देहरादूनः बीजेपी विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला अब खुद ही सवालों के घेरे में घिरती नजर आ रही है. जहां पहले कई बार बुलाने पर पीड़ित महिला राज्य महिला आयोग में पेश नहीं हुई. वहीं, बच्ची के गैरकानूनी डीएनए टेस्ट से जुड़े सवालों को लेकर आज बाल अधिकार संरक्षण आयोग में महिला को पेश होना था. लेकिन यहां भी एन वक्त पर महिला ने पत्र भेज आयोग के दफ्तर आने से इंकार कर दिया.
विधायक महेश नेगी प्रकरण पर बीते अगस्त माह में बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के पूर्व सदस्य हरि सिंह नेगी ने बाल आयोग में शिकायत दी थी. जिसमें महिला द्वारा गैरकानूनी तरह से अपने बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाने की बात लिखी गई थी. ऐसे में इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए आयोग ने इस प्रकरण में पुलिस को जांच के निर्देश दिए थे.
पढ़ेंः हंसी के भाई ने CM त्रिवेंद्र और रेखा आर्य को लिखा पत्र, कही ये बात
वहीं, इस पूरे प्रकरण में जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने महिला को नवंबर माह के पहले सप्ताह में समन भेजा था. जिसमें महिला को बाल आयोग के समक्ष बीती 19 सितंबर को पेश होने को कहा गया था. लेकिन इस दौरान भी महिला ने पत्र भेजकर शिकायत की प्रतिलिपि न होने के कारण आयोग में पेश होने से इंकार कर दिया था. आज यानि 27 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक बाल आयोग ने एक बार फिर महिला को तलब किया था. लेकिन महिला ने पत्र भेजकर पेश होने से इंकार कर दिया.
ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने महिला के आयोग दफ्तर में पेश न होने को लेकर गहरी नाराजगी जताई. साथ ही कहा कि अब महिला को अगले सप्ताह तक एक बार फिर आयोग में पेश होने को कहा जाएगा. जिससे कि इस बात का स्पष्टीकरण मिल सके कि आखिर किसकी अनुमति से महिला ने अपने बच्चे का डीएनए टेस्ट कराया था.