ऋषिकेश: नरेंद्र नगर में रहने वाले वन गुर्जरों के आगे खाने पीने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. समस्या यह है कि यहां पर केवल महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे ही हैं. परिवार के बाकी सभी लोग लॉकडाउन से पहले अपनी गाय भैंस लेकर उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो चुके थे. अब लॉकडाउन की वजह से कई वन गुर्जर परिवार भूखे रहने को मजबूर हैं. वहीं अब इन लोगों को सरकार से मदद की दरकार है.
इस लॉकडाउन में फंसे परिवारों में से एक नूर बीवी का परिवार है, जो नरेंद्र नगर वन प्रभाग के कुशरेला बीट में रहता है. घर के पुरुष गाय-भैंसों को लेकर लॉकडाउन से पहले उत्तर प्रदेश गए थे और कुछ दिनों बाद इन्हें भी जाना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते अब यह जंगल में ही रुकने को मजबूर हैं. धीरे धीरे रखा राशन भी समाप्ति की ओर है.
ऐसे में अब इन्हें चिंता सताने लगी है कि ना तो इनके पास पैसे हैं और ना ही इन्हें कोई मदद दी जा रही है. इनके साथ बच्चे और बुजुर्ग मिलाकर करीब 12 लोग हैं. प्रशासन द्वारा जो मदद दी जा रही है वो ग्रामीण क्षेत्रों और नगर में ही दी जा रही है. वन क्षेत्र में रहने वाले ऐसे परिवारों पर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है.
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दरअसल वन गुर्जर 6 माह उत्तराखंड में और 6 महीने उत्तर प्रदेश में निवास करते हैं. इस मुश्किल घड़ी में समाजसेवियों और प्रशासन द्वारा मदद केवल शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में ही दी जा रही है. वन क्षेत्र में रहने वाले इन वन गुर्जरों की ओर किसी का ध्यान नहीं है.