देहरादून : युवा अपने भविष्य को तराशने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों से ज्यादा आईटीआई को प्राथमिकता दे रहे हैं. दरअसल, उत्तराखंड के युवाओं का इंजीनियरिंग संस्थानों से मोह भंग होता दिख रहा है. इस बार तकनीकी क्षेत्र में जाने की इच्छा रखने वाले युवाओं ने इंजीनियरिंग संस्थानों से ज्यादा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में दाखिले को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है. इस वर्ष औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए सीटों के तुलना में जहां 45 फीसदी अधिक आवेदन आए हैं. तो वहीं, इंजीनियरिंग संस्थानों में आए आवेदनों की संख्या सीटों की तुलना में 55 फ़ीसदी कम हुई है.
बता दें कि पूरे प्रदेश में 88 आईटीआई संस्थान मौजूद हैं, जबकि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में ट्रेड की 7912 सीट हैं. इन सीटों पर प्रवेश के लिए इस वर्ष 11477 आवेदन प्राप्त हुए हैं, तो वहीं, 64 सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की बात करें तो उन में कुल 5860 सीट हैं. इसमें 2690 सीट सरकारी कॉलेजों में और बाकी निजी कॉलेजों में हैं. इन सीटों की तुलना में इस बार मात्र 2612 छात्र-छात्राओं ने ही प्रवेश के लिए आवेदन किए हैं. यदि यह छात्र छात्राएं प्रवेश ले भी लेते हैं, तब भी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 50 फीसद से ज्यादा सीटें खाली रहने की संभावना है. इससे आंकड़े बता रहे हैं कि छात्र-छात्राओं से इंजीनियर संस्थानों के प्रति रुझान कम होता दिखाई दे रहा है.
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गौरतलब है कि प्रदेश भर में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 32 ट्रेड संचालित हो रहे हैं, सबसे ज्यादा 20 फीट दून के निरंजनपुर स्थित आईटीआई में हैं. जबकि अल्मोड़ा हल्द्वानी आईटीआई में 17 ट्रेड हैं. वही काशीपुर आईटीआई में 15 और हरिद्वार आईटीआई में 10 ट्रेड संचालित किए जा रहे हैं.