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हिंदुस्तान पत्नी संग नाइजीरियन ने रचा शादी-बिजनेस का 'खेल', पैन इंडिया के नाम देशभर से ठगे करोड़ों

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Published : Sep 23, 2021, 10:55 AM IST

Updated : Sep 23, 2021, 7:49 PM IST

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ने महाराष्ट्र के पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है. टीम ने एक नाइजीरियन सहित पति-पत्नी (कुल 3 लोगों) को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ को आरोपियों के पास से 3 पासपोर्ट सहित भारी मात्रा में बैंक और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के रूप में सुबूत बरामद हुए हैं. ये शादी और बिजनेस का झांसा देकर लोगों को चूना लगाते थे.

cyber crime gang
साइबर क्राइम गिरोह

देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स साइबर (Uttarakhand Special Task Force) अपराधियों की धरपकड़ को लेकर लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में उत्तराखंड की एसटीएफ ने महाराष्ट्र के पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक नाइजीरियन न्वाकोरो चीक स्टेनली (Nwaokoro Chike Stanley) सहित कुल 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुणे साइबर पुलिस के सहयोग से एसटीएफ की गिरफ्त में आए इस इंटरनेशनल गिरोह का देशभर में धोखाधड़ी करने का नेटवर्क फैला है. एसटीएफ को आरोपियों के पास से 3 पासपोर्ट सहित भारी मात्रा में बैंक और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के रूप में सुबूत बरामद हुए हैं.

ये नाइजीरियन साइबर क्राइम अपराधी वर्ष 2013 में मेडिकल वीजा की आड़ में अपनी हिंदुस्तानी पत्नी के साथ मिलकर देशभर में "भारत मैट्रीमोनीयल साइट" और केसर युक्त हर्बल तेल (Aquadin Herbal Oil) व्यापार के नाम से सैकड़ों लोगों से लाखों-करोड़ों की ठगी अपराध को अंजाम दे रहा था.

एसटीएफ के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि साइबर क्राइम का यह गिरोह मुख्यतः मैट्रिमोनियल साइट (Matrimonial site) पर विदेशी महिला बनकर पहले दोस्ती और फिर शादी का प्रस्ताव और उसके बाद बिजनेस में मोटा मुनाफा देने के लालच में देशभर में लाखों-करोड़ों की धोखाधड़ी कर लोगों को अपना निशाना बनाता आया है.

पढ़ें: Chardham Yatra 2021: केदारनाथ मार्ग पर अव्यवस्था से तीर्थयात्री परेशान

उत्तराखंड एसटीएफ टीम ने इस अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग के कब्जे से 10 मोबाइल, 76 एक्टिव सिम कार्ड्स, 3 पासपोर्ट 15 बैंक चेक बुक, 2 नेट सेटर डिवाइस और अन्य तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स सुबूत के तौर पर बरामद किए हैं.

मैट्रिमोनियल साइट के जरिए देहरादून में हुई थी 17 लाख से अधिक की ठगी: पिछले दिनों देहरादून निवासी एक शिकायतकर्ता से इसी गिरोह द्वारा 17 लाख 10 हजार की साइबर धोखाधड़ी की गई थी. शिकायतकर्ता को "मैट्रिमोनियल साइट" पर विदेशी महिला बनकर दोस्ती, शादी और बिजनेस करने का झांसा देकर मोटी रकम ठगी गई थी.

गिरोह में एक नाइजीरियन के साथ पति-पत्नी का किरदार "मैट्रिमोनियल साइट" पर लोगों को फंसाना: उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक महाराष्ट्र के पुणे से संचालित होने वाले इस साइबर गिरोह का मुख्य सरगना नाइजीरियन नागरिक हैं, जबकि उसके साथ उसका एक हिंदुस्तानी दोस्त और उसकी पत्नी भी इस गैंग में शामिल हैं.

जांच में पता चला कि इस अपराध में उसका साथ देने वाली झारखंड निवासी युवती स्वर्णलता (Swarnlata Barnabas minz) दुबई से नौकरी गंवाकर पहले भारत आई, और फिर नाइजीरियन अभियुक्त न्वाकोरो चीक स्टेनली (Nwaokoro Chike Stanley) से दोस्ती की, फिर लिविन रिलेशनशिप और शादी के बाद "मैट्रिमोनियल साइट" पर धोखाधड़ी के अपराध में उसके साथ साझीदार बनी.

इसके लिए ये महिला फेसबुक, भारत मेट्रोमोनियल साइट सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से विदेशी बनकर पहले दोस्ती और फिर शादी करती थी. उसके साथ ही जानवरों की चर्बी से बने Aquadin Herbal Oil व्यापार का मुनाफे वाला बिजनेस का फर्जीवाड़ा कर धोखाधड़ी को अंजाम दे रही थी.

