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उत्तराखंड उपनल महासंघ का कार्य बहिष्कार, रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने दिया समर्थन - श्रीनगर में उपनल कर्मचारियों का विरोध

उपनल महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर दो दिवसीय कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. इसी क्रम में उपनल कर्मचारियों ने देहरादून में प्रदर्शन किया. वहीं, उपनल कर्मचारियों के आंदोलन को रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने समर्थन दिया है.

Uttarakhand Upnal Mahasangh
उत्तराखंड उपनल महासंघ का कार्य बहिष्कार
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Published : Feb 22, 2021, 3:05 PM IST

Updated : Feb 22, 2021, 7:30 PM IST

देहरादून: अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर के उपनल कर्मी 2 दिन के कार्य बहिष्कार पर हैं. इसी क्रम में सोमवार को उपनल कर्मियों ने सहस्त्रधारा रोड स्थित एकता विहार में कार्य बहिष्कार करते हुए धरना-प्रदर्शन किया. उपनल कर्मचारी महासंघ ने 22 और 23 फरवरी को प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है.

Uttarakhand Upnal Mahasangh
उत्तराखंड उपनल महासंघ का कार्य बहिष्कार.

महासंघ के प्रदेश महामंत्री हेमंत रावत का कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा उपनल कर्मचारियों को नियमित और समान कार्य के लिए समान वेतन का आदेश जारी किया जा चुका है. इसके बावजूद सरकार ने अभी तक इसका पालन नहीं किया है. उन्होंने सरकार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि कर्मचारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से मजबूरन आज उपनल कर्मचारियों को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है.

Uttarakhand Upnal Mahasangh
रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने दिया समर्थन.

ये भी पढ़ें: मंगल ग्रह पर हल्द्वानी की दो बहनों के नाम अंकित, जानिए NASA के किस मिशन से जुड़ीं

उपनल कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के कारण इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है. अस्पतालों में ओपीडी पंजीकरण से लेकर मरीजों के इलाज में बड़ी संख्या में उपनल कर्मी शामिल हैं. इसके साथ ही वार्ड ब्वॉय से लेकर सफाई व्यवस्था, पैथोलॉजी से लेकर रेडियोलॉजी विभाग में उपनल कर्मियों की तैनाती है. ऐसे में कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार का असर सरकारी अस्पतालों में देखने को मिल रहा है.

हड़ताल पर दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर अनिल खत्री के मुताबिक इस स्थिति से निपटने के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई हैं. उन्होंने कहा कि उपनल कर्मियों के कार्य बहिष्कार की वजह से अस्पताल का काम बाधित नहीं होगा.

रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने दिया समर्थन

अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर के उपनल कर्मी 2 दिन के कार्य बहिष्कार पर हैं. इसी क्रम में सोमवार को उपनल कर्मियों ने सहस्त्रधारा रोड स्थित एकता विहार में कार्य बहिष्कार करते हुए धरना-प्रदर्शन किया. उपनल कर्मचारी महासंघ ने 22 और 23 फरवरी को प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. वहीं, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने उपनल कर्मियों के आंदोलन को सभी प्रकार से समर्थन करने का निर्णय लिया गया है.

यूनियन ने पत्र जारी करते हुए कहा कि अगर सरकार ने राज्य में कार्यरत करीब एक लाख से अधिक उपनल कर्मचारियों को समान काम एवं समान वेतन और अन्य सुविधाओं सहित नियमितीकरण का लाभ नहीं देती तो यह आन्दोलन व्यापक रूप धारण कर सकता है. साथ ही कहा कि उत्तराखण्ड परिवहन निगम में भी लगभग 3500 विशेष श्रेणी/ सविदा उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने भी उपनल कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय दिया है. ऐसे में इन सभी कर्मचारियों को समान काम, समान वेतन और नियमितीकरण का लाभ मिलना ही चाहिए.

श्रीनगर में उपनल कर्मचारियों का विरोध

श्रीनगर के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के संविदा कर्मी ने परिसर में ही धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी सूत्रीय मांग पूरी न हुई तो वो अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे.

रुद्रप्रयाग और लक्सर में प्रदर्शन

संघ के जिला उपाध्यक्ष वृजमोहन थपलियाल सहित अन्य वक्ताओं ने कहा है कि उपनल कर्मचारियों ने अपनी न्यायोचित मांग को लेकर सरकार से समान कार्य के लिए समान वेतन देने की मांग की है, लेकिन सरकार उनकी न्यायोचित मांग को दरकिनार कर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं, लक्सर में ऊर्जा निगम में उपनल के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों ने लक्सर बिजलीघर पर कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया तथा एक समान कार्य समान वेतनमान लागू किये जाने की मांग की.

