देहरादूनः उत्तराखंड परिवहन निगम बीते लंबे समय से घाटे से जूझ रहा है. ऐसे में अब निगम अपने 217 कर्मचारियों को भुगतान देने के बाद घर भेजने की तैयारी कर चुका है. इन कर्मचारियों को 26 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा. साथ ही सरकार से कर्ज लेकर कर्मचारियों को समय से पहले रिटाटरमेंट भी दिया जाएगा.
बता दें कि, उत्तराखंड परिवहन निगम लगातार भारी घाटे में चल रहा है. इसी से उभरने के लिए अब परिवहन निगम अपने 217 कर्मियों को जबरन रिटायरमेंट कर घर भेजेगा. इसके लिए अक्षम और अतिरिक्त कर्मचारियों की सूची पहले से तैयार ली गई है. जिन्हें निगम करीब 26 करोड़ रुपये का भुगतान कर घर के लिए विदा करेगा. इस काम के लिए निगम ने शासन के वित्त विभाग से लोन के रूप में जरुरत के मुताबिक रकम की मांग रखी है.
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हालांकि, इस मामले में वित्त विभाग ने परिवहन निगम के सामने यह शर्त रखी है कि जबरन किसी भी कर्मी को सेवानिर्वित करने के लिए अनुदान राशि नहीं मिलेगी. सरकार केवल स्वेच्छा से रिटायरमेंट (वीआरएस) लेने वालों लोगों के लिए ही भुगतान का अनुदान देगी. इतना ही नहीं शासन से ये भी कहा गया है कि, स्वेच्छा से वीआरएस लेने के बाद जो पद खाली होंगे. उसमें नियमित प्रक्रिया से भर्ती नहीं होगी. बल्कि, उन्हें जरुरत के मुताबिक आउटसोर्सिंग से पूरा किया जाएगा.
वहीं, उत्तराखंड परिवहन निगम के इस फैसले के बाद कर्मचारियों में खलबली मच गई है. हालांकि, निगम पहले से ही नकारा और रोडवेज पर बोझ बन रहे कर्मचारियों की सूची बना चुका है. मामले पर निगम, वित्त सचिव अमित नेगी के साथ बैठक कर चर्चा को आगे बढ़ा चुका है. निगम प्रबंधन की ओर से प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को दी गई है.
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इस बैठक में निगम ने जिन कर्मचारियों को सीआरएस और वीआरएस देने के लिए चिह्नित किया है. उन सभी 217 कर्मचारियों को 26 करोड़ सात लाख रुपये का भुगतान देकर घर भेजने का आग्रह किया गया है. समय से पहले घर भेजने वाले प्रति कर्मचारी पर यह खर्च करीब 15 लाख रुपये आंका जा रहा है. बताया जा रहा है कि वित्त विभाग ने मामले पर निगम प्रबंधन से विस्तृत प्रस्ताव लाने के लिए भी कहा है.
परिवहन निगम की ओर से तैयार की गई सक्षम और अतिरिक्त कर्मचारियों की सूची-
- 217 कर्मचारियों की सूची उत्तराखंड परिवहननिगम पहले ही बना चुका है.
- 65 ऐसे निगम कर्मचारी हैं, जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है.
- 152 निगम कर्मचारियां ऐसे हैं, जिन्हें निगम ने सीआरएस के लिए पहले से चिह्नित किया है.
- 152 ऐसे अक्षम निगम कर्मचारी हैं. जिन्हें निगम ने जबरन वीआरएस के लिए पहले तैयारी की है.