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शीतकालीन सत्रः विपक्ष का दबाव आया काम, 'प्राइवेट-डे' के रूप में एक दिन और बढ़ा सत्र - उत्तराखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र बढ़ा

उत्तराखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान विपक्ष लगातार सदन की कार्यवाही अवधि को बढ़ाने की मांग कर रहा था. जिसे मंजूरी मिल गई है.

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Published : Dec 23, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 3:56 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन था. लेकिन विपक्षी दलों की मांग ने सत्र को एक और दिन के लिए बढ़ा दिया है. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की मंजूरी के बाद अब गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही होगी. दरअसल, विधानसभा सत्र की अवधि को लेकर विपक्षी विधायकों ने पहले दिन से सवाल उठाने शुरू कर दिए थे.

एक दिन और बढ़ा शीतकालीन सत्र.

विधानसभा सत्र से ठीक पहले हुई कार्य मंत्रणा में भी विपक्ष ने सवाल उठाया था कि सदन की कार्यवाही को एक और दिन बढ़ाया जाए. लेकिन सत्ता पक्ष ने विपक्ष की इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया. बावजूद इसके विपक्ष इस मुद्दे को लगातार उठाती रही. सत्र के तीसरे दिन बुधवार को हुई कार्य मंत्रणा की बैठक में सदन को एक दिन और बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है.

पढ़ेंः शीतकालीन सत्र: विपक्षी विधायक धान और माल्टा लेकर पहुंचे विधानसभा, सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने जानकारी दी कि सदन का कामकाज निपट चुका है. यानी जो सरकारी काम थे, वह खत्म हो चुके हैं. यह 1 दिन सत्र की अवधि बढ़ाने के पीछे अशासकीय यानी प्राइवेट डे कार्यों को निपटाना है. इस एक दिन में प्रश्नकाल नहीं रहेगा.

मामले में उपनेता प्रतिपक्ष करन महरा ने जानकारी दी कि विपक्ष के भारी दबाव के बाद भी सदन केवल एक दिन के लिए बढ़ाया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी सदन की अवधि बेहद कम है. उन्होंने बताया कि सदन की अवधि अगर एक दिन और भी बढ़ाई जाती है तो उसके बाद भी साल में केवल 10 दिन सदन चला है, जोकि जन समस्याओं को मद्देनजर बेहद कम है. सरकार को चाहिए कि वह सत्र को पूरे 60 दिन चलाए, जिसमें जन समस्याओं को सदन में उठाया जा सके.

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन था. लेकिन विपक्षी दलों की मांग ने सत्र को एक और दिन के लिए बढ़ा दिया है. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की मंजूरी के बाद अब गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही होगी. दरअसल, विधानसभा सत्र की अवधि को लेकर विपक्षी विधायकों ने पहले दिन से सवाल उठाने शुरू कर दिए थे.

एक दिन और बढ़ा शीतकालीन सत्र.

विधानसभा सत्र से ठीक पहले हुई कार्य मंत्रणा में भी विपक्ष ने सवाल उठाया था कि सदन की कार्यवाही को एक और दिन बढ़ाया जाए. लेकिन सत्ता पक्ष ने विपक्ष की इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया. बावजूद इसके विपक्ष इस मुद्दे को लगातार उठाती रही. सत्र के तीसरे दिन बुधवार को हुई कार्य मंत्रणा की बैठक में सदन को एक दिन और बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है.

पढ़ेंः शीतकालीन सत्र: विपक्षी विधायक धान और माल्टा लेकर पहुंचे विधानसभा, सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने जानकारी दी कि सदन का कामकाज निपट चुका है. यानी जो सरकारी काम थे, वह खत्म हो चुके हैं. यह 1 दिन सत्र की अवधि बढ़ाने के पीछे अशासकीय यानी प्राइवेट डे कार्यों को निपटाना है. इस एक दिन में प्रश्नकाल नहीं रहेगा.

मामले में उपनेता प्रतिपक्ष करन महरा ने जानकारी दी कि विपक्ष के भारी दबाव के बाद भी सदन केवल एक दिन के लिए बढ़ाया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी सदन की अवधि बेहद कम है. उन्होंने बताया कि सदन की अवधि अगर एक दिन और भी बढ़ाई जाती है तो उसके बाद भी साल में केवल 10 दिन सदन चला है, जोकि जन समस्याओं को मद्देनजर बेहद कम है. सरकार को चाहिए कि वह सत्र को पूरे 60 दिन चलाए, जिसमें जन समस्याओं को सदन में उठाया जा सके.

Last Updated : Dec 23, 2020, 3:56 PM IST
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