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साइबर ठगों पर उत्तराखंड STF का शिकंजा, एक हफ्ते में 7 लाख से ज्यादा रकम की रिकवर

उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में पुलिस भी पहले के मुकाबले ज्यादा सक्रिय हो गई है. पुलिस साइबर ठगों की कमर तोड़ने के लिए नई-नई तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का उद्देश्य न सिर्फ साइबर ठगों को सलाखों के पीछे पहुंचाना है, बल्कि उनसे ऑनलाइन ठगी के पैसों की रिकवरी कर पीड़ितों को राहत भी दिलाना है.

Uttarakhand STF recovered
साइबर ठगी
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Published : Feb 22, 2022, 3:51 PM IST

Updated : Feb 22, 2022, 4:23 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) न सिर्फ साइबर क्रिमिनल्स पर अपना शिकंजा कस रही है, बल्कि पीड़ितों को पैसा भी वापस करवा रही है. पिछले सात दिनों में साइबर क्राइम पुलिस ने 7 लाख रुपए से ज्यादा साइबर ठगों से वापस लिए और उसे पीड़ितों के खाते में भिजवाया है.

उत्तराखंड में साइबर पुलिस ने हाल ही में ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है. जहां ऑनलाइन ठगी का शिकार कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. साइबर थाना पुलिस ने ई-सुरक्षा चक्र मिशन के तहत बीते 7 दिनों में 7 लाख 21 हजार रुपए की राशि रिकवर की है.

पढ़ें- अब 1930 हुआ वित्तीय साइबर हेल्पलाइन नंबर, जानें ऑनलाइन ठगी से बचने के तरीके

पहला मामला: भुवन राम निवासी चंपावत ने साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर एफडी का लालच देकर उनसे चार लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी की है. साइबर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित वॉलेट और बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क किया और भुवन राम की चार लाख रुपए की राशि वापस कराई.

दूसरा मामला देहरादून निवासी राजेंद्र प्रसाद का है. उन्होंने साइबर हेल्पलाइन पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि ऑनलाइन एफडी के नाम पर एक व्यक्ति ने उनसे एक लाख 19 हजार रुपए की ठगी है. यहां उत्तराखंड की साइबर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित वॉलेट और बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क किया और उस रकम को फ्रीज कराया. इसके बाद पीड़ित के खाते में एक लाख 19 हजार रुपए वापस कराए.

पढ़ें- Jagte Raho: ऑनलाइन पेमेंट एप्स के रेप्लिका एप से रहें सावधान...साइबर ठग ऐसे बना रहे शिकार

तीसरा केस उधमसिंह नगर जिले के रहने वाले विपुल चौहान का है. यहां एक व्यक्ति ने रिश्तेदार के नाम पर विपुल से UPI के माध्यम से दो लाख 80 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी की. यहां पुलिस ने वॉलेट और बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क करते हुये शिकायतकर्ता के 94 हजार रुपए वापस कराए थे.

चौथा मामला अल्मोड़ा का है. यहां देवेश पंत ने साइबर हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी. देवेश पंत ने बताया था कि किसी व्यक्ति ने पतंजलि का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर उसके नंबर पर एक लिंक भेजा था. इस दौरान आरोपी ने धोखाधड़ी कर देवेश पंत के खाते से 30 हजार रुपए साफ कर दिए. यहां भी साइबर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 30,600 रुपए वापस कराए.

पांचवां केस पिथौरागढ़ के हीरा सिंह का है. हीरा सिंह ने साइबर पुलिस को बताया था कि एक व्यक्ति ने उनका दोस्त बनकर उनके खातें में पैसे डालने के नाम पर ऑनलाइन लिंक भेजा था. इसी तरह उनसे तीस हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गई. यहां भी पुलिस ने बैंक से बात कर पीड़ित का पूरे पैसे वापस दिलवाए.

पढ़ें- शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के नाम पर 17 लाख की ठगी, आप भूलकर भी न करें ये गलती

सातवां मामला उधम सिंह नगर निवासी सोनू का है. सोनू से रिश्तेदार बनकर किसी व्यक्ति ने खाते में पैसे डालने के लिए UPI पिन पूछा और सोनू ने बता दिया. इस तरह अज्ञात व्यक्ति ने सोनू के खाते से 98 हजार रुपए साफ कर दिए थे. इस मामले में भी शिकायत के बाद पुलिस ने बैंक से संपर्क कर सोनू के 50 हजार रुपए वापस दिलवाए.

आठवां केस उधम सिंह नगर की रहने वाली राखी का है. राखी से बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर आरोपी ने Anydesk एप डाउनलोड कराकर UPI के माध्यम से 44,702 रुपए ठग लिए थे. इस मामले में भी साइबर पुलिस ने 35,600 रुपए वापस दिला दिए थे.

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है तो वो तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराए. पीड़ित शिकायत करने में जितनी ज्यादा देरी करेगा, उसके पैसे वापस पाने की संभावना उतनी ही कम हो जाएगी.

