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रण सिंह ने तैयार की थी PM मोदी की 'जौनसारी' ड्रेस, भेड़ के ऊन से की गई कारीगरी

पीएम नरेंद्र मोदी अपने अध्यात्मिक दौरे में केदारनाथ धाम में जौनसारी ओवर कोट और हिमाचली टोपी पहनकर पहुंचे थे. पीएम जब दूसरे दिन केदारनाथ मंदिर में दर्शन कर बदरीनाथ जाने के लिए निकले तो उन्होंने जौनसार बावर का पारंपरिक परिधान भूरे रंग का चोड़ा पहना था. इस ड्रेस को जौनसार बावर क्षेत्र के रहने वाले रण सिंह चौहान ने तैयार किया था.

पीएम मोदी की ड्रेस को रण सिंह ने किया था तैयार.
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Published : May 20, 2019, 2:13 PM IST

Updated : May 20, 2019, 3:18 PM IST

विकासनगर: पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रेस कोड हमेशा ही बेहद खास होता है. अकसर पीएम कई मौकों पर अपने परिधान को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ जब वो दो दिवसीय केदारनाथ और बदरीनाथ अध्यात्मिक दौरे पर रहे. केदारनाथ दर्शन करने पहुंचे पीएम ने जो पारंपरिक परिधान पहना था, वे पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस परिधान को जौनसार बावर क्षेत्र के रहने वाले दर्जी रण सिंह चौहान ने तैयार किया था.

रण सिंह ने तैयार की थी PM मोदी की 'जौनसारी' ड्रेस.

गौर हो कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने अध्यात्मिक दौरे में केदारनाथ धाम में जौनसारी ओवर कोट और हिमाचली टोपी पहनकर पहुंचे थे. पीएम जब दूसरे दिन केदारनाथ मंदिर में दर्शन कर बदरीनाथ जाने के लिए निकले तो उन्होंने जौनसार बावर का पारंपरिक परिधान भूरे रंग का चोड़ा पहना था. इस ड्रेस को जौनसार बावर क्षेत्र के रहने वाले रण सिंह चौहान ने तैयार किया था. पीएम मोदी का ये परिधान राज्य के साथ ही पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहा. क्षेत्र के लोग पीएम द्वारा जौनसारी परिधान पहनने को गौरव की बात बता रहे हैं.

दरअसल, ये ड्रेस देहरादून इन्वेस्टर्स समिट के दौरान उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीएम को भेंट की थी. बता दें कि चोड़ा परिधान भेड़ के ऊन से बनाया जाता है. ये जौनसार बावर क्षेत्र का पारंपरिक परिधान भी है. सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पारंपरिक मेले में खासकर लोग इस परिधान को पहने दिखाई देते हैं. पर्वतीय क्षेत्र के हिसाब के इस वस्त्र को बनाया जाता है जिससे ठंड से बचा जा सके.

दर्जी रण सिंह ने तैयार किया था परिधान

पीएम के लिए चोड़ा सिलने वाले दर्जी रण सिंह जौनसार बाबर क्षेत्र में घाघरा कुर्ती, धातु चोड़ा, जंगेल टोपी आदि कपड़े आज भी सिलते हैं. जनजातीय परंपरा के पौराणिक परिधान के जानकार रण सिंह बताते हैं कि वे 40 सालों से इस कार्य को कर रहे हैं. दूर-दूर से लोग उनसे पारंपरिक परिधान सिलवाने आते हैं. हालांकि, वो इस बात से बेहद दुखी है कि आधुनिकता इन पारंपरिक परिधानों पर भारी पड़ रही है. इस सब के बीच बीते कुछ वर्षों से लोगों का पारंपरिक परिधानों की ओर तेजी से रुझान बढ़ा है.

काफी गदगद हैं रण सिंह

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुये रण सिंह चौहान ने बताया कि 65 वर्ष की आयु में भी वे अपना कार्य बखूबी कर रहे हैं. केदारनाथ से बदरीनाथ जाते वक्त पीएम नरेंद्र मोदी ने जो परिधान पहना था वो उनके द्वारा ही तैयार किया गया था. लोक कलाकार नंदलाल भारती और केशव राम ने उन्हें बताया कि एक जौनसारी परिधान चोड़ा तैयार करना है, जिसके बाद से रण सिंह इस कार्य में जुट गए थे.