देहरादून: अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर के उपनल कर्मी 2 दिन के कार्य बहिष्कार पर हैं. इसी क्रम में सोमवार को उपनल कर्मियों ने सहस्त्रधारा रोड स्थित एकता विहार में कार्य बहिष्कार करते हुए धरना-प्रदर्शन किया. उपनल कर्मचारी महासंघ ने 22 और 23 फरवरी को प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है.

Uttarakhand Upnal Mahasangh
उत्तराखंड उपनल महासंघ का कार्य बहिष्कार.

महासंघ के प्रदेश महामंत्री हेमंत रावत का कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा उपनल कर्मचारियों को नियमित और समान कार्य के लिए समान वेतन का आदेश जारी किया जा चुका है. इसके बावजूद सरकार ने अभी तक इसका पालन नहीं किया है. उन्होंने सरकार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि कर्मचारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से मजबूरन आज उपनल कर्मचारियों को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है.

Uttarakhand Upnal Mahasangh
रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने दिया समर्थन.

ये भी पढ़ें: मंगल ग्रह पर हल्द्वानी की दो बहनों के नाम अंकित, जानिए NASA के किस मिशन से जुड़ीं

उपनल कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के कारण इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है. अस्पतालों में ओपीडी पंजीकरण से लेकर मरीजों के इलाज में बड़ी संख्या में उपनल कर्मी शामिल हैं. इसके साथ ही वार्ड ब्वॉय से लेकर सफाई व्यवस्था, पैथोलॉजी से लेकर रेडियोलॉजी विभाग में उपनल कर्मियों की तैनाती है. ऐसे में कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार का असर सरकारी अस्पतालों में देखने को मिल रहा है.

हड़ताल पर दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर अनिल खत्री के मुताबिक इस स्थिति से निपटने के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई हैं. उन्होंने कहा कि उपनल कर्मियों के कार्य बहिष्कार की वजह से अस्पताल का काम बाधित नहीं होगा.

रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने दिया समर्थन

अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर के उपनल कर्मी 2 दिन के कार्य बहिष्कार पर हैं. इसी क्रम में सोमवार को उपनल कर्मियों ने सहस्त्रधारा रोड स्थित एकता विहार में कार्य बहिष्कार करते हुए धरना-प्रदर्शन किया. उपनल कर्मचारी महासंघ ने 22 और 23 फरवरी को प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. वहीं, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने उपनल कर्मियों के आंदोलन को सभी प्रकार से समर्थन करने का निर्णय लिया गया है.

यूनियन ने पत्र जारी करते हुए कहा कि अगर सरकार ने राज्य में कार्यरत करीब एक लाख से अधिक उपनल कर्मचारियों को समान काम एवं समान वेतन और अन्य सुविधाओं सहित नियमितीकरण का लाभ नहीं देती तो यह आन्दोलन व्यापक रूप धारण कर सकता है. साथ ही कहा कि उत्तराखण्ड परिवहन निगम में भी लगभग 3500 विशेष श्रेणी/ सविदा उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने भी उपनल कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय दिया है. ऐसे में इन सभी कर्मचारियों को समान काम, समान वेतन और नियमितीकरण का लाभ मिलना ही चाहिए.

श्रीनगर में उपनल कर्मचारियों का विरोध

श्रीनगर के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के संविदा कर्मी ने परिसर में ही धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी सूत्रीय मांग पूरी न हुई तो वो अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे.

रुद्रप्रयाग और लक्सर में प्रदर्शन

संघ के जिला उपाध्यक्ष वृजमोहन थपलियाल सहित अन्य वक्ताओं ने कहा है कि उपनल कर्मचारियों ने अपनी न्यायोचित मांग को लेकर सरकार से समान कार्य के लिए समान वेतन देने की मांग की है, लेकिन सरकार उनकी न्यायोचित मांग को दरकिनार कर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं, लक्सर में ऊर्जा निगम में उपनल के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों ने लक्सर बिजलीघर पर कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया तथा एक समान कार्य समान वेतनमान लागू किये जाने की मांग की.

Last Updated : Feb 22, 2021, 7:30 PM IST

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