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पहाड़ों पर बिछेगा सड़कों का जाल, पर्यटन विभाग का रूट कनेक्टिविटी पर जोर - पर्यटक स्थलों की दूरी कम की जाएगी

उत्तराखंड पर्यटन विभाग पहाड़ी क्षेत्रों में रूट कनेक्टिविटी की योजना बना रहा है. जिससे पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थलों की दूरी कम हो सके.

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देहरादून
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Published : Jul 13, 2021, 4:30 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में पर्यटन विभाग पर्यटक गतिविधियां बढ़ाने पर जोर दे रहा है. इसके लिए रूट कनेक्टिविटी के मद्देनजर पर्यटन स्थलों के बीच दूरियों को कम करने पर विचार किया जा रहा है. ताकि कम समय और कम सफर तय कर पर्यटक एक पर्यटन स्थल से दूसरे पर्यटन स्थल पर आसानी से पहुंच सकें.

उत्तराखंड पर्यटन विभाग पर्वतीय क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों के बीच की दूरियों को कम करने की जद्दोजहद कर रहा है. विभाग के मुताबिक इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने का प्रारूप तैयार किया जा रहा है. जिसके जरिए पर्यटक आसानी से एक पर्यटन स्थल से दूसरे पर्यटन स्थल की दूरी कम समय में पूरी कर सकेंगे.

पहाड़ों पर बिछाया जाएगा सड़कों का जाल

पर्यटन एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि राज्य में रेल या हेलीकॉप्टर के आने वाले पर्यटकों को सड़कों का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे में सरकार का प्रयास है कि प्रदेश आने वाले पर्यटकों को आवाजाही करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो. इसके लिए सड़कों को और बेहतर बनाने की जरूरत है. साथ ही पर्यटक स्थलों की सड़कों के किनारे शौचालय, बैठने के लिए जगह, पानी आदि की व्यवस्था भी कराए जाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः बुधवार को धामी कैबिनेट की दूसरी बैठक, भू-कानून पर हो सकता है फैसला

सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश के रिमोट एरिया को सड़कों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे ना सिर्फ रूट की कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा.

महाराज ने कहा कि चारधाम जाने के लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ता है. लिहाजा, सरकार का प्रयास है कि लंबे सफर की दूरियों को कम किया जाए. ताकि, उत्तराखंड आने वाले पर्यटक कम समय और कम सफर तय कर तमाम पर्यटक स्थलों का दीदार कर सकें. उन्होंने कहा कि साल 2013 केदारघाटी जैसी आपदा अगर फिर आती है तो उस दौरान राहत-बचाव का कार्य तेजी से किया जा सकेगा.

देहरादूनः उत्तराखंड में पर्यटन विभाग पर्यटक गतिविधियां बढ़ाने पर जोर दे रहा है. इसके लिए रूट कनेक्टिविटी के मद्देनजर पर्यटन स्थलों के बीच दूरियों को कम करने पर विचार किया जा रहा है. ताकि कम समय और कम सफर तय कर पर्यटक एक पर्यटन स्थल से दूसरे पर्यटन स्थल पर आसानी से पहुंच सकें.

उत्तराखंड पर्यटन विभाग पर्वतीय क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों के बीच की दूरियों को कम करने की जद्दोजहद कर रहा है. विभाग के मुताबिक इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने का प्रारूप तैयार किया जा रहा है. जिसके जरिए पर्यटक आसानी से एक पर्यटन स्थल से दूसरे पर्यटन स्थल की दूरी कम समय में पूरी कर सकेंगे.

पहाड़ों पर बिछाया जाएगा सड़कों का जाल

पर्यटन एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि राज्य में रेल या हेलीकॉप्टर के आने वाले पर्यटकों को सड़कों का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे में सरकार का प्रयास है कि प्रदेश आने वाले पर्यटकों को आवाजाही करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो. इसके लिए सड़कों को और बेहतर बनाने की जरूरत है. साथ ही पर्यटक स्थलों की सड़कों के किनारे शौचालय, बैठने के लिए जगह, पानी आदि की व्यवस्था भी कराए जाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहा है.

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सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश के रिमोट एरिया को सड़कों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे ना सिर्फ रूट की कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा.

महाराज ने कहा कि चारधाम जाने के लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ता है. लिहाजा, सरकार का प्रयास है कि लंबे सफर की दूरियों को कम किया जाए. ताकि, उत्तराखंड आने वाले पर्यटक कम समय और कम सफर तय कर तमाम पर्यटक स्थलों का दीदार कर सकें. उन्होंने कहा कि साल 2013 केदारघाटी जैसी आपदा अगर फिर आती है तो उस दौरान राहत-बचाव का कार्य तेजी से किया जा सकेगा.

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