देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम ने सीआईआरटी (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट) की जांच के बाद टाटा कंपनी की जिन 150 बसों को गेयर लिवर में तकनीकी खामी की वजह से लौटा दिया था, अब वह सभी बसें दोबारा उत्तराखंड परिवहन निगम के बेड़े में शामिल होने जा रही हैं. शुरुआती दौर में ट्रायल के तौर पर रोडवेज प्रबंधन ने कंपनी से महज 15 बसें लेने का ही निर्णय लिया है.
बता दें कि टाटा कंपनी के पंतनगर स्थित प्लांट से 15 बसें रिलीज कर दी गई हैं. अब रोडवेज प्रबंधन द्वारा इन 15 बसों का तीनों परीक्षेत्रों में संचालन कराया जाएगा. इसके तहत देहरादून, टनकपुर और काठगोदाम परीक्षेत्र में 5-5 नई बसें संचालन के लिए दी जा रही हैं. ऐसे में यदि अगले कुछ दिनों तक यह बसें बिना किसी तकनीकी दिक्कतों के संचालित होती हैं तो टाटा कंपनी की शेष बची 135 बसें भी उत्तराखंड परिवहन निगम के बेड़े में शामिल कर दी जाएंगी.
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टाटा कंपनी से शुरुआती दौर में वापस ली जा रही 15 नई बसों को लेकर उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री दिनेश पंत का कहना है कि नई बसें पूरी तरह से सेंसर युक्त हैं. ऐसे में बसों के चालक और परिचालकों ने प्रबंधन से यह मांग की हैं कि इन बसों के ट्रायल रन के दौरान टाटा कंपनी का एक तकनीकी अधिकारी तीनों परिक्षेत्रों में मौजूद रहे. जिससे बस के चालक और परिचालक भी इन बसों की नई तकनीक को बेहतर ढंग से समझ सके.
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बरहाल टाटा कंपनी से खरीदी जा रही इन 150 बसों के उत्तराखंड परिवहन निगम के बेड़े में शामिल होने से पहाड़ी रूटों के यात्रियों को खासी सहूलियत मिलेगी. ये बसें विशेषकर पहाड़ी रूटों पर संचालन के लिए खरीदी जा रही हैं.