देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (Uttarakhand Subordinate Selection Service Commission) 2021 पेपर लीक मामले की जांच सफलतापूर्वक करने के चलते, अब उत्तराखंड एसटीएफ को दो और भर्ती घोटालों की जांच (Recruitment scam investigation) भी सौंपी गई है. डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) के निर्देश पर पूर्व में आयोजित सचिवालय रक्षक एवं कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) परीक्षाओं की जांच (Secretariat Guard and Junior Assistant Exams investigation) अब STF करेगी. इतना ही नहीं वर्ष 2020 में उत्तराखंड फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा (Uttarakhand Forest Guard Recruitment Exam) में ब्लूटूथ के जरिए हुई नकल की जांच को भी सिविल पुलिस की जगह अब एसटीएफ को पुनः परीक्षण जांच सौंपी गई है.
हालांकि, इससे पहले फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिए नकल (imitation through bluetooth in forest guard recruitment exam) करने वाले गिरोह को हरिद्वार पुलिस ने रुड़की से पकड़ा गया था. इस भर्ती घोटाले में हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में मुकदमा दर्ज किया गये थे, लेकिन अब इसकी पुन परीक्षण की जांच एसटीएफ को सौंपी गई (Investigation handed over to STF) है. बताया जा रहा है कि एसटीएफ यूकेएसएसएससी पेपर लीक इन्वेस्टिगेशन के साथ-साथ अब सचिवालय रक्षक कनिष्ठ सहायक और फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा जांच की विवेचना करेगी.
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बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग स्नातक 2021 पेपर लीक मामले की जांच में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज चुकी है. हालांकि, अभी जांच जा रही है. मामले में कई और गिरफ्तारी की कार्रवाई चल रही है.
उत्तराखंड के गढ़वाल, कुमाऊं और उत्तर प्रदेश के नकल माफियाओं के गठजोड़ का पर्दाफाश करने में एसटीएफ पूरी तत्परता से जुड़ी हुई है. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के नकल माफियाओं का जल्द ही भांडाफोड़ कर एसटीएफ बड़ा चौंकाने वाला खुलासा कर सकती है. उत्तरकाशी के मोरी निवासी चर्चित हाकम सिंह नेटवर्क से जुड़े लोगों (People associated with Hakam Singh network) की तलाश में एसटीएफ की कई टीमें गैर राज्यों में धरपकड़ में जुटी है.