भेड़ के ऊन से 9 इंच की पट्टी गांव में की तैयार की गई. जिसके बाद 30 मीटर ऊनी कपड़े से 3 दिनों तक सुबह से शाम तक वे इस चौड़ा को बनाने के लिए जुटे रहे. इसे तैयार करने की लागत लगभग 20 हजार से 22 हजार रुपये आती है. उन्होंने ये कभी नहीं सोचा था कि उनके द्वारा सिला गया ये परिधान देश के प्रधानमंत्री पहनेंगे. जब उन्होंने इस समाचार को सुना तो वे बेहद गदगद हैं. उन्होंने कहा कि जौनसार बावर का परिधान पहनकर प्रधानमंत्री ने क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है.

विकासनगर: पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रेस कोड हमेशा ही बेहद खास होता है. अकसर पीएम कई मौकों पर अपने परिधान को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ जब वो दो दिवसीय केदारनाथ और बदरीनाथ अध्यात्मिक दौरे पर रहे. केदारनाथ दर्शन करने पहुंचे पीएम ने जो पारंपरिक परिधान पहना था, वे पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस परिधान को जौनसार बावर क्षेत्र के रहने वाले दर्जी रण सिंह चौहान ने तैयार किया था.

रण सिंह ने तैयार की थी PM मोदी की 'जौनसारी' ड्रेस.

गौर हो कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने अध्यात्मिक दौरे में केदारनाथ धाम में जौनसारी ओवर कोट और हिमाचली टोपी पहनकर पहुंचे थे. पीएम जब दूसरे दिन केदारनाथ मंदिर में दर्शन कर बदरीनाथ जाने के लिए निकले तो उन्होंने जौनसार बावर का पारंपरिक परिधान भूरे रंग का चोड़ा पहना था. इस ड्रेस को जौनसार बावर क्षेत्र के रहने वाले रण सिंह चौहान ने तैयार किया था. पीएम मोदी का ये परिधान राज्य के साथ ही पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहा. क्षेत्र के लोग पीएम द्वारा जौनसारी परिधान पहनने को गौरव की बात बता रहे हैं.

दरअसल, ये ड्रेस देहरादून इन्वेस्टर्स समिट के दौरान उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीएम को भेंट की थी. बता दें कि चोड़ा परिधान भेड़ के ऊन से बनाया जाता है. ये जौनसार बावर क्षेत्र का पारंपरिक परिधान भी है. सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पारंपरिक मेले में खासकर लोग इस परिधान को पहने दिखाई देते हैं. पर्वतीय क्षेत्र के हिसाब के इस वस्त्र को बनाया जाता है जिससे ठंड से बचा जा सके.

दर्जी रण सिंह ने तैयार किया था परिधान

पीएम के लिए चोड़ा सिलने वाले दर्जी रण सिंह जौनसार बाबर क्षेत्र में घाघरा कुर्ती, धातु चोड़ा, जंगेल टोपी आदि कपड़े आज भी सिलते हैं. जनजातीय परंपरा के पौराणिक परिधान के जानकार रण सिंह बताते हैं कि वे 40 सालों से इस कार्य को कर रहे हैं. दूर-दूर से लोग उनसे पारंपरिक परिधान सिलवाने आते हैं. हालांकि, वो इस बात से बेहद दुखी है कि आधुनिकता इन पारंपरिक परिधानों पर भारी पड़ रही है. इस सब के बीच बीते कुछ वर्षों से लोगों का पारंपरिक परिधानों की ओर तेजी से रुझान बढ़ा है.

काफी गदगद हैं रण सिंह

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुये रण सिंह चौहान ने बताया कि 65 वर्ष की आयु में भी वे अपना कार्य बखूबी कर रहे हैं. केदारनाथ से बदरीनाथ जाते वक्त पीएम नरेंद्र मोदी ने जो परिधान पहना था वो उनके द्वारा ही तैयार किया गया था. लोक कलाकार नंदलाल भारती और केशव राम ने उन्हें बताया कि एक जौनसारी परिधान चोड़ा तैयार करना है, जिसके बाद से रण सिंह इस कार्य में जुट गए थे.

भेड़ के ऊन से 9 इंच की पट्टी गांव में की तैयार की गई. जिसके बाद 30 मीटर ऊनी कपड़े से 3 दिनों तक सुबह से शाम तक वे इस चौड़ा को बनाने के लिए जुटे रहे. इसे तैयार करने की लागत लगभग 20 हजार से 22 हजार रुपये आती है. उन्होंने ये कभी नहीं सोचा था कि उनके द्वारा सिला गया ये परिधान देश के प्रधानमंत्री पहनेंगे. जब उन्होंने इस समाचार को सुना तो वे बेहद गदगद हैं. उन्होंने कहा कि जौनसार बावर का परिधान पहनकर प्रधानमंत्री ने क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है.

Last Updated : May 20, 2019, 3:18 PM IST
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