देहरादूनः उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की परीक्षा आयोजित कराने वाला संस्थान इन दिनों बेहद चर्चाओं में है. परीक्षा आयोजित करने वाले उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पर 2021 में आयोजित परीक्षा के पेपर लीक जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. इस पूरे मामले की जांच कर रही उत्तराखंड एसटीएफ टीम ने पिछले 8 दिनों में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर पेपर लीक से जुड़े 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही इन आरोपियों के कब्जे से सवा करोड़ रुपया भी वसूला है.
वहीं, अब उत्तराखंड एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, पेपर लीक कर चांदी काटने का यह मामला बड़े हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ा है. ऐसे में आने वाले दिनों में जांच की आंच उत्तराखंड सचिवालय तक चौंकाने वाले तथ्य के साथ पहुंच सकती है. इसका बड़ा कारण पुलिस और न्यायिक व्यवस्था से जुड़े 3 सरकारी कर्मचारी सहित उन 12 लोगों की गिरफ्तारी हैं, जिनसे बेहद अहम सबूत मिले हैं. इसके तार उच्चस्तरीय आलाधिकारी तक पहुंच सकते हैं.
जल्द हो सकती है कुछ और लोगों गिरफ्तारीः यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ जल्द ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी भी कर सकती है. इसी के चलते एसटीएफ की अलग-अलग टीमें कुमाऊं के जनपदों में डेरा डाले हुए हैं. वहीं, उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के मुताबिक, लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस का गिरफ्तार कर्मचारी जयजीत इस घपलेबाजी कड़ी का एक सूत्रधार जरूर है, लेकिन मास्टरमाइंड नहीं है.
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आयोग के मुताबिक, अभी तीन से चार ऐसे लोग हैं, जो इस पूरे धांधलेबाजी में बड़ी भूमिका में पूरे नेटवर्क का हिस्सा हैं. उनकी गिरफ्तारी बेहद जरूरी है. इस बात की जानकारी आयोग के पदाधिकारियों ने पुलिस मुख्यालय सहित एसटीएफ जांच एजेंसी को दी है.
जांच में तथ्य सही तो हाई प्रोफाइल पर कार्रवाईः उत्तराखंड एसटीएफ का मानना है कि यह पेपर लीक का नेटवर्क बड़े स्तर का है. कड़ी दर कड़ी जोड़कर लगातार जांच पड़ताल चल रही है. अभी तक की 12 गिरफ्तारियां में जो महत्वपूर्ण सबूत बरामद हुए हैं उनके मुताबिक, इसमें कुछ हाई प्रोफाइल के लोग भी शामिल हो सकते हैं. जिस पर जांच चल रही है. ऐसे में जांच में तथ्य सही पाए गए तो कार्रवाई निश्चित है.