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विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंडी लोक कलाकारों ने दिया सांकेतिक धरना

उत्तराखंडी लोक कलाकारों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर देहरादून के गांधी पार्क के गेट के सामने सांकेतिक धरना दिया.

Uttarakhandi folk artists
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Published : Feb 20, 2021, 9:26 PM IST

देहरादूनः अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंडी लोक कलाकारों ने गांधी पार्क के गेट के सामने सांकेतिक धरना दिया. लोक कलाकारों का कहना है कि उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री के खिलाफ उन्हें मजबूरन प्रदर्शन करने पर बाध्य होना पड़ा है.

वहीं, लोक कलाकारों का कहना है कि अभी तक उत्तराखंडी लोक कलाकारों का 2019-20 तक के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पूर्ण भुगतान तक नहीं हुए हैं. इसके चलते उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही भारत में किसी भी राज्य में सांस्कृतिक दलों से जीएसटी नहीं लिया जाता है. लेकिन अपने राज्य में ही सांस्कृतिक दलों पर जीएसटी थोपा गया है.

ये भी पढ़ेंः गढ़वाल सांसद तीरथ का दावा, पहाड़ पर 2024 तक शुरू होगी रेल सेवा

वहीं, लोक गायक एस राणा ने कहा कि संस्कृति मंत्री उनकी मांगों को अनसुना करने में लगे हुए हैं. इस कोविड काल में लोक कलाकारों की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि 15 दिन के भीतर लोक कलाकारों की समस्याओं पर संस्कृति मंत्री गौर नहीं करते हैं, तो ऐसे में उन्हें अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बहिष्कार करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

लोक कलाकारों की प्रमुख मांगें

  • सांस्कृतिक दलों को स्थानीय कार्यक्रम में एक दिन का दैनिक भत्ता दिया जाए.
  • संस्कृति विभाग कलाकार कल्याण कोष से कलाकार की आर्थिक स्थिति खराब होने पर तुरंत आर्थिक सहायता प्रदान करें.
  • कलाकारों का पहचान पत्र पूर्व की भांति बनाया जाए.
  • संस्कृति विभाग में सांस्कृतिक सलाहकार का चयन यथाशीघ्र किया जाए.

देहरादूनः अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंडी लोक कलाकारों ने गांधी पार्क के गेट के सामने सांकेतिक धरना दिया. लोक कलाकारों का कहना है कि उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री के खिलाफ उन्हें मजबूरन प्रदर्शन करने पर बाध्य होना पड़ा है.

वहीं, लोक कलाकारों का कहना है कि अभी तक उत्तराखंडी लोक कलाकारों का 2019-20 तक के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पूर्ण भुगतान तक नहीं हुए हैं. इसके चलते उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही भारत में किसी भी राज्य में सांस्कृतिक दलों से जीएसटी नहीं लिया जाता है. लेकिन अपने राज्य में ही सांस्कृतिक दलों पर जीएसटी थोपा गया है.

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वहीं, लोक गायक एस राणा ने कहा कि संस्कृति मंत्री उनकी मांगों को अनसुना करने में लगे हुए हैं. इस कोविड काल में लोक कलाकारों की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि 15 दिन के भीतर लोक कलाकारों की समस्याओं पर संस्कृति मंत्री गौर नहीं करते हैं, तो ऐसे में उन्हें अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बहिष्कार करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

लोक कलाकारों की प्रमुख मांगें

  • सांस्कृतिक दलों को स्थानीय कार्यक्रम में एक दिन का दैनिक भत्ता दिया जाए.
  • संस्कृति विभाग कलाकार कल्याण कोष से कलाकार की आर्थिक स्थिति खराब होने पर तुरंत आर्थिक सहायता प्रदान करें.
  • कलाकारों का पहचान पत्र पूर्व की भांति बनाया जाए.
  • संस्कृति विभाग में सांस्कृतिक सलाहकार का चयन यथाशीघ्र किया जाए.

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