पढ़ें- Bulli Bai App: उत्तराखंड से हुई दूसरी गिरफ्तारी से मचा हड़कंप, मुंबई पुलिस ने कोटद्वार से छात्र को पकड़ा

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन सामान की खरीदारी करते हुए अधिकृत वेबसाइट से ही सामान खरीदें. किसी भी प्रकार के लुभावने वादों के चक्कर में आकर फर्जी साइट से सामान न खरीदें और न ही बैंक संबंधित अपनी कोई पर्सनल जानकारी शेयर करें. इन सबके बाद यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो जाता है, तो तत्काल नजदीकी साइबर थाने या फिर साइबर हेल्पलाइन 1903 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराए.

देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) न सिर्फ साइबर क्रिमिनल्स पर अपना शिकंजा कस रही है, बल्कि पीड़ितों को पैसा भी वापस करवा रही है. पिछले सात दिनों में साइबर क्राइम पुलिस ने 7 लाख रुपए से ज्यादा साइबर ठगों से वापस लिए और उसे पीड़ितों के खाते में भिजवाया है.

उत्तराखंड में साइबर पुलिस ने हाल ही में ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है. जहां ऑनलाइन ठगी का शिकार कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. साइबर थाना पुलिस ने ई-सुरक्षा चक्र मिशन के तहत बीते 7 दिनों में 7 लाख 21 हजार रुपए की राशि रिकवर की है.

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पहला मामला: भुवन राम निवासी चंपावत ने साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर एफडी का लालच देकर उनसे चार लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी की है. साइबर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित वॉलेट और बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क किया और भुवन राम की चार लाख रुपए की राशि वापस कराई.

दूसरा मामला देहरादून निवासी राजेंद्र प्रसाद का है. उन्होंने साइबर हेल्पलाइन पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि ऑनलाइन एफडी के नाम पर एक व्यक्ति ने उनसे एक लाख 19 हजार रुपए की ठगी है. यहां उत्तराखंड की साइबर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित वॉलेट और बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क किया और उस रकम को फ्रीज कराया. इसके बाद पीड़ित के खाते में एक लाख 19 हजार रुपए वापस कराए.

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तीसरा केस उधमसिंह नगर जिले के रहने वाले विपुल चौहान का है. यहां एक व्यक्ति ने रिश्तेदार के नाम पर विपुल से UPI के माध्यम से दो लाख 80 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी की. यहां पुलिस ने वॉलेट और बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क करते हुये शिकायतकर्ता के 94 हजार रुपए वापस कराए थे.

चौथा मामला अल्मोड़ा का है. यहां देवेश पंत ने साइबर हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी. देवेश पंत ने बताया था कि किसी व्यक्ति ने पतंजलि का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर उसके नंबर पर एक लिंक भेजा था. इस दौरान आरोपी ने धोखाधड़ी कर देवेश पंत के खाते से 30 हजार रुपए साफ कर दिए. यहां भी साइबर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 30,600 रुपए वापस कराए.

पांचवां केस पिथौरागढ़ के हीरा सिंह का है. हीरा सिंह ने साइबर पुलिस को बताया था कि एक व्यक्ति ने उनका दोस्त बनकर उनके खातें में पैसे डालने के नाम पर ऑनलाइन लिंक भेजा था. इसी तरह उनसे तीस हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गई. यहां भी पुलिस ने बैंक से बात कर पीड़ित का पूरे पैसे वापस दिलवाए.

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सातवां मामला उधम सिंह नगर निवासी सोनू का है. सोनू से रिश्तेदार बनकर किसी व्यक्ति ने खाते में पैसे डालने के लिए UPI पिन पूछा और सोनू ने बता दिया. इस तरह अज्ञात व्यक्ति ने सोनू के खाते से 98 हजार रुपए साफ कर दिए थे. इस मामले में भी शिकायत के बाद पुलिस ने बैंक से संपर्क कर सोनू के 50 हजार रुपए वापस दिलवाए.

आठवां केस उधम सिंह नगर की रहने वाली राखी का है. राखी से बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर आरोपी ने Anydesk एप डाउनलोड कराकर UPI के माध्यम से 44,702 रुपए ठग लिए थे. इस मामले में भी साइबर पुलिस ने 35,600 रुपए वापस दिला दिए थे.

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है तो वो तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराए. पीड़ित शिकायत करने में जितनी ज्यादा देरी करेगा, उसके पैसे वापस पाने की संभावना उतनी ही कम हो जाएगी.

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एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन सामान की खरीदारी करते हुए अधिकृत वेबसाइट से ही सामान खरीदें. किसी भी प्रकार के लुभावने वादों के चक्कर में आकर फर्जी साइट से सामान न खरीदें और न ही बैंक संबंधित अपनी कोई पर्सनल जानकारी शेयर करें. इन सबके बाद यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो जाता है, तो तत्काल नजदीकी साइबर थाने या फिर साइबर हेल्पलाइन 1903 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराए.

Last Updated : Feb 22, 2022, 4:23 PM IST
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