मैट्रिमोनियल साइट के जरिए देशभर में होने वाले फ्रॉड के खुलासों की संभावना: एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक प्रारंभिक पूछताछ में इस गिरोह का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेटवर्क फैला हुआ है. जहां यह साइट्स पर विदेशी महिला बनकर दोस्ती शादी और बिजनेस के षड्यंत्र रच लोगों की कमाई में डाका डालते हैं. ऐसे में इस गिरोह के खुलासे के बाद संभावना जताई जा रही है कि देशभर में Matrimonial site के जरिए विदेशी महिला बनकर पहले दोस्ती फिर शादी और उसके बाद व्यापार में मोटा लालच का झांसा देकर लाखों, करोड़ों की ठगी जैसे मामलों का देशभर से जुड़े कई बड़े साइबर अपराधों का खुलासे होने की संभावनाएं हैं.

गैरकानूनी तरीके से रहता था आरोपी: एसटीएफ के मुताबिक आरोपी न्वाकोरो चीक स्टेनली 2013 में मेडिकल वीजा पर भारत आया था. इस दौरान उसने थोड़ी बहुत हिंदी सीख ली. आरोपी के मुताबिक भारत में उसके देश से बेहतर मेडिकल व्यवस्था होने के चलते वह वर्ष 2013 में मेडिकल वीजा के जरूर आया, लेकिन वीजा समाप्त होने के बावजूद वह अवैध रूप से भारत में रहकर साइबर धोखाधड़ी का नेटवर्क संचालित कर रहा था.

मोबाइल सिम बेचने वाले वाले गिरोह का सुराग: महाराष्ट्र के पुणे स्थित Kingston Serien एक फ्लैट से संचालित होने वाले इंटरनेशनल साइबर क्राइम गिरोह को फर्जी आईडी पर मोबाइल सिम मुहैया कराना वाला व्यक्ति रमेश भी गिरफ्तार हुआ है. रमेश मूल रूप से जोधपुर राजस्थान का रहने वाला है. रमेश जो पुणे में ही ओम कम्यूनिकेशन नाम से मोबाइल की दुकान चलाता था. रमेश का काम इस अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह को भारी संख्या में न सिर्फ अलग-अलग कंपनी के फर्जी सिम कार्ड दिलाना था, बल्कि उन मोबाइल सिम कार्ड को प्रीएक्टिवेट कर नंबर चालू और बंद करना भी था. इस कार्य के लिए रमेश को मोटा कमीशन मिलता था. ऐसा पहली बार हुआ है जब उत्तराखंड एसटीएफ व साइबर क्राइम पुलिस ने किसी अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गैंग को मोबाइल सिम मुहैया कराने वाले अपराधी को भी गिरफ्तार किया है. ऐसे में रमेश की गिरफ्तारी से मोबाइल नंबरों से होने वाले कई अपराधों के खुलासे की भी संभावना जताई गई है.

देहरादून: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स साइबर (Uttarakhand Special Task Force) अपराधियों की धरपकड़ को लेकर लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में उत्तराखंड की एसटीएफ ने महाराष्ट्र के पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक नाइजीरियन न्वाकोरो चीक स्टेनली (Nwaokoro Chike Stanley) सहित कुल 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुणे साइबर पुलिस के सहयोग से एसटीएफ की गिरफ्त में आए इस इंटरनेशनल गिरोह का देशभर में धोखाधड़ी करने का नेटवर्क फैला है. एसटीएफ को आरोपियों के पास से 3 पासपोर्ट सहित भारी मात्रा में बैंक और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के रूप में सुबूत बरामद हुए हैं.

ये नाइजीरियन साइबर क्राइम अपराधी वर्ष 2013 में मेडिकल वीजा की आड़ में अपनी हिंदुस्तानी पत्नी के साथ मिलकर देशभर में "भारत मैट्रीमोनीयल साइट" और केसर युक्त हर्बल तेल (Aquadin Herbal Oil) व्यापार के नाम से सैकड़ों लोगों से लाखों-करोड़ों की ठगी अपराध को अंजाम दे रहा था.

एसटीएफ के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि साइबर क्राइम का यह गिरोह मुख्यतः मैट्रिमोनियल साइट (Matrimonial site) पर विदेशी महिला बनकर पहले दोस्ती और फिर शादी का प्रस्ताव और उसके बाद बिजनेस में मोटा मुनाफा देने के लालच में देशभर में लाखों-करोड़ों की धोखाधड़ी कर लोगों को अपना निशाना बनाता आया है.

पढ़ें: Chardham Yatra 2021: केदारनाथ मार्ग पर अव्यवस्था से तीर्थयात्री परेशान

उत्तराखंड एसटीएफ टीम ने इस अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग के कब्जे से 10 मोबाइल, 76 एक्टिव सिम कार्ड्स, 3 पासपोर्ट 15 बैंक चेक बुक, 2 नेट सेटर डिवाइस और अन्य तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स सुबूत के तौर पर बरामद किए हैं.

