देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार कर रहा है. जिसमें मुख्य रूप से वेतन और डीजल पर खर्च होने वाले धनराशि में कटौती की जा सके. क्योंकि, वेतन और डीजल पर ही परिवहन निगम का सबसे अधिक खर्चा आता है. इसके अलावा भी परिवहन महकमा तमाम बिंदुओं पर कार्ययोजना तैयार करने में जुटा हुआ है, ताकि परिवहन निगम को घाटे से उबारा जा सके.
उत्तराखंड परिवहन निगम राज्य गठन के बाद से ही साल दर साल घाटे में डूबता जा रहा है. वर्तमान हालात यह हैं कि परिवहन निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए पैसे नहीं है. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद परिवहन निगम की स्थिति बद से बदतर हो गई है. ऐसे में अब रोडवेज निगम का अस्तित्व खतरे में दिखाई देने लगा है.
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निगम के एमडी अभिषेक रुहेला ने बताया कि परिवहन निगम की सुदृढ़ीकरण के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की जा रही है. हालांकि, इस कार्य योजना में परिवहन निगम की देनदारियों के साथ ही कोरोना काल में उपजी परेशानियों को समायोजित किया गया है. इसके अलावा कार्य योजना में नवीनतम तकनीकी का प्रयोग, वेतन और डीजल के खर्चों में कटौती, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग समेत प्रवर्तन की गुणवत्ता में सुधार समेत तमाम बिंदुओं को शामिल किया गया है.