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KYC के नाम पर 21 लाख की ठगी का आरोपी गिरफ्तार - देहरादून न्यूज

पीड़ित की शिकायत पर एसटीएफ ने धोखाधड़ी करने के आरोपी को झारखंड के गिरिडीह से गिरफ्तार कर लिया है. एसटीएफ ने आरोपी के पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, 5 बैंक पासबुक, 2 फर्जी आधार कार्ड और कई एटीएम कार्ड के साथ किसान कार्ड जैसे अन्य जाली दस्तावेज बरामद किये हैं.

Dehradun News
एसटीएफ की गिरफ्त में आरोपी.
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Published : Oct 6, 2021, 10:41 AM IST

Updated : Oct 6, 2021, 12:10 PM IST

देहरादूनः राजधानी दून में साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला वसंत विहार क्षेत्र का है. जहां एक व्यक्ति के मोबाइल नंबर की केवाईसी कराने के नाम पर 21 लाख रुपए की ठगी हो गई थी. पीड़ित की शिकायत पर एसटीएफ ने आरोपी को झारखंड के गिरिडीह से गिरफ्तार कर लिया है. एसटीएफ ने आरोपी के पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, 5 बैंक पासबुक, 2 फर्जी आधार कार्ड और कई एटीएम कार्ड के साथ किसान कार्ड जैसे अन्य जाली दस्तावेज बरामद किया है.

एसटीएफ की गिरफ्त में आए आरोपी का नाम अमन मंडल है, जो झारखंड के गिरिडीह का रहने वाला है. देहरादून के वसंत विहार के रहने वाले प्रमोद कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि मोबाइल नंबर की केवाईसी कराने के नाम पर उनके साथ 21 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है. जिसके बाद से पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी. उत्तराखंड STF झारखंड में छापेमारी कर अमन मंडल को झारखंड के गिरिडीह से गिरफ्तार कर लिया है. एसटीएफ आरोपी से पूछताछ कर उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों की जानकारी एकत्र कर आगे की कार्रवाई करने में जुटी हुई है.

पढ़ें-देहरादून: खुद को मिलिट्री जवान बताने वाला आरोपी गिरफ्तार, जांच में जुटी पुलिस

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, बीते दिनों देहरादून के वसंत विहार निवासी प्रमोद कुमार द्वारा देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसमें बताया गया था कि मोबाइल नंबर की केवाईसी के नाम पर धोखे से पहले अनजान कॉल आ रही थी. कॉल करने वाला अपने को कंपनी का कर्मचारी बता रहा था. जिसके झांसे में आकर उन्होंने उसकी बातों पर यकीन कर लिया. आरोपी ने पहले उन्हें Any desk app डाउनलोड कराया, उसके बाद धोखाधड़ी कर 21 लाख रुपए ठग लिए.

ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) से कैसे बचें?

  • फोन पर किसी को भी अपनी बैंक डिटेल न दें.
  • अपना ATM पिन, CVV नंबर, डेबिट पासवर्ड और अकाउंट नंबर किसी को भी शेयर न करें.
  • किसी और का बताया पासवर्ड न बनाएं.ओटीपी (OTP) किसी को भी शेयर न करें.
  • इंटरनेट पर कभी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर संपर्क न करें.
  • इंटरनेट पर आनी वाली साइटों पर अपनी निजी जानकारी न डालें.
  • किसी भी फ्री और डिस्काउंट के लालच में आकर लिंक पर क्लिक न करें.
  • कुछ महीनों के अंतराल पर अपना पासवर्ड बदलते रहें.
  • एटीएम वैलिडिटी एक्सपायर से संबंधित आने वाले कॉल और मैसेज का जबाव न दें.
  • बैंक के कर्मचारी फोन या ई-मेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते.
  • बैंक के कर्मचारी कभी भी एटीएम की वैलिडिटी खत्म होने पर कॉल नहीं करते हैं.
  • डेबिट कार्ड से शॉपिंग करते समय पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें.
  • लेनदेन करने के बाद रसीद जरूर लें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करें.

ऑनलाइन फ्रॉड होने पर क्या करें?

