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भर्तियों में भ्रष्टाचार के मामले पर उत्तराखंड में ताली-थाली का 'शोर', CBI जांच की मांग पकड़ने लगी जोर

उत्तराखंड में बीते 3 महीनों में घोटाले और भर्ती मामलों की बाढ़ सी आई है. जिसके बाद राज्य का युवा चिंतित और परेशान है. अपने हकों को लेकर युवा हर दिन सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश में हुए भर्ती घोटालों को विरोध में युवाओं ने ताली और थाली बजाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया. राज्य के युवा लगातार भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच को लेकर पीएम मोदी के साथ ही राज्य सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

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भर्ती में भ्रष्टाचार के मामले पर उत्तराखंड में ताली-थाली का 'शोर'
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Published : Sep 21, 2022, 11:38 AM IST

Updated : Sep 21, 2022, 8:12 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में भर्तियों में भ्रष्टाचार से लेकर तमाम अनियमिताओं को लेकर प्रदेश के युवा आक्रोशित हैं. जिसके कारण हर दिन युवा सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश में एक के बाद एक खुल रहे भर्ती घोटाले और अन्य मामलों के बाद अब युवाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक पहाड़ से लेकर मैदान तक तमाम युवा अब केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार युवाओं से अपील कर रहे हैं कि किसी भी युवा का हक नहीं मारा जाएगा.

जब पूरी बीजेपी राज्य के साथ-साथ देश भर में प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन मना रही थी, तब उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं के युवा देर रात तक थाली बजाकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे. पहाड़ों से निकलने वाली आवाज दिल्ली तक पहुंच सके इसके लिए कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी में देर रात तो प्रदर्शन हुआ. साथ ही साथ गढ़वाल के उच्च हिमालयी के इलाकों में भी युवाओं ने सुर में सुर मिला कर केंद्र सरकार से इस पूरे मामले पर हस्तक्षेप करने की अपील की.

उत्तराखंड में ताली-थाली का 'शोर'

यह बात अब किसी से छुपी नहीं है कि उत्तराखंड में जिस तरह से बीते 3 महीनों में घोटाले और भर्ती मामलों की बाढ़ आई है, उसके बाद राज्य का युवा चिंतित और परेशान है. भविष्य को लेकर परेशान युवा कभी राजधानी की सड़कों पर निकल रहे हैं तो कभी मंत्रियों और अधिकारियों के दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. उत्तराखंड में वीडियो भर्ती हो या फिर वन दारोगा भर्ती पेपर लीक मामला हो या फिर विधानसभा में नियुक्ति का मामला राज्य का युवा इन तमाम घोटाले सामने आने के बाद अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगा है.
पढे़ं-अपनों को रेवड़ी बांटने में कुंजवाल से आगे निकले प्रेमचंद, एक क्लिक में जानिए विधानसभा भर्ती घोटाले की पूरी कहानी

युवाओं का कहना है कि मौजूदा जांच एजेंसियां राज्य सरकार के अधीन काम कर रही हैं. ऐसे में हो सकता है कि किसी दोषियों को भी बचाया जा सके. लिहाजा केंद्र सरकार जिस तरह से अन्य राज्यों में हुए घपले घोटालों की जांच के लिए सीबीआई भेज रही है, उसी तरह से उत्तराखंड में भी इन तमाम मामलों के लिए सीबीआई जांच करवाई जाए. अपनी उम्र निकलती देख युवा इस बात से चिंतित हैं कि अगर राज्य में अभी भी आंख बंद करके युवा बैठ गए तो आने समय युवाओं के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा. युवाओं का कहना है कि उत्तराखंड में वैसे तो नौकरियां निकलती नहीं हैं, जब निकलती हैं तो उन में अपनों को भर्ती करवाकर दूसरे युवाओं का हक मारा जाता है. इतना ही नहीं जो भर्तियां हो जाती हैं उन भर्तियों को घोटाले घपले की वजह से या तो रद्द कर दिया जाता है या फिर सालों साल रोक दिया जाता है.
पढे़ं- 22 साल में उत्तराखंड में हुए कई बड़े घोटाले, 'सफेदपोशों' के कॉलर से कानून के हाथ दूर!