मैट्रिमोनियल साइट के जरिए देहरादून में हुई थी 17 लाख से अधिक की ठगी: पिछले दिनों देहरादून निवासी एक शिकायतकर्ता से इसी गिरोह द्वारा 17 लाख 10 हजार की साइबर धोखाधड़ी की गई थी. शिकायतकर्ता को "मैट्रिमोनियल साइट" पर विदेशी महिला बनकर दोस्ती, शादी और बिजनेस करने का झांसा देकर मोटी रकम ठगी गई थी.

गिरोह में एक नाइजीरियन के साथ पति-पत्नी का किरदार "मैट्रिमोनियल साइट" पर लोगों को फंसाना: उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक महाराष्ट्र के पुणे से संचालित होने वाले इस साइबर गिरोह का मुख्य सरगना नाइजीरियन नागरिक हैं, जबकि उसके साथ उसका एक हिंदुस्तानी दोस्त और उसकी पत्नी भी इस गैंग में शामिल हैं.

जांच में पता चला कि इस अपराध में उसका साथ देने वाली झारखंड निवासी युवती स्वर्णलता (Swarnlata Barnabas minz) दुबई से नौकरी गंवाकर पहले भारत आई, और फिर नाइजीरियन अभियुक्त न्वाकोरो चीक स्टेनली (Nwaokoro Chike Stanley) से दोस्ती की, फिर लिविन रिलेशनशिप और शादी के बाद "मैट्रिमोनियल साइट" पर धोखाधड़ी के अपराध में उसके साथ साझीदार बनी.

इसके लिए ये महिला फेसबुक, भारत मेट्रोमोनियल साइट सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से विदेशी बनकर पहले दोस्ती और फिर शादी करती थी. उसके साथ ही जानवरों की चर्बी से बने Aquadin Herbal Oil व्यापार का मुनाफे वाला बिजनेस का फर्जीवाड़ा कर धोखाधड़ी को अंजाम दे रही थी.

मैट्रिमोनियल साइट के जरिए देशभर में होने वाले फ्रॉड के खुलासों की संभावना: एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक प्रारंभिक पूछताछ में इस गिरोह का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेटवर्क फैला हुआ है. जहां यह साइट्स पर विदेशी महिला बनकर दोस्ती शादी और बिजनेस के षड्यंत्र रच लोगों की कमाई में डाका डालते हैं. ऐसे में इस गिरोह के खुलासे के बाद संभावना जताई जा रही है कि देशभर में Matrimonial site के जरिए विदेशी महिला बनकर पहले दोस्ती फिर शादी और उसके बाद व्यापार में मोटा लालच का झांसा देकर लाखों, करोड़ों की ठगी जैसे मामलों का देशभर से जुड़े कई बड़े साइबर अपराधों का खुलासे होने की संभावनाएं हैं.

गैरकानूनी तरीके से रहता था आरोपी: एसटीएफ के मुताबिक आरोपी न्वाकोरो चीक स्टेनली 2013 में मेडिकल वीजा पर भारत आया था. इस दौरान उसने थोड़ी बहुत हिंदी सीख ली. आरोपी के मुताबिक भारत में उसके देश से बेहतर मेडिकल व्यवस्था होने के चलते वह वर्ष 2013 में मेडिकल वीजा के जरूर आया, लेकिन वीजा समाप्त होने के बावजूद वह अवैध रूप से भारत में रहकर साइबर धोखाधड़ी का नेटवर्क संचालित कर रहा था.

मोबाइल सिम बेचने वाले वाले गिरोह का सुराग: महाराष्ट्र के पुणे स्थित Kingston Serien एक फ्लैट से संचालित होने वाले इंटरनेशनल साइबर क्राइम गिरोह को फर्जी आईडी पर मोबाइल सिम मुहैया कराना वाला व्यक्ति रमेश भी गिरफ्तार हुआ है. रमेश मूल रूप से जोधपुर राजस्थान का रहने वाला है. रमेश जो पुणे में ही ओम कम्यूनिकेशन नाम से मोबाइल की दुकान चलाता था. रमेश का काम इस अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह को भारी संख्या में न सिर्फ अलग-अलग कंपनी के फर्जी सिम कार्ड दिलाना था, बल्कि उन मोबाइल सिम कार्ड को प्रीएक्टिवेट कर नंबर चालू और बंद करना भी था. इस कार्य के लिए रमेश को मोटा कमीशन मिलता था. ऐसा पहली बार हुआ है जब उत्तराखंड एसटीएफ व साइबर क्राइम पुलिस ने किसी अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गैंग को मोबाइल सिम मुहैया कराने वाले अपराधी को भी गिरफ्तार किया है. ऐसे में रमेश की गिरफ्तारी से मोबाइल नंबरों से होने वाले कई अपराधों के खुलासे की भी संभावना जताई गई है.

Last Updated : Sep 23, 2021, 7:49 PM IST
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