देहरादूनः उत्तराखंड एसटीएफ ने क्रिप्टो में ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर दिव्यांग के साथ 13 लाख की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने 7 साल से कार्यरत दिल्ली सिविल सर्विस डिफेंल में कार्यरत गैंग के चौथे सदस्य को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. साथ ही एसटीएफ ने एक बैंक खाते में 7 लाख रुपयों को भी फ्रीज कराया है. एसटीएफ इससे पहले 2 आरोपियों को जयपुर से गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि एक साथी ने साइबर पुलिस स्टेशन देहरादून में सरेंडर किया है. अब तक मुकदमे में कुल 4 आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई.
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद इकबाल एंड गिरोह लोगों को फ्लिपकार्ट का गिफ्ट गिविंग मैनेजर बताकर यूट्यूब चैनल्स को लाइक व सब्सक्राइब करने का टास्क देकर लाभ कमाने की बात कहते थे. इसके एवज में शुरू में लोगों को 500 से हजार रुपए देकर उनका विश्वास जीतते थे. जब लोगों को विश्वास हो जाता था तो उसके बाद क्रिप्टो करेंसी में ऑनलाइन ट्रेडिंग कर बड़ा मुनाफा कमाने का लालच देकर टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ते थे. टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग वेबसाइट के लिंक भेजकर निवेश और टास्क करने के लिए कहा जाता था.
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जयपुर और दिल्ली से आरोपी दबोचे: वहीं, अज्ञात व्यक्तियों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र रचकर पीड़ित को टास्क और क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर अलग-अलग तारीख में अलग-अलग लेन देन के माध्यम से ऑनलाइन रुपए जमा कराते हैं. पुलिस ने बताया का पीड़ित दिव्यांग के साथ इसी तरफ कुल 13 लाख 11 हजार 900 रुपये की धोखाधड़ी की. पुलिस ने बताया कि जिन खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए वह सभी खाते दिल्ली, जयपुर के थे. इसके आधार पर एसटीएफ ने जयपुर और दिल्ली में दबिश डालकर आरोपियों को दबोचा.
फ्रॉड कंपनी के अकाउंट से 5 करोड़ का लेन-देन: एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि कार्रवाई के दौरान एसटीएफ टीम ने आरोपी मोहम्मद इकबाल को संगम विहार, नार्थ दिल्ली से गिरफ्तार किया. जांच में यह भी पता चला कि आईक्यू सर्विस एंड सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जिसे फ्रॉड के लिए खोला गया था. कंपनी के अकाउंट में लगभग 5 करोड़ रुपये की लेन देन हुई है. एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया है कि 2 महीने पहले साइबर क्राइम में पीड़ित विक्रम कुमार पडाला द्वारा मामला दर्ज कराया गया था.
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दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोपी गिरफ्तारः नाबालिग से दुष्कर्म कर हत्या के 25 हजार रुपए के इनामी 9 साल से फरार आरोपी को बिजनौर के टांडा साहूवाला गांव में आम के बाग से गिरप्तार किया गया है. आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश हाईकोर्ट ने डीजीपी उत्तराखंड को दिए थे. न्यायालय के आदेशानुसार आरोपी को सितंबर 23 तक न्यायालय में पेश करने के लिए कहा गया था.
ये है मामलाः 2007 में विनोद कुमार निवासी ग्राम टांडा भागमल थाना लक्सर हरिद्वार ने टांडा भागमल के जंगल में घास काटने गई 8 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी. घटना के समय आरोपी को थाना लक्सर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. कुछ समय बाद आरोपी विनोद कुमार को न्यायालय से जमानत मिली लेकिन आरोपी आगे की कार्रवाई के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ. पुलिस के मुताबिक, आरोपी विनोद अपने गांव भागमल से अपना मकान बेचकर गांव से भाग गया. साल 2014 से आरोपी विनोद कुमार की तलाश की जा रही थी. हाईकोर्ट उत्तराखंड ने भी आरोपी विनोद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर डीजीपी को गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे.
1 महीने तक एसटीएफ ने की रेकी: ऐसे में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी हरिद्वार ने 5 सदस्यीय टीम का गठन किया. एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया है कि आरोपी विनोद की गिरफ्तारी के लिए विशेष कार्य योजना बनाई गई. इसमें सिर्फ मैनुअल पुलिसिंग पर ही फोकस किया गया. इसके लिए एसटीएफ के दो जवानों को पिछले 1 महीने से आरोपी के आने-जाने-रहने के सभी संभावित स्थानों पर लगाया गया. इसके बाद पता चला कि आरोपी विनोद कुमार वर्तमान में बिजनौर के टांडा के साहूवाला गांव में आम बाग का ठेका लेकर काम कर रहा है. इस सूचना पर एसटीएफ की एक टीम ने दबिश दी और विनोद कुमार को गिरफ्तार किया.
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