राज्य में युवाओं का विरोध और सड़कों पर सरकार के खिलाफ लग रहे नारे को देखकर कांग्रेस भी इस आग में आहुति डालने का काम कर रही है. विपक्ष होने के नाते कांग्रेस को भी लगता है कि यह मुद्दा बड़ा है. लिहाजा वह भी इस मुद्दे के साथ युवाओं के साथ खड़ी नजर आ रही है. कांग्रेस का कहना है कि जब जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और तमाम दूसरे राज्यों में सीबीआई भेजी जा सकती है तो फिर उत्तराखंड में हो रहे घोटालों को केंद्र सरकार कैसे नजरअंदाज कर रही है. ऐसे में युवा जब मांग कर रहे हैं कि सीबीआई के अलावा कोई और जांच उन्हें नहीं चाहिए तो फिर राज्य और केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
पढे़ं- विधानसभा में हुई भर्तियों पर सियासत गर्म, CM और मंत्रियों के करीबियों को मिली नौकरी, विपक्ष ने घेरा

इन सबके बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार युवाओं से अपील कर रहे हैं कि किसी भी भर्ती में युवाओं के साथ अन्याय नहीं होगा. अगर आयु की वजह से भी कुछ योग्य युवाओं की चिंता बनी हुई है तो राज्य सरकार इस पर भी जरूर विचार करेगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं से अपील की है कि वह इस पूरे मामले पर थोड़ी शांति बनाकर रखें और जांच एजेंसियों को अपना काम करने दें. समय रहते सब दूध का दूध और पानी का पानी तो होगा ही साथ ही साथ युवाओं को आने वाले समय में निराश नहीं होने दिया जाएगा.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया ईडी कार्यालय में हंगामा: यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संपत्ति की जांच को मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय में भी जमकर हंगामा किया. ईडी कार्यालय के अधिकारियों को ज्ञापन लेने ना आने से आक्रोशित युवा कांग्रेस कार्यकर्ता जबरन कार्यालय का गेट खोल कर अंदर घुस गए. इसके बाद ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के बाहर आकर ज्ञापन लिए जाने के बाद ही प्रदर्शनकारी शांत हुए. इस बीच करीब 2 घंटे तक ईडी कार्यालय में हंगामे की स्थिति बनी रही. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक संदीप चमोली का कहना है कि घोटाले में जो भी आरोपी पकड़े जा चुके हैं, उन्होंने घोटालों को अंजाम देकर अकूत संपत्ति अर्जित की है. इसमें बड़े-बड़े होटल, पॉश इलाकों में आवासीय मकान और स्टोन क्रशर शामिल हैं. उसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा उनके संपत्तियों की जांच कराने को लेकर गंभीर नहीं है.

देहरादून: उत्तराखंड में भर्तियों में भ्रष्टाचार से लेकर तमाम अनियमिताओं को लेकर प्रदेश के युवा आक्रोशित हैं. जिसके कारण हर दिन युवा सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश में एक के बाद एक खुल रहे भर्ती घोटाले और अन्य मामलों के बाद अब युवाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक पहाड़ से लेकर मैदान तक तमाम युवा अब केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार युवाओं से अपील कर रहे हैं कि किसी भी युवा का हक नहीं मारा जाएगा.

जब पूरी बीजेपी राज्य के साथ-साथ देश भर में प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन मना रही थी, तब उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं के युवा देर रात तक थाली बजाकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे. पहाड़ों से निकलने वाली आवाज दिल्ली तक पहुंच सके इसके लिए कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी में देर रात तो प्रदर्शन हुआ. साथ ही साथ गढ़वाल के उच्च हिमालयी के इलाकों में भी युवाओं ने सुर में सुर मिला कर केंद्र सरकार से इस पूरे मामले पर हस्तक्षेप करने की अपील की.

