1- कैबिनेट फैसला: अब जेल बंदियों को डीएम दे सकेंगे पैरोल, महासू देवता-जागेश्वर धाम के लिए बनेगा मास्टर प्लान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में 20 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है. बैठक में मुख्य रूप से नवीन जल विद्युत नीति प्रस्ताव पर मुहर लगी, साथ ही सचिवालय प्रशासन में 90 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाने का फैसला भी लिया गया है. वहीं, प्रदेश में अब पैरोल की अनुमति जिलाधिकारी से ही मिल सकेगी.
2- पिथौरागढ़ में नेपाल की ओर से पत्थरबाजी पर बोले CM धामी, रोटी बेटी के रिश्ते को उकसा रहे कुछ लोग
उत्तराखंड में भारत और नेपाल के बीच केवल रोटी बेटी का रिश्ता नहीं है, बल्कि दोनों देशों की संस्कृति और सभ्यता भी काफी मिलती जुलती है. लेकिन कई बार ऐसे मौके भी आते हैं, जिसकी वजह से रिश्तों में खटास आ जाती है. ऐसा ही कुछ बीते दिनों धारचूला में देखने को मिला. जहां भारतीय मजदूरों पर नेपाल की ओर से पत्थरबाजी की गई. अब इस पर सीएम पुष्कर धामी का बयान सामने आया है. उनका साफ लहजे में कहना है कि कुछ लोग रोटी बेटी के रिश्ते को उकसा रहे हैं.
3- धामी सरकार अपनाएगी हिमाचल की नई जल विद्युत नीति, कैबिनेट ने दी मंजूरी
देहरादून में सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इस दौरान बैठक में उत्तराखंड सरकार द्वारा हिमाचल की नई जल विद्युत नीति 2022 को अडॉप्ट करने पर सहमति बनी. बता दें कि बैठक में उत्तराखंड में हिमाचल प्रदेश के नवीनतम जल विद्युत नीतियों (Hydropower Policy of Uttarakhand) एवं उससे संबंधित अन्य संगत अधिसूचनाओं में संशोधन करने को लेकर प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया था. जिस पर धामी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है.
4- हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर कब्जा कर बने 4,300 घर तोड़े जाएंगे, हाईकोर्ट का आदेश
हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने अतिक्रमकारियों को एक हफ्ते के भीतर नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में 4,300 घरों पर हथौड़ा चलेगा.
5- CM धामी ने शिक्षकों को किया सम्मानित, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हो रहा छात्रों का संपूर्ण विकास'
मसूरी रोड देहरादून स्थित पेस्टल वीड स्कूल में प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोशिएशन की ओर से इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ प्रिंसिपल्स एंड टीचर्स (International Conference of Principals and Teachers) कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया.
6- मसूरी एमपीजी कॉलेज में ढोल नगाड़ों के साथ प्रत्याशियों ने कराया नामांकन, हल्द्वानी में भी सरगर्मी
उत्तराखंड के विभिन्न डिग्री कॉलेजों में 24 दिसंबर को छात्रसंघ चुनाव होंगे. लिहाजा, नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. मसूरी एमपीजी कॉलेज में जहां नॉमिनेशन में प्रत्याशियों ने दमखम दिखाया तो हल्द्वानी का एमबीपीजी कॉलेज भी चुनाव के रंग में रंगा नजर आ रहा है. आज यहां नामांकन पत्रों की बिक्री होगी.
7- चमोली और उत्तरकाशी में मेडिकल कॉलेज खोलने को प्रस्ताव भेजेगी सरकार- धन सिंह रावत
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर समय-समय पर सामने आती रहती है, जिससे लोगों को आए दिन दो-चार होना पड़ता है. लेकिन इसी बीच अच्छी खबर है कि प्रदेश में दो मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है. जिसका लाभ लोगों को मिलेगा. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि केंद्र सरकार 10 लाख की आबादी वाले जिलों में मेडिकल कॉलेज (Uttarakhand Medical College) स्थापित करने जा रही है. उन्होंने कहा कि चमोली और उत्तरकाशी में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा. जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य का लाभ मिल सके.
8- संसद में नरेश बंसल ने उठाया जबरन धर्मांतरण का मुद्दा, कहा- राष्ट्रीय कानून की जरूरत
उत्तराखंड से सांसद नरेश बंसल ने राज्यसभा में जबरन धर्मांतरण का मुद्दा उठाया. बंसल ने कहा कि जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए राष्ट्रीय कानून की जरूरत है. नरेश बसंल ने संसद में जबरन धर्मांतरण कानून का मुद्दा तब उठाया है जब उत्तराखंड सरकार इसको लेकर कठोर कानून बनाने जा रही है.
9- राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की कर्णप्रयाग में हुंकार रैली, नई स्कीम को बेकार बताया
उत्तराखंड में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सरगर्मी तेज है. पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने चमोली जिले के कर्णप्रयाग में हुंकार रैली का आयोजन किया. संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि नई पेंशन स्कीम शिक्षक कर्मचारी के हित में नहीं है. इसके कई दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं. पेंशन हुंकार रैली के माध्यम से हम राज्य सरकार से जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हैं.
10- कुमाऊं की गौला समेत चार नदियों से खनन की केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति खत्म
कुमाऊं के सबसे बड़े खनन केंद्र गौला नदी में हर साल बड़े पैमाने पर खनन (Haldwani Gaula Mining) होता है. खनन कारोबारियों के पिछले 3 महीनों से हड़ताल के चलते इन नदियों से खनन का कार्य नहीं होने से जहां सरकार को रोजाना करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं तमाम नदियों से केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (Union Ministry of Environment and Forests) से स्वीकृति खत्म हो रही है. ऐसे में भविष्य में खनन पर संकट खड़ा हो सकता है.