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उत्तराखंड परिवहन निगम का बढ़ेगा इनकम, बदले जाएंगे नियम! - उत्तराखंड रोडवेज

उत्तराखंड परिवहन विभाग ने इनकम बढ़ाने के लिए अध्ययन दल का गठन किया है. जो रोडवेज की इनकम बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए अपने सुझाव देगी.

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Published : Jun 7, 2021, 3:12 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम(Uttarakhand Transport Corporation) साल दर साल घाट में डूबता जा रहा है. ऐसे में अब परिवहन निगम ने अपने अस्तित्व को बचाने के लिए एक और कदम बढ़ाने जा रहा है. जिसके तहत उत्तर प्रदेश के जमाने से चली आ रही रोडवेज के नियमों में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए परिवहन निगम ने प्रबंध निदेशक के मुख्यालय स्तर के अधिकारियों का एक अध्ययन दल बनाया है. जो रोडवेज की इनकम बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए अपने सुझाव देगी.

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9 नवंबर 2000 में राज्य गठन के बाद साल 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम का गठन हुआ था. उस समय से ही उत्तर प्रदेश के नियम को ही उत्तराखंड रोडवेज में लागू किया गया है. ऐसे में अब परिवहन निगम के अस्तित्व को बचाने के लिए परिवहन निगम इन नियमों में बदलाव करने की कवायद में जुट गई है. जिसकी मुख्य वजह है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न है. लिहाजा प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में रोडवेज के नियम बनाए जाएंगे.

बता दें कि उत्तराखंड परिवहन निगम अस्तित्व में आने के बाद से ही लगातार घाटे में चल रहा है. हालांकि साल 2003-04 में तो रोडवेज को कोई घाटा नहीं हुआ. लेकिन उसके बाद से ही साल दर साल रोडवेज का घाटा बढ़ता चला गया. अब आलम ये है कि रोडवेज अभी तक करोड़ों रुपए के घाट में डूबा हुआ है. तो वहीं वर्तमान समय में निगम के ऊपर करोड़ों रुपए की देनदारी भी चल रही है. क्योंकि अभी तक परिवहन कर्मचारियों को 5 महीने का वेतन नहीं दिया गया है. इसके साथ ही अन्य देनदारी अलग है.

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तमाम पहलुओं को देखते हुए परिवहन निगम ने अब इन घाटों से उबरने के साथ ही रोडवेज की इनकम बढ़ाने के लिए एक अध्ययन दल बनाया है. जिसमें महाप्रबंधक प्रशासन (General Manager Administration), महाप्रबंधक संचालन (General Manager Operations), महाप्रबंधक कार्मिक, महाप्रबंधक तकनीकी के साथ ही वित्त नियंत्रक समेत अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है. जो आगामी 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट तैयार कर परिवहन मुख्यालय को सौंपेगा. जिसके बाद इस रिपोर्ट को शासन में भेजा जाएगा. जिसके बाद निगम के हित को देखते हुए नियमों में बदलाव किया जाएगा.

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वहीं, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक (Managing director) आशीष चौहान ने बताया कि रोडवेज की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है. ऐसे में इसे ठीक करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में एक अध्ययन दल भी बनाया गया है. जो रोडवेज के इनकम को बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए रिपोर्ट तैयार करेगा. ऐसे में अगर उत्तराखंड रोडवेज में यूपी के जमाने से चली आ रही नियमावली में बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी तो उसे बदलने पर भी विचार किया जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम(Uttarakhand Transport Corporation) साल दर साल घाट में डूबता जा रहा है. ऐसे में अब परिवहन निगम ने अपने अस्तित्व को बचाने के लिए एक और कदम बढ़ाने जा रहा है. जिसके तहत उत्तर प्रदेश के जमाने से चली आ रही रोडवेज के नियमों में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए परिवहन निगम ने प्रबंध निदेशक के मुख्यालय स्तर के अधिकारियों का एक अध्ययन दल बनाया है. जो रोडवेज की इनकम बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए अपने सुझाव देगी.

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9 नवंबर 2000 में राज्य गठन के बाद साल 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम का गठन हुआ था. उस समय से ही उत्तर प्रदेश के नियम को ही उत्तराखंड रोडवेज में लागू किया गया है. ऐसे में अब परिवहन निगम के अस्तित्व को बचाने के लिए परिवहन निगम इन नियमों में बदलाव करने की कवायद में जुट गई है. जिसकी मुख्य वजह है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न है. लिहाजा प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में रोडवेज के नियम बनाए जाएंगे.

बता दें कि उत्तराखंड परिवहन निगम अस्तित्व में आने के बाद से ही लगातार घाटे में चल रहा है. हालांकि साल 2003-04 में तो रोडवेज को कोई घाटा नहीं हुआ. लेकिन उसके बाद से ही साल दर साल रोडवेज का घाटा बढ़ता चला गया. अब आलम ये है कि रोडवेज अभी तक करोड़ों रुपए के घाट में डूबा हुआ है. तो वहीं वर्तमान समय में निगम के ऊपर करोड़ों रुपए की देनदारी भी चल रही है. क्योंकि अभी तक परिवहन कर्मचारियों को 5 महीने का वेतन नहीं दिया गया है. इसके साथ ही अन्य देनदारी अलग है.

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तमाम पहलुओं को देखते हुए परिवहन निगम ने अब इन घाटों से उबरने के साथ ही रोडवेज की इनकम बढ़ाने के लिए एक अध्ययन दल बनाया है. जिसमें महाप्रबंधक प्रशासन (General Manager Administration), महाप्रबंधक संचालन (General Manager Operations), महाप्रबंधक कार्मिक, महाप्रबंधक तकनीकी के साथ ही वित्त नियंत्रक समेत अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है. जो आगामी 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट तैयार कर परिवहन मुख्यालय को सौंपेगा. जिसके बाद इस रिपोर्ट को शासन में भेजा जाएगा. जिसके बाद निगम के हित को देखते हुए नियमों में बदलाव किया जाएगा.

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वहीं, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक (Managing director) आशीष चौहान ने बताया कि रोडवेज की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है. ऐसे में इसे ठीक करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में एक अध्ययन दल भी बनाया गया है. जो रोडवेज के इनकम को बढ़ाने और खर्चों को कम करने के लिए रिपोर्ट तैयार करेगा. ऐसे में अगर उत्तराखंड रोडवेज में यूपी के जमाने से चली आ रही नियमावली में बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी तो उसे बदलने पर भी विचार किया जाएगा.

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