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ईटीवी की खबर पर लगी मुहर, उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय के अधिकार बढ़े

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा राज्य में यातायात व्यवस्था बेहतर करने के लिए ट्रैफिक निदेशालय के अधिकारों में बढ़ोत्तरी की गई है. अब से यातायात निदेशक को भी रेंज अधिकारियों की तर्ज पर अधिकार दिए जाएंगे.

ईटीवी की खबर पर लगी मुहर
ईटीवी की खबर पर लगी मुहर
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Published : Dec 8, 2020, 2:08 PM IST

देहरादून: ईटीवी भारत की खबर पर एक बार फिर मुहर लगी है. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा राज्य में यातायात व्यवस्था बेहतर करने के लिए ट्रैफिक निदेशालय के अधिकारों में बढ़ोत्तरी की गई है. अब गढ़वाल और कुमाऊं रेंज प्रभारियों की भांति ही यातायात निदेशक के अधीन पुलिस कर्मचारियों को नियंत्रण करने के अधिकार दिए गए हैं. ट्रैफिक निदेशक डीआईजी केवल खुराना से प्रस्ताव मिलने के बाद पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अधिकार बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं.

बता दे कि ईटीवी भारत ने उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय के अधिकार बढ़ाने की खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था. उसी खबर पर मुहर लगाते हुए मंगलवार को डीजीपी ने ट्रैफिक निदेशालय के अधिकार रेंज प्रभारियों के स्तर की तर्ज पर बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं.

ये भी पढ़ें: डोईवाला में भी दिखा बंद का असर, कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों का प्रदर्शन

यातायात निदेशक को पुलिस को नियंत्रण करने का अधिकार

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक रेंज प्रभारियों की भांति यातायात निदेशक को अधिकार दिए गए हैं. ऐसे में ट्रैफिक डीआईजी संबंधित पुलिस कर्मचारियों को नियंत्रण करने, अवकाश व पुरस्कार देने, अपील सुनने और लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेंगे. इससे पहले यह अधिकार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और रेंज प्रभारी के ही पास होते थे, लेकिन अब ये अधिकार यातायात निदेशक के अधीन रहेगा. हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के प्रशासनिक और ऑपरेशन के अधिकार पहले की तरह यथावत बने रहेंगे.

2017 से ट्रैफिक निदेशालय के पास पर्याप्त अधिकार नहीं थे

बता दें कि उत्तराखंड में ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर करने और सड़क दुर्घटनाओं में अंकुश लगाने के लिए वर्ष 2017 में ट्रैफिक निदेशालय का गठन किया गया. तभी से डीआईजी केवल खुराना निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. पहले दिन से निदेशालय का मुख्य कार्य यातायात ऑपरेशन और तमाम तरह की ट्रैफिक योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वयन करना था, लेकिन ट्रैफिक नियंत्रण और पुलिस से जुड़ी तमाम तरह की यातायात व्यवस्था में कोई भी प्रभावी कार्रवाई का अधिकार ट्रैफिक निदेशक को नहीं था.

ऐसे में राज्य में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कई तरह की समस्याएं सामने आ रही थीं. उसी क्रम में डीजीपी अशोक कुमार द्वारा राज्य में बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए ट्रैफिक निदेशालय के अधिकार को रेंज प्रभारियों की भांति बढ़ाए गये हैं.

देहरादून: ईटीवी भारत की खबर पर एक बार फिर मुहर लगी है. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा राज्य में यातायात व्यवस्था बेहतर करने के लिए ट्रैफिक निदेशालय के अधिकारों में बढ़ोत्तरी की गई है. अब गढ़वाल और कुमाऊं रेंज प्रभारियों की भांति ही यातायात निदेशक के अधीन पुलिस कर्मचारियों को नियंत्रण करने के अधिकार दिए गए हैं. ट्रैफिक निदेशक डीआईजी केवल खुराना से प्रस्ताव मिलने के बाद पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अधिकार बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं.

बता दे कि ईटीवी भारत ने उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय के अधिकार बढ़ाने की खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था. उसी खबर पर मुहर लगाते हुए मंगलवार को डीजीपी ने ट्रैफिक निदेशालय के अधिकार रेंज प्रभारियों के स्तर की तर्ज पर बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं.

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यातायात निदेशक को पुलिस को नियंत्रण करने का अधिकार

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक रेंज प्रभारियों की भांति यातायात निदेशक को अधिकार दिए गए हैं. ऐसे में ट्रैफिक डीआईजी संबंधित पुलिस कर्मचारियों को नियंत्रण करने, अवकाश व पुरस्कार देने, अपील सुनने और लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेंगे. इससे पहले यह अधिकार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और रेंज प्रभारी के ही पास होते थे, लेकिन अब ये अधिकार यातायात निदेशक के अधीन रहेगा. हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के प्रशासनिक और ऑपरेशन के अधिकार पहले की तरह यथावत बने रहेंगे.

2017 से ट्रैफिक निदेशालय के पास पर्याप्त अधिकार नहीं थे

बता दें कि उत्तराखंड में ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर करने और सड़क दुर्घटनाओं में अंकुश लगाने के लिए वर्ष 2017 में ट्रैफिक निदेशालय का गठन किया गया. तभी से डीआईजी केवल खुराना निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. पहले दिन से निदेशालय का मुख्य कार्य यातायात ऑपरेशन और तमाम तरह की ट्रैफिक योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वयन करना था, लेकिन ट्रैफिक नियंत्रण और पुलिस से जुड़ी तमाम तरह की यातायात व्यवस्था में कोई भी प्रभावी कार्रवाई का अधिकार ट्रैफिक निदेशक को नहीं था.

ऐसे में राज्य में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कई तरह की समस्याएं सामने आ रही थीं. उसी क्रम में डीजीपी अशोक कुमार द्वारा राज्य में बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए ट्रैफिक निदेशालय के अधिकार को रेंज प्रभारियों की भांति बढ़ाए गये हैं.

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