने और खरीद मामले को लेकर विजिलेंस ने अपनी जांच तेज कर दी है. खास बात यह है की पहली बार जांच पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की चौखट तक पहुंची है. जानकारी के अनुसार कॉर्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ वन क्षेत्र में जांच के दौरान खरीद किए गए सामानों की जांच के दौरान कई उपकरण और सामान वन विभाग के पास मौजूद नहीं थे.
-
Uttarakhand Vigilance team has raided an institute in Shankarpur, Dehradun and a petrol pump in Chhiddarwala. The Vigilance team is examining the documents at both places. These properties belong to Congress leader and former Forest Minister Harak Singh Rawat: State Vigilance…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Uttarakhand Vigilance team has raided an institute in Shankarpur, Dehradun and a petrol pump in Chhiddarwala. The Vigilance team is examining the documents at both places. These properties belong to Congress leader and former Forest Minister Harak Singh Rawat: State Vigilance…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 30, 2023Uttarakhand Vigilance team has raided an institute in Shankarpur, Dehradun and a petrol pump in Chhiddarwala. The Vigilance team is examining the documents at both places. These properties belong to Congress leader and former Forest Minister Harak Singh Rawat: State Vigilance…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 30, 2023
जानकारी जुटाने के बाद विजिलेंस की टीम ने हरक सिंह रावत के बेटे के सहसपुर स्थित कॉलेज में छापेमारी की . लालतप्पड़ स्थित पेट्रोल पंप पर भी छापेमारी की गई. विजिलेंस ने छापेमारी के दौरान दो जनरेटर बरामद किये हैं. इस पूरे मामले पर अब हरक सिंह रावत के बेटे और कॉलेज के मालिक से इसे लेकर पूछताछ हो सकती है. बताया जा रहा है कि जल्द ही विजिलेंस हरक सिंह रावत और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुला सकती है. इस मामले में विजिलेंस के निदेशक वी मुरुगेशन की मानें तो हल्द्वानी विंग की तरफ से FIR की गई थी. इसके बाद जांच की जा रही है. फिलहाल दो जनरेटर बरामद किए गए हैं.
वहीं, हरक सिंह रावत के ठिकानों पर विजिलेंस की जांच मामले में कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने तीखे शब्दों में इसकी निंदा की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार के इशारे पर विजिलेंस ने हरक सिंह रावत और उनके बेटे के संस्थानों पर छापेमारी की है. उन्होंने कहा एक तरफ भाजपा से जुड़े व्यवसाईयों और नेताओं के भ्रष्टाचार को केंद्र सरकार संरक्षण देती आ रही है, दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा हरक सिंह रावत जब भाजपा में थे तब उन पर कोई आरोप नहीं था, लेकिन बीजेपी छोड़ते ही वह केंद्र और राज्य सरकार की आंखों की किरकिरी बन गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दुर्भावना से ग्रसित होकर काम कर रही है.
क्या है पूरा मामला: कॉर्बेट नेशनल पार्क में त्रिवेंद्र सरकार के दौरान वन मंत्री रहते हुए हरक सिंह रावत पाखरो में टाइगर सफारी बनाने पर जोर देते रहे. इसके लिए पाखरो और कालागढ़ क्षेत्र में अवैध रूप से कई पेड़ काटे गए और अवैध निर्माण भी किया गया. इसके बाद NTCA ने शिकायत के आधार पर पहली बार प्रकरण को लेकर मौका मुआयना कर सबसे पहले जांच की. जांच में यह स्पष्ट हो गया कि यहां अवैध रूप से पेड़ काटे गए थे और बिना अनुमति के निर्माण भी किए गए थे.
पढ़ें- हरक पर कसा शिकंजा तो त्रिवेंद्र ने ली चुटकी, बोले- पाप का घड़ा एक न एक दिन भर ही जाता है
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबे समय तक चलता रहा, जबकि हाईकोर्ट ने भी इसका स्वत संज्ञान लिया. सुप्रीम कोर्ट की CEC इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दे चुकी है. इसमें तमाम अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई गई है. यही नहीं, पहली बार किसी रिपोर्ट में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की भूमिका को भी संदिग्ध बताया गया. इस मामले में विजिलेंस को जांच सौंप गई और तभी से विजिलेंस की हल्द्वानी विंग ने मामले पर एक मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी.
जांच के दौरान विजिलेंस ने कॉर्बेट के विभिन्न विभागों में हुई खरीद को लेकर भी अधिकारियों से रिपोर्ट ली. रिपोर्ट में यह पाया गया कि काफी सामान खरीदे गए थे, लेकिन वह वन प्रभाग क्षेत्र में मौजूद नहीं थे. इसके बाद पूछताछ के आधार पर खरीदे गए सामान को लेकर जांच की जा रही है. इसी में खरीदे गए जनरेटर के बिलों की मौजूदगी मिली लेकिन जनरेटर प्राप्त नहीं हुए. लिहाजा सूचना मिलने के बाद विजिलेंस की टीम ने कोर्ट की अनुमति के आधार पर जनरेटर बरामदगी के लिए जानकारी के आधार पर हरक सिंह के विभिन्न कार्यालयों में छापेमारी की, जिसमें हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज और उनके पेट्रोल पंप पर छापेमारी की गई और यहां से जनरेटर बरामद कर लिए गए हैं. इसके बाद विजिलेंस की टीम ने जनरेटर बरामद करने के बाद अपने कब्जे में ले लिए हैं.
सरकारी सामान हरक सिंह रावत के कार्यालय में बरामद होने के बाद उन पर शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है. बताया गया है कि हरक सिंह रावत के बेटे के नाम कॉलेज संचालित हो रहा है, लिहाजा उनके बेटे पर भी जांच की आंच पहुंच गई है. कहा जा रहा है कि विजिलेंस की टीम जल्द ही हरक सिंह रावत के बेटे को पूछताछ के लिए बुला सकती है, साथ ही हरक सिंह रावत से भी पूछताछ हो सकती है. इस तरह कॉर्बेट नेशनल पार्क में विभिन्न मामलों को लेकर चल रही जांच में अब सीधे तौर पर तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत भी शिकंजे में फंसते नजर आ रहे हैं.