उत्तराखंड में ताली-थाली का 'शोर'

यह बात अब किसी से छुपी नहीं है कि उत्तराखंड में जिस तरह से बीते 3 महीनों में घोटाले और भर्ती मामलों की बाढ़ आई है, उसके बाद राज्य का युवा चिंतित और परेशान है. भविष्य को लेकर परेशान युवा कभी राजधानी की सड़कों पर निकल रहे हैं तो कभी मंत्रियों और अधिकारियों के दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. उत्तराखंड में वीडियो भर्ती हो या फिर वन दारोगा भर्ती पेपर लीक मामला हो या फिर विधानसभा में नियुक्ति का मामला राज्य का युवा इन तमाम घोटाले सामने आने के बाद अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगा है.
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युवाओं का कहना है कि मौजूदा जांच एजेंसियां राज्य सरकार के अधीन काम कर रही हैं. ऐसे में हो सकता है कि किसी दोषियों को भी बचाया जा सके. लिहाजा केंद्र सरकार जिस तरह से अन्य राज्यों में हुए घपले घोटालों की जांच के लिए सीबीआई भेज रही है, उसी तरह से उत्तराखंड में भी इन तमाम मामलों के लिए सीबीआई जांच करवाई जाए. अपनी उम्र निकलती देख युवा इस बात से चिंतित हैं कि अगर राज्य में अभी भी आंख बंद करके युवा बैठ गए तो आने समय युवाओं के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा. युवाओं का कहना है कि उत्तराखंड में वैसे तो नौकरियां निकलती नहीं हैं, जब निकलती हैं तो उन में अपनों को भर्ती करवाकर दूसरे युवाओं का हक मारा जाता है. इतना ही नहीं जो भर्तियां हो जाती हैं उन भर्तियों को घोटाले घपले की वजह से या तो रद्द कर दिया जाता है या फिर सालों साल रोक दिया जाता है.
पढे़ं- 22 साल में उत्तराखंड में हुए कई बड़े घोटाले, 'सफेदपोशों' के कॉलर से कानून के हाथ दूर!

राज्य में युवाओं का विरोध और सड़कों पर सरकार के खिलाफ लग रहे नारे को देखकर कांग्रेस भी इस आग में आहुति डालने का काम कर रही है. विपक्ष होने के नाते कांग्रेस को भी लगता है कि यह मुद्दा बड़ा है. लिहाजा वह भी इस मुद्दे के साथ युवाओं के साथ खड़ी नजर आ रही है. कांग्रेस का कहना है कि जब जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और तमाम दूसरे राज्यों में सीबीआई भेजी जा सकती है तो फिर उत्तराखंड में हो रहे घोटालों को केंद्र सरकार कैसे नजरअंदाज कर रही है. ऐसे में युवा जब मांग कर रहे हैं कि सीबीआई के अलावा कोई और जांच उन्हें नहीं चाहिए तो फिर राज्य और केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
पढे़ं- विधानसभा में हुई भर्तियों पर सियासत गर्म, CM और मंत्रियों के करीबियों को मिली नौकरी, विपक्ष ने घेरा

इन सबके बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार युवाओं से अपील कर रहे हैं कि किसी भी भर्ती में युवाओं के साथ अन्याय नहीं होगा. अगर आयु की वजह से भी कुछ योग्य युवाओं की चिंता बनी हुई है तो राज्य सरकार इस पर भी जरूर विचार करेगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं से अपील की है कि वह इस पूरे मामले पर थोड़ी शांति बनाकर रखें और जांच एजेंसियों को अपना काम करने दें. समय रहते सब दूध का दूध और पानी का पानी तो होगा ही साथ ही साथ युवाओं को आने वाले समय में निराश नहीं होने दिया जाएगा.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया ईडी कार्यालय में हंगामा: यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संपत्ति की जांच को मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय में भी जमकर हंगामा किया. ईडी कार्यालय के अधिकारियों को ज्ञापन लेने ना आने से आक्रोशित युवा कांग्रेस कार्यकर्ता जबरन कार्यालय का गेट खोल कर अंदर घुस गए. इसके बाद ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के बाहर आकर ज्ञापन लिए जाने के बाद ही प्रदर्शनकारी शांत हुए. इस बीच करीब 2 घंटे तक ईडी कार्यालय में हंगामे की स्थिति बनी रही. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक संदीप चमोली का कहना है कि घोटाले में जो भी आरोपी पकड़े जा चुके हैं, उन्होंने घोटालों को अंजाम देकर अकूत संपत्ति अर्जित की है. इसमें बड़े-बड़े होटल, पॉश इलाकों में आवासीय मकान और स्टोन क्रशर शामिल हैं. उसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा उनके संपत्तियों की जांच कराने को लेकर गंभीर नहीं है.

Last Updated : Sep 21, 2022, 8:12 PM IST
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