  • फ्रॉड का शिकार होने के बाद आपको बैंक में तीन दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी.
  • बैंक जांच करेगा कि पैसे आपकी गलती के कारण किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए हैं या आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या फिर किसी ने निकाल लिए हैं.
  • साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर बैंक चोरी हुए पैसों की भरपाई करेगा, लेकिन ये भरपाई कुछ शर्तों पर ही होगी.
  • सबसे पहले अपने अकाउंट, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग को बंद कराएं. इसके बाद पुलिस में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं.
  • बैंक में एफआईआर की कॉपी लेकर जाएं. इसके आधार पर बैंक फ्रॉड की जांच करेगा.

देहरादूनः राजधानी दून में साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला वसंत विहार क्षेत्र का है. जहां एक व्यक्ति के मोबाइल नंबर की केवाईसी कराने के नाम पर 21 लाख रुपए की ठगी हो गई थी. पीड़ित की शिकायत पर एसटीएफ ने आरोपी को झारखंड के गिरिडीह से गिरफ्तार कर लिया है. एसटीएफ ने आरोपी के पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, 5 बैंक पासबुक, 2 फर्जी आधार कार्ड और कई एटीएम कार्ड के साथ किसान कार्ड जैसे अन्य जाली दस्तावेज बरामद किया है.

एसटीएफ की गिरफ्त में आए आरोपी का नाम अमन मंडल है, जो झारखंड के गिरिडीह का रहने वाला है. देहरादून के वसंत विहार के रहने वाले प्रमोद कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि मोबाइल नंबर की केवाईसी कराने के नाम पर उनके साथ 21 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है. जिसके बाद से पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी. उत्तराखंड STF झारखंड में छापेमारी कर अमन मंडल को झारखंड के गिरिडीह से गिरफ्तार कर लिया है. एसटीएफ आरोपी से पूछताछ कर उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों की जानकारी एकत्र कर आगे की कार्रवाई करने में जुटी हुई है.

पढ़ें-देहरादून: खुद को मिलिट्री जवान बताने वाला आरोपी गिरफ्तार, जांच में जुटी पुलिस

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, बीते दिनों देहरादून के वसंत विहार निवासी प्रमोद कुमार द्वारा देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसमें बताया गया था कि मोबाइल नंबर की केवाईसी के नाम पर धोखे से पहले अनजान कॉल आ रही थी. कॉल करने वाला अपने को कंपनी का कर्मचारी बता रहा था. जिसके झांसे में आकर उन्होंने उसकी बातों पर यकीन कर लिया. आरोपी ने पहले उन्हें Any desk app डाउनलोड कराया, उसके बाद धोखाधड़ी कर 21 लाख रुपए ठग लिए.

ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) से कैसे बचें?

  • फोन पर किसी को भी अपनी बैंक डिटेल न दें.
  • अपना ATM पिन, CVV नंबर, डेबिट पासवर्ड और अकाउंट नंबर किसी को भी शेयर न करें.
  • किसी और का बताया पासवर्ड न बनाएं.ओटीपी (OTP) किसी को भी शेयर न करें.
  • इंटरनेट पर कभी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर संपर्क न करें.
  • इंटरनेट पर आनी वाली साइटों पर अपनी निजी जानकारी न डालें.
  • किसी भी फ्री और डिस्काउंट के लालच में आकर लिंक पर क्लिक न करें.
  • कुछ महीनों के अंतराल पर अपना पासवर्ड बदलते रहें.
  • एटीएम वैलिडिटी एक्सपायर से संबंधित आने वाले कॉल और मैसेज का जबाव न दें.
  • बैंक के कर्मचारी फोन या ई-मेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते.
  • बैंक के कर्मचारी कभी भी एटीएम की वैलिडिटी खत्म होने पर कॉल नहीं करते हैं.
  • डेबिट कार्ड से शॉपिंग करते समय पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें.
  • लेनदेन करने के बाद रसीद जरूर लें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करें.

ऑनलाइन फ्रॉड होने पर क्या करें?

  • फ्रॉड का शिकार होने के बाद आपको बैंक में तीन दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी.
  • बैंक जांच करेगा कि पैसे आपकी गलती के कारण किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए हैं या आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या फिर किसी ने निकाल लिए हैं.
  • साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर बैंक चोरी हुए पैसों की भरपाई करेगा, लेकिन ये भरपाई कुछ शर्तों पर ही होगी.
  • सबसे पहले अपने अकाउंट, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग को बंद कराएं. इसके बाद पुलिस में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं.
  • बैंक में एफआईआर की कॉपी लेकर जाएं. इसके आधार पर बैंक फ्रॉड की जांच करेगा.
Last Updated : Oct 6, 2021, 12:10 PM IST
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