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19 साल के युवा प्रदेश में 12 बार हुए उपचुनाव, कुछ ऐसी है उत्तराखंड की चुनावी कहानी

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Published : Jul 28, 2019, 10:31 PM IST

उत्तराखंड राज्य की स्थापना से अब तक 12 बार उपचुनाव हुए हैं. 12 बार विधानसभा सीटों के लिए के लिए जबकि 4 बार लोकसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए हैं.

उपचुनाव

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में इस साल एक बार फिर चुनावों का दौर शुरू होने वाला है. पंचायतों का कार्यकाल 5 जुलाई को समाप्त हो चुका है तो वहीं वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. हालांकि चुनाव की तिथियों की घोषणा अभी नहीं की गई है. लेकिन नियमानुसार सीट खाली होने के 6 महीने के भीतर चुनाव कराना होता है. अगर प्रदेश में हुए उपचुनावों की बात करें तो अभी तक 12 बार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव संपन्न हुए हैं.

राज्य में अब तक 12 बार उपचुनाव हुए हैं.

उत्तराखंड राज्य बने 19 साल पूरे होने को हैं और इन 19 सालों में प्रदेश के भीतर चार बार विधानसभा और चार बार लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए हैं. लेकिन उत्तराखंड राज्य के इन 19 सालों में अभी तक 12 बार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो चुके हैं और इसी साल पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है.

यह भी पढ़ेंः 14 घंटे तक गुलदार ने खूब कराई भाग दौड़, एक वनकर्मी और दो व्यापारियों पर किया हमला

इसके साथ ही प्रदेश में अभी तक 4 बार लोकसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो चुके हैं. हालांकि प्रदेश में पहली बार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव साल 2002 में हुआ था. उस दौरान नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद रहे एनडी तिवारी ने सांसदी छोड़ रामनगर विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा था.

निधन के बाद विधानसभा उपचुनाव चौथी बार

उत्तराखंड राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद विधानसभा के लिए उपचुनाव का यह चौथा मामला है. हालांकि राज्य में सबसे पहले साल 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद खाली हुई द्वाराहाट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था.

दूसरी बार साल 2014 में भगवानपुर के विधायक सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद खाली हुई भगवानपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. वहीं साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे और अब वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव का चौथा मामला है.

प्रदेश में कब कब हुए विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव

  • साल 2002 में रामनगर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2004 में द्वाराहाट विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2005 में कोटद्वार विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2007 में धुमाकोट विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2009 में कपकोट विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2009 में विकासनगर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2012 में सितारगंज विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2014 में डोइवाला विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2014 में धारचूला विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2014 में सोमेश्वर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2015 में भगवानपुर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2018 में थराली विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में इस साल एक बार फिर चुनावों का दौर शुरू होने वाला है. पंचायतों का कार्यकाल 5 जुलाई को समाप्त हो चुका है तो वहीं वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. हालांकि चुनाव की तिथियों की घोषणा अभी नहीं की गई है. लेकिन नियमानुसार सीट खाली होने के 6 महीने के भीतर चुनाव कराना होता है. अगर प्रदेश में हुए उपचुनावों की बात करें तो अभी तक 12 बार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव संपन्न हुए हैं.

राज्य में अब तक 12 बार उपचुनाव हुए हैं.

उत्तराखंड राज्य बने 19 साल पूरे होने को हैं और इन 19 सालों में प्रदेश के भीतर चार बार विधानसभा और चार बार लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए हैं. लेकिन उत्तराखंड राज्य के इन 19 सालों में अभी तक 12 बार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो चुके हैं और इसी साल पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है.

यह भी पढ़ेंः 14 घंटे तक गुलदार ने खूब कराई भाग दौड़, एक वनकर्मी और दो व्यापारियों पर किया हमला

इसके साथ ही प्रदेश में अभी तक 4 बार लोकसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो चुके हैं. हालांकि प्रदेश में पहली बार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव साल 2002 में हुआ था. उस दौरान नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद रहे एनडी तिवारी ने सांसदी छोड़ रामनगर विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा था.

निधन के बाद विधानसभा उपचुनाव चौथी बार

उत्तराखंड राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद विधानसभा के लिए उपचुनाव का यह चौथा मामला है. हालांकि राज्य में सबसे पहले साल 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद खाली हुई द्वाराहाट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था.

दूसरी बार साल 2014 में भगवानपुर के विधायक सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद खाली हुई भगवानपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. वहीं साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे और अब वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव का चौथा मामला है.

प्रदेश में कब कब हुए विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव

  • साल 2002 में रामनगर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2004 में द्वाराहाट विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2005 में कोटद्वार विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2007 में धुमाकोट विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2009 में कपकोट विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2009 में विकासनगर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2012 में सितारगंज विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2014 में डोइवाला विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2014 में धारचूला विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2014 में सोमेश्वर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2015 में भगवानपुर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
  • साल 2018 में थराली विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव.
Intro:उत्तराखंड राज्य में इसी साल एक बार फिर चुनावो का दौर शुरू होने वाला है, त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल, 15 जुलाई को समाप्त होने के बाद प्रदेश में पंचायतों के चुनाव होने हैं तो वही वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। हालांकि चुनाव की तिथियों की घोषणा नहीं की गई है लेकिन नियमानुसार सीट खाली होने के 6 महीने के भीतर सीट को भरना होता है। अगर प्रदेश में हुए उपचुनावों की बात करें तो अभी तक 12 बार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव संपन्न हुए हैं।


Body:उत्तराखंड राज्य बने 19 साल पूरे होने को है और इन 19 सालों में प्रदेश के भीतर चार बार विधानसभा और चार बार लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए हैं लेकिन उत्तराखंड राज्य के इन 19 सालों में अभी तक 12 बार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो चुके हैं और इसी साल पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। इसके साथ ही प्रदेश में अभी तक 4 बार लोकसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो चुके हैं। हालांकि प्रदेश में पहली बार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव साल 2002 में हुआ था। उस दौरान नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद रहे एनडी तिवारी ने सांसदी छोड़ रामनगर विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा था।


.......निधन के बाद विधानसभा उपचुनाव होने की घटना चौथी बार ......

उत्तराखंड राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद विधानसभा के लिए उपचुनाव का यह चौथा मामला है। हालांकि राज्य में सबसे पहले साल 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद खाली हुई द्वाराहाट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। दूसरी बार साल 2014 में भगवानपुर के विधायक सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद खाली हुई भगवानपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। वही साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। और अब वित्तमंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव का चौथा मामला है।


.............प्रदेश में कब कब हुए विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव........

- साल 2002 में रामनगर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2004 में द्वाराहाट विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2005 में कोटद्वार विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2007 में धुमाकोट विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2009 में कपकोट विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2009 में विकासनगर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2012 में सितारगंज विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2014 में डोईवाला विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2014 में धारचूला विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2014 में सोमेश्वर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2015 में भगवानपुर विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।

- साल 2018 में थराली विधानसभा सीट पर हुआ था उपचुनाव।


बाइट - वीरेन्द्र बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा


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