देहरादून: टोक्यो ओलंपिक में महिला भारतीय हॉकी टीम अर्जेंटीना से सेमीफाइनल मैच हार गई है. हरिद्वार के रोशनाबाद गांव की वंदना कटारिया भी हिस्सा हैं. भारतीय महिला हॉकी टीम की जीत के लिए वंदना के परिजन भगवान से प्रार्थना कर रहे थे. वंदना कटारिया के परिजनों का कहना था कि वंदना भारतीय टीम को जिताकर अपने पिता का सपना पूरा करेगी. लेकिन हार के साथ सब निराश हो गए.
भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल की चुनौती से पार नहीं पा सकी. भारतीय टीम को अर्जेंटीना ने सेमीफाइनल में हरा दिया. इस हाईटेंशन लेवल मैच में भारतीय टीम की जीत के लिए दुआओं का दौर जारी था. इससे पहले क्वार्टर फाइनल में कमाल करने वाली वंदना कटारिया के घर पर भी प्रार्थनाओं का दौर जारी था. वंदना की मां, भाई, भाभी समेत परिवार के बच्चे भारतीय टीम की जीत के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे.
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आपके बता दें कि, भारत और अर्जेंटीना के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया था. इस मुकाबले में हरिद्वार जिले के लोगों के साथ ही देश भर के लोगों की निगाह अपने जिले की बेटी वंदना कटारिया पर टिकी थी. वंदना कटारिया हरिद्वार जिले के गांव रोशनाबाद की रहने वाली हैं. परिवार में उनकी मां और 4 भाई और 5 बहनें हैं. वंदना नौ बहन-भाइयों में सातवें नंबर की हैं. वंदना के पिताजी की 6 महीने पहले बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी. वंदना कटारिया के पिताजी का सपना था कि उनकी बेटी टीम को जिताकर गोल्ड मेडल लाए. अर्जेंटीना से हार के साथ हालांकि ये सपना टूट गया है. स्ट्राइकर वंदना कटारिया की ऐतिहासिक हैट्रिक के दम पर भारत ने 'करो या मरो' के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका टीम को 4-3 से हराकर टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश की उम्मीदें बरकरार रखी थीं. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में पहुंची थी.
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वंदना ने चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल किया था. वह ओलंपिक के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं.