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कोरोना काल में पर्यटन व्यवसाय खत्म होने की कगार पर, एसोसिएशनों ने जताई चिंता

कोरोना काल में प्रदेश का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया है. पर्यटन व्यवसाय को दोबारा पटरी पर लाने के लिए मसूरी में उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन, उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी एसोसिएशन और मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखीं.

Mussoorie Tourism Business
मसूरी पर्यटन व्यवसाय
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Published : Aug 27, 2020, 9:47 AM IST

मसूरी: उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन, उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी एसोसिएशन और मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय को लेकर चिंता व्यक्त की है. सभी ने एक सुर में कहा कि प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय खत्म होने की कगार पर है. अगर राज्य सरकार ने जल्द ही पर्यटन व्यवसाय जीवित करने के लिये ठोस कदम नहीं उठाये तो इससे जुड़े एसोसिएशन एक मंच पर आकर प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिये मजबूर होंगे.

कोरोना काल में पर्यटन व्यवसाय खत्म होने की कगार पर.

कोरोना काल में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप- संदीप साहनी

उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी का कहना है कि कोरोना काल में प्रदेश का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरीके से ठप हो गया है. प्रदेश के 30 फीसदी रेस्टोरेंट और 15 फीसदी होटल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्यटन व्यवसाय को लेकर स्पष्ट नीति नहीं बनाई, जिस वजह से पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.

साहनी ने कहा कि साल 2013 की आपदा के बाद राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लेकर पर्यटन व्यवसाय को जीवित किया था, जिसमें भी 4 से 5 साल लगे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय से करीब 50 प्रतिशत लोगों की आर्थिकी जुड़ी हुई है. ऐसे में अगर पर्यटन व्यवसाय प्रभावित होता है तो उससे प्रदेश में पलायन के साथ आर्थिकी की बड़ी समस्या उत्पन्न होने वाली है.

संदीप साहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के आर्थिक संकट को देखते हुए ये कहा था कि जान भी बचानी है, और जहान को भी बचाना है. जिसको लेकर उन्होंने आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन आर्थिक पैकेज आज तक धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 95 फीसदी होटल और 98 फीसदी व्यवसायिक वाहनों का संचालन ठप हो रखा है. सरकारी गाइडलाइन भी स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रतिष्ठान बंद हैं, लेकिन बिजली, पानी, टेलीफोन आदि के बिल पहले की तरह ही आ रहे हैं. उनमें किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी गई है.

पढ़ें- बेरीनाग: गलवान का 'शेर' पहुंचा घर, लोगों ने किया अभिनंदन

उन्होंने कहा कि सरकार ने 3 महीने के बिजली के फिक्स चार्ज को माफ किया था, जबकि इसको मार्च 2021 तक बढ़ाया जाना चाहिए. वहीं पानी के बिल में भी 9 फीसदी की वृद्धि कर दी गई है. सीवरेज चार्ज अलग से लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को अन्य प्रदेशों की तरह आर्थिक संकट को देखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए, लेकिन उत्तराखंड सरकार निर्णय लेने में असफल साबित हो रही है.

वहीं, उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में पर्यटन को खड़ा करना है तो उसके लिए वर्किंग कैपिटल लोन दिया जाना चाहिए. जिसमें 2 साल तक का ब्याज माफ किया जाना चाहिए, जिससे पर्यटन पर आधारित लोग उसका फायदा उठा सकें. सरकार द्वारा ईएसआई के मध्य में कर्मचारियों को 50 फीसदी वेतन दिया जाना चाहिए.

पर्यटन पर आधारित लोग परेशान- सुंदर सिंह पंवार

उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने कहा कि सरकार द्वारा पर्यटन पर आधारित व्यवसायियों को किसी प्रकार की कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही है. पर्यटन पर आधारित लोग काफी परेशान हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायिक वाहनों को रोड टैक्स में 3 महीने की छूट के साथ ₹1,000 व्यवसायिक वाहन चालकों को आर्थिक रूप में मदद की जा रही है, जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को दिल्ली की तर्ज पर ₹5,000 हजार चालकों को आर्थिक रूप से मदद व 2 साल तक रोड टैक्स की छूट दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार उनकी मांगों का ध्यान नहीं रख रही है. जिसको लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा भी अपने-अपने शहरों में प्रदर्शन किया जा रहा है.

आने वाला समय काफी कठिन, सरकार उठाए ठोस कदम- रजत अग्रवाल

मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि पर्यटन व्यवसाय केंद्र राज्य और स्थानीय सरकार पर निर्भर रहता है. ऐसे में अगर दोनों सरकारें संयुक्त रूप से पर्यटन व्यापार को चलाने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनातीं, तो आने वाला समय काफी कठिन होने वाला है.

उन्होंने कहा कि मसूरी नगर पालिका द्वारा हाउस टैक्स के साथ अन्य टैक्स पर 1 साल की छूट दी जानी चाहिए. सरकार की ओर से होटल कर्मचारियों और गरीबों की मदद की जा रही है. किसी को पैसा दिया जा रहा है तो किसी को राशन लेकिन मध्यम वर्ग और छोटे दुकानदारों के बारे में कोई नहीं सोच रहा है. जबकि सबसे ज्यादा कोरोना से यही वर्ग प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार को जल्द इन सभी लोगों को विभिन्न मदों से छूट दी जानी चाहिए.

