देहरादून: रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते कई भारतीय छात्र विभिन्न शहरों में फंसे हैं. ऐसे ही उत्तराखंड के दो छात्र वेस्टर्न यूक्रेन के टर्नोपिल शहर में फंसे हुए हैं. दोनों टर्नोपिल में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने उत्तराखंड और भारत के लिए टर्नोपिल शहर से आंखों देखा हाल सुनाया है. जिसमें ये छात्र यूक्रेन के मौजूदा हालातों की जानकारी दे रहे हैं.
टर्नोपिल शहर से लाइव रिपोर्टिंग करते हुए आशीष नौटियाल और उनके दोस्त बता रहे हैं कि यूक्रेन में सभी लोगों को 2 से 3 सप्ताह का जरूरी सामान, राशन लेने के लिए कहा गया है. छात्रों ने एटीएम के बाहर लगी लंबी-लंबी लाइनें भी दिखाई हैं. रिपोर्टिंग करते हुए ये छात्र कह रहे हैं कि उन्होंने अपने जीवन में आज तक ऐसा नजारा कभी नहीं देखा.
उत्तरकाशी के रहने वाले आशीष नौटियाल ने बताया कि अमूमन ऐसी भीड़ एक साथ शहर की सड़कों पर नहीं लगती थी. अब जब देश में ऐसे हालात बने हुए हैं, तो लोग एटीएम सहित राशन की दुकानों पर लंबी कतारों में खड़े हैं. छात्रों ने बताया कि वह अभी तक सुरक्षित हैं, लेकिन जिस प्रकार से हालात बने हुए हैं, वे बहुत डरावने हैं.
पढ़ें- Ukraine Crisis: यूक्रेन के खिलाफ पुतिन ने छेड़ा युद्ध, सैन्य अभियान का किया एलान
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से वहां पर पढ़ाई कर रहे छात्र अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं. सभी फ्लाइट कैंसिल हो चुकी हैं. जिसके बाद उत्तराखंड में इन छात्रों के मां-पिता सहित परिजन चिंतित हैं. वे लगातार भारत सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनके बच्चों को स्वदेश सुरक्षित लाया जाए. यूक्रेन में कैसे हालात हैं, किस प्रकार से वहां पर छात्र रह रहे हैं, इस पर ईटीवी भारत ने वेस्टर्न यूक्रेन के टर्नोपिल शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर उत्तरकाशी जनपद के आशीष नौटियाल से सीधी बातचीत की.
पढ़ें- यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजन चिंतित, त्रिवेंद्र रावत ने हेल्पलाइन नंबर को लेकर कही ये बात
ईटीवी भारत से लाइव बातचीत में आशीष नौटियाल ने बताया कि वे अपने घर में कैद हो चुके हैं. उनके साथ इस समय उनका एक दोस्त भी है. उन्होंने 1 मार्च को अपनी फ्लाइट बुक की थी, लेकिन वह भी कैंसिल हो गई है. आशीष ने बताया कि उनकी घर में बात हो रही है. उनके माता पिता लगातार चिंता कर रहे हैं. आशीष ने बात करते हुए अपने फ्लैट से बाहर का नजारा भी दिखाया. जिसमें वेस्टर्न यूक्रेन की सड़कें भी सुनसान नजर आ रही हैं. आशीष ने बताया जहां हमला हुआ है वह यहां से काफी दूर है.
आशीष ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से मांग की है कि वह किसी भी तरह से उन्हें यूक्रेन से सुरक्षित बाहर निकालें. स्थिति यह है कि अब उनके पास जो खाने का सामान बचा हुआ है, वह भी कुछ दिन में खत्म होने वाला है. पूरे शहर में एक डर का माहौल बना हुआ है. उनके सम्पर्क में उत्तराखंड के अन्य छात्र भी हैं. वह भी लगातार सभी से बातचीत कर रहे हैं. सभी यूक्रेन से सुरक्षित बाहर निकलना चाहते हैं. भारतीय दूतावास ने भी साफ कहा है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती या अन्य व्यवस्थाएं नहीं होती, तब तक अपने घरों से बिल्कुल भी बाहर न निकलें.