देहरादून: पिरान कलियर (Kaliyar Sharif) को उत्तराखंड का छठवां धाम माना जाता है, लेकिन इस धाम में कई अनैतिक काम हो रहे हैं. ऐसा कहना है उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का. शादाब शम्स (BJP leader Shadab Shams) ने कहा है कि पिरान कलियर में लोगों की बहुत बड़ी आस्था है, लेकिन इस आस्था पर कुछ लोग बट्टा लगाने का काम कर रहे हैं.
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स (Waqf Board President Shadab Shams) ने आगे कहा कि पिरान कलियर में मानव तस्करी के साथ-साथ देह व्यापार की भी कई घटनाएं सामने आ रही हैं. साथ ही मानव तस्करी के साथ ड्रग्स की तस्करी भी चरम पर है. उन्होंने कहा कि इस गंदगी को हटाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी. शादाब शम्स ने आगे कहा कि धामी सरकार एक भी गलत आदमी को पिरान कलियर में ठहरने नहीं देगी. ऐसे लोगों पर सरकार की झाड़ू भी चलाएगी और बुलडोजर भी चलाएगी.
ये भी पढ़ें: वक्फ बोर्ड की संपत्ति होगी अतिक्रमण मुक्त, बैठक में लाया जाएगा बुलडोजर खरीद का प्रस्ताव
अवैध ढांचों को हटाएगा उत्तराखंड वक्फ बोर्ड: शादाब शम्स का कहना है कि बोर्ड 15 सितंबर को होने वाली अपनी बैठक में पूरे राज्य में वक्फ जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए जरूरी बुलडोजर खरीदने या किराए पर लेने का प्रस्ताव पेश करेगा. उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हजारों एकड़ वक्फ भूमि पर अवैध रूप से कब्जा है. हम अपनी संपत्तियों को माफिया के चंगुल से मुक्त करना चाहते हैं ताकि वे उन लोगों के लिए उपयोगी बन सकें जिनके लिए वे वास्तव में हैं.
उन्होंने कहा कि अवैध कब्जाधारियों को नोटिस दिया जा रहा है और कार्रवाई अगले सप्ताह कभी भी शुरू कर दी जाएगी. शादाब शम्स ने कहा कि कार्रवाई की शुरुआत देहरादून के प्रेम नगर से होगी. जहां 14 बीघा वक्फ भूमि पर अलीगढ़ के मुसलमानों का कब्जा है. वे सालों पहले यहां सेलाकुई क्षेत्र में कारखानों में काम करने आए थे और अपना घर बना लिया था. इस भूमि पर लगभग 200 परिवार रहते हैं. उन्होंने कहा कि कौन जानता है कि वे कौन हैं. वे संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले लोग हो सकते हैं. उत्तराखंड धर्मशाला नहीं है.
पिरान करियर की मान्यता: पिरान कलियर दरगाह रुड़की से करीब 20 किलोमीटर दूर गंगा नदी के तट पर पिरान कलियर (Piran Kaliyar) में स्थित है. यह दरगाह (Dargah) पूरे देश को मानवता और एकता का संदेश देती है. पिरान कलियर (Piran Kaliyar Dargah) को कलियर शरीफ के नाम से भी जाना जाता है. यह सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की कब्र है. यहां हर वर्ष धार्मिक कार्यक्रम “उर्स” का आयोजन किया जाता है.
मुस्लिम समुदाय के साथ साथ हिंदु धर्म के लोग भी यहां चादर चढ़ाते हैं तथा मन्नत मांगते है. इसी तरह कलियर शरीफ में लोगों की मुरादें पूरी होने के साथ ही यह ऐसी दरगाह है जहां जिन्न और भूत प्रेतों (Ghosts) को सरेआम फांसी दी जाती है. दरगाह में एक गूलर के खाने से निसंतान दंपत्ति को औलाद मिल जाती है. माना जाता है कि साबिर की दरगाह में जो भी मन्नत मुरादे लेकर पहुंचते हैं, वे उन्हें खाली हाथ नहीं लौटाते.