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खुद की हालत पतली और दूसरों को संजीवनी देने चला पर्यटन विभाग, जानें कैसे

अपने बंगले और गेस्ट हाउस की स्थिति भले ही खराब हो, लेकिन पर्यटन विभाग को इसकी चिंता नहीं है. बल्कि पर्यटन विभाग, लोक निर्माण विभाग के बंगले और पुराने पुलों के निर्माण के लिए प्लान बना रहा है. पर्यटन विभाग के इस फैसले को लेकर चर्चा है, क्योंकि विभाग के अपने गेस्ट हाउस और बंगले की हालत खराब है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि खुद की खराब हालत के बीच पर्यटन विभाग लोक निर्माण विभाग के बंगले की जिम्मेदारी किस बिना पर ले रहा है.

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दूसरों को संजीवनी देने चला पर्यटन विभाग
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Published : Oct 16, 2022, 4:54 PM IST

Updated : Oct 16, 2022, 5:23 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड पर्यटन विभाग (Uttarakhand Tourism Department) के तहत आने वाले गेस्ट हाउस और बंगले की हालत हमेशा चर्चाओं में रही है. पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं (Better facilities for tourists) देने की जिम्मेदारी संभालने वाले इस महकमे के अधिकतर होटल, गेस्ट हाउस या बंगले खराब स्थिति में ही दिखाई देते हैं. इनसे फाइव स्टार सुविधाओं की कल्पना तो नहीं की जा सकती. लेकिन अन्य संतोषजनक सुविधाओं पर भी इनकी हालत पतली ही दिखाई देती है. इस सब के बीच पर्यटन विभाग अपने इन बंगले और गेस्ट हाउस की स्थिति सुधारने के बजाय लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के बंगले और पुराने पुलों पर नए निर्माण करने की योजना बना रहा है.

दूसरों को संजीवनी देने चला पर्यटन विभाग

पर्यटन विभाग को उत्तराखंड के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता, लेकिन इस क्षेत्र में सिवाय दावों के कुछ हो नहीं पाया है. फिलहाल ऐसा ही एक अजब फैसला लिया गया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग के बंगलो और पुराने पुलों को लेकर पर्यटन विभाग कुछ नया प्लान कर रहा है. पर्यटन विभाग के इस फैसले को लेकर इसलिए चर्चा है, क्योंकि विभाग के अपने गेस्ट हाउस और बंगले की हालत खराब है. खासतौर पर गढ़वाल मंडल विकास निगम (Garhwal Mandal Development Corporation) की सुविधाओं के नाम पर स्थिति पतली ही दिखाई देती है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि खुद की खराब हालत के बीच पर्यटन विभाग लोक निर्माण विभाग के बंगले की जिम्मेदारी किस बिनाह पर ले रहा है.
ये भी पढ़ें: केदारनाथ की यात्रा ने रचा नया कीर्तिमान, पहली बार 15 लाख यात्रियों ने किए बाबा केदार के दर्शन

दरअसल पर्यटन विभाग, लोक निर्माण विभाग के पुराने इस्तेमाल में न आने वाले बंगले का पुनर्निर्माण करने पर विचार कर रहा है. यही नहीं ऐसे पुल जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है और वह बेहतर लोकेशन में है, उन पर भी नए निर्माण करने की तैयारी की जा रही है. दावा किया जा रहा है कि इससे पर्यटन विभाग और लोक निर्माण विभाग की आय बढ़ेगी. हालांकि, पर्यटन विभाग का यह प्रस्ताव बुरा नहीं है, लेकिन सवाल ये उठता है कि महकमा यदि बजट की कमी से नहीं जूझ रहा है तो गढ़वाल मंडल विकास निगम के खराब हालत वाले बंगलो या गेस्ट हाउस की सूरत क्यों नहीं सुधार रहा.

देहरादून: उत्तराखंड पर्यटन विभाग (Uttarakhand Tourism Department) के तहत आने वाले गेस्ट हाउस और बंगले की हालत हमेशा चर्चाओं में रही है. पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं (Better facilities for tourists) देने की जिम्मेदारी संभालने वाले इस महकमे के अधिकतर होटल, गेस्ट हाउस या बंगले खराब स्थिति में ही दिखाई देते हैं. इनसे फाइव स्टार सुविधाओं की कल्पना तो नहीं की जा सकती. लेकिन अन्य संतोषजनक सुविधाओं पर भी इनकी हालत पतली ही दिखाई देती है. इस सब के बीच पर्यटन विभाग अपने इन बंगले और गेस्ट हाउस की स्थिति सुधारने के बजाय लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के बंगले और पुराने पुलों पर नए निर्माण करने की योजना बना रहा है.

दूसरों को संजीवनी देने चला पर्यटन विभाग

पर्यटन विभाग को उत्तराखंड के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता, लेकिन इस क्षेत्र में सिवाय दावों के कुछ हो नहीं पाया है. फिलहाल ऐसा ही एक अजब फैसला लिया गया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग के बंगलो और पुराने पुलों को लेकर पर्यटन विभाग कुछ नया प्लान कर रहा है. पर्यटन विभाग के इस फैसले को लेकर इसलिए चर्चा है, क्योंकि विभाग के अपने गेस्ट हाउस और बंगले की हालत खराब है. खासतौर पर गढ़वाल मंडल विकास निगम (Garhwal Mandal Development Corporation) की सुविधाओं के नाम पर स्थिति पतली ही दिखाई देती है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि खुद की खराब हालत के बीच पर्यटन विभाग लोक निर्माण विभाग के बंगले की जिम्मेदारी किस बिनाह पर ले रहा है.
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दरअसल पर्यटन विभाग, लोक निर्माण विभाग के पुराने इस्तेमाल में न आने वाले बंगले का पुनर्निर्माण करने पर विचार कर रहा है. यही नहीं ऐसे पुल जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है और वह बेहतर लोकेशन में है, उन पर भी नए निर्माण करने की तैयारी की जा रही है. दावा किया जा रहा है कि इससे पर्यटन विभाग और लोक निर्माण विभाग की आय बढ़ेगी. हालांकि, पर्यटन विभाग का यह प्रस्ताव बुरा नहीं है, लेकिन सवाल ये उठता है कि महकमा यदि बजट की कमी से नहीं जूझ रहा है तो गढ़वाल मंडल विकास निगम के खराब हालत वाले बंगलो या गेस्ट हाउस की सूरत क्यों नहीं सुधार रहा.

Last Updated : Oct 16, 2022, 5:23 PM IST
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