रजत अग्रवाल ने कहा कि छोटे उद्योग के लिए सरकार को मुद्रा लोन के तहत व्याज मुक्त लोन देने के साथ छोटे दुकानदारों का मेडिकल इंश्योरेंस भी कराना चाहिए. उन्होंने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश-विदेश से पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे पर्यटकों को सरकार द्वारा विशेष छूट दी जानी चाहिये, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिल सके.

मसूरी: उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन, उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी एसोसिएशन और मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय को लेकर चिंता व्यक्त की है. सभी ने एक सुर में कहा कि प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय खत्म होने की कगार पर है. अगर राज्य सरकार ने जल्द ही पर्यटन व्यवसाय जीवित करने के लिये ठोस कदम नहीं उठाये तो इससे जुड़े एसोसिएशन एक मंच पर आकर प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिये मजबूर होंगे.

कोरोना काल में पर्यटन व्यवसाय खत्म होने की कगार पर.

कोरोना काल में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप- संदीप साहनी

उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी का कहना है कि कोरोना काल में प्रदेश का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरीके से ठप हो गया है. प्रदेश के 30 फीसदी रेस्टोरेंट और 15 फीसदी होटल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्यटन व्यवसाय को लेकर स्पष्ट नीति नहीं बनाई, जिस वजह से पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.

साहनी ने कहा कि साल 2013 की आपदा के बाद राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लेकर पर्यटन व्यवसाय को जीवित किया था, जिसमें भी 4 से 5 साल लगे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय से करीब 50 प्रतिशत लोगों की आर्थिकी जुड़ी हुई है. ऐसे में अगर पर्यटन व्यवसाय प्रभावित होता है तो उससे प्रदेश में पलायन के साथ आर्थिकी की बड़ी समस्या उत्पन्न होने वाली है.

संदीप साहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के आर्थिक संकट को देखते हुए ये कहा था कि जान भी बचानी है, और जहान को भी बचाना है. जिसको लेकर उन्होंने आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन आर्थिक पैकेज आज तक धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 95 फीसदी होटल और 98 फीसदी व्यवसायिक वाहनों का संचालन ठप हो रखा है. सरकारी गाइडलाइन भी स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रतिष्ठान बंद हैं, लेकिन बिजली, पानी, टेलीफोन आदि के बिल पहले की तरह ही आ रहे हैं. उनमें किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी गई है.

पढ़ें- बेरीनाग: गलवान का 'शेर' पहुंचा घर, लोगों ने किया अभिनंदन

उन्होंने कहा कि सरकार ने 3 महीने के बिजली के फिक्स चार्ज को माफ किया था, जबकि इसको मार्च 2021 तक बढ़ाया जाना चाहिए. वहीं पानी के बिल में भी 9 फीसदी की वृद्धि कर दी गई है. सीवरेज चार्ज अलग से लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को अन्य प्रदेशों की तरह आर्थिक संकट को देखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए, लेकिन उत्तराखंड सरकार निर्णय लेने में असफल साबित हो रही है.

वहीं, उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में पर्यटन को खड़ा करना है तो उसके लिए वर्किंग कैपिटल लोन दिया जाना चाहिए. जिसमें 2 साल तक का ब्याज माफ किया जाना चाहिए, जिससे पर्यटन पर आधारित लोग उसका फायदा उठा सकें. सरकार द्वारा ईएसआई के मध्य में कर्मचारियों को 50 फीसदी वेतन दिया जाना चाहिए.

पर्यटन पर आधारित लोग परेशान- सुंदर सिंह पंवार

उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने कहा कि सरकार द्वारा पर्यटन पर आधारित व्यवसायियों को किसी प्रकार की कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही है. पर्यटन पर आधारित लोग काफी परेशान हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायिक वाहनों को रोड टैक्स में 3 महीने की छूट के साथ ₹1,000 व्यवसायिक वाहन चालकों को आर्थिक रूप में मदद की जा रही है, जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को दिल्ली की तर्ज पर ₹5,000 हजार चालकों को आर्थिक रूप से मदद व 2 साल तक रोड टैक्स की छूट दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार उनकी मांगों का ध्यान नहीं रख रही है. जिसको लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा भी अपने-अपने शहरों में प्रदर्शन किया जा रहा है.

आने वाला समय काफी कठिन, सरकार उठाए ठोस कदम- रजत अग्रवाल

मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि पर्यटन व्यवसाय केंद्र राज्य और स्थानीय सरकार पर निर्भर रहता है. ऐसे में अगर दोनों सरकारें संयुक्त रूप से पर्यटन व्यापार को चलाने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनातीं, तो आने वाला समय काफी कठिन होने वाला है.

उन्होंने कहा कि मसूरी नगर पालिका द्वारा हाउस टैक्स के साथ अन्य टैक्स पर 1 साल की छूट दी जानी चाहिए. सरकार की ओर से होटल कर्मचारियों और गरीबों की मदद की जा रही है. किसी को पैसा दिया जा रहा है तो किसी को राशन लेकिन मध्यम वर्ग और छोटे दुकानदारों के बारे में कोई नहीं सोच रहा है. जबकि सबसे ज्यादा कोरोना से यही वर्ग प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार को जल्द इन सभी लोगों को विभिन्न मदों से छूट दी जानी चाहिए.

रजत अग्रवाल ने कहा कि छोटे उद्योग के लिए सरकार को मुद्रा लोन के तहत व्याज मुक्त लोन देने के साथ छोटे दुकानदारों का मेडिकल इंश्योरेंस भी कराना चाहिए. उन्होंने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश-विदेश से पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे पर्यटकों को सरकार द्वारा विशेष छूट दी जानी चाहिये, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिल सके.

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