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प्रदेश में सड़क दुर्घटना के लगातार बढ़ रहे मामले, चिन्हित ब्लैक स्पॉट की नहीं हुई मरम्मत

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Published : Oct 16, 2020, 10:27 PM IST

प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह परिवहन विभाग द्वारा 5 साल पहले चिन्हित किए गए दुर्घटना संभावित स्थल और ब्लैक स्पॉट की मरम्मत का काम अब तक पूरा न होना भी है. 5 साल पूर्व परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश भर में 1929 दुर्घटना संभावित स्थल और 139 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे.

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प्रदेश में चिन्हित ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना संभावित स्थलों की नहीं हुई मरम्मत

देहरादून: प्रदेश में हर साल होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उत्तराखंड परिवहन विभाग के सभी दावे हवा हवाई साबित होते नजर आ रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि जहां साल 2019 में प्रदेश में 1021 सड़क दुर्घटनाएं सामने आई थी, वहीं इस साल सितंबर महीने तक 685 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें 445 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

बता दें कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह परिवहन विभाग द्वारा 5 साल पहले चिन्हित किए गए दुर्घटना संभावित स्थल और ब्लैक स्पॉट की मरम्मत का काम अब तक पूरा न होना भी है. 5 साल पूर्व परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश भर में 1929 दुर्घटना संभावित स्थल और 139 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे. जिसमें से अभी तक महज 50 फीसदी दुर्घटना संभावित स्थल और 51 फीसदी ब्लैक स्पॉट की ही मरम्मत हो पाई है.

पढ़ें- कोरोना मरीजों का अस्पतालों पर दबाव हुआ कम, राज्य में घट रही संक्रमण की दर

ब्लैक स्पॉट वह स्थान होते हैं जहां एक से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हो. इसके अलावा जहां हुई दुर्घटनाओं में 5 से अधिक लोगों की मौत हुई हो उसे भी ब्लैक स्पॉट माना जाता है. इसके अलावा दुर्घटना संभावित स्थल उन स्थानों को कहते हैं जहां अक्सर सड़क दुर्घटना होने की आशंका रहती है.

पढ़ें- युवा इंजीनियर ने छोड़ी नौकरी, वर्मी कंपोस्ट से बना 'आत्मनिर्भर'

प्रदेश में चिन्हित कुल 139 ब्लैक स्पॉट में से 17 ब्लैक स्पॉट की मरम्मत साल 2017 में की गई थी. वहीं, साल 2018 में 25, साल 2019 में 24 और इस साल सितंबर महीने तक अब तक महज 5 ब्लैक स्पॉट ही ठीक किए गए हैं. इसके अलावा 68 ब्लैक स्पॉट अभी शेष है उनमें से 43 ब्लैक स्पॉट नेशनल हाईवे अथॉरिटी और 25 ब्लैक स्पॉट लोक निर्माण विभाग को ठीक करने हैं.

पढ़ें- कोविड-19 की गाइडलाइन के साथ राजधानी में होगा गरबा रास कार्यक्रम, 200 लोग लेंगे हिस्सा

वहीं, बात अगर 1929 दुर्घटना संभावित स्थलों की करें तो अब तक प्रदेश में 976 दुर्घटना संभावित स्थल ठीक किए जा चुके हैं. जबकि, 953 पर अभी भी काम होना बाकी है.

पढ़ें- 'ऑपरेशन सत्य' में पुलिस के साथ अन्य विभाग भी मिलकर लड़े: उषा नेगी

साल 2019 में घटी विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं की मजिस्ट्रियल जांच लंबित

एक तरफ प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ साल 2019 में सार्वजनिक सेवायान से घटित 170 सड़क दुर्घटनाओं में से अब तक महज 24 सड़क दुर्घटनाओं की मजिस्ट्रियल जांच हो सकी है. इसके अलावा अभी भी 99 सड़क दुर्घटनाओं की मजिस्ट्रियल जांच अधूरी है.

देहरादून: प्रदेश में हर साल होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उत्तराखंड परिवहन विभाग के सभी दावे हवा हवाई साबित होते नजर आ रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि जहां साल 2019 में प्रदेश में 1021 सड़क दुर्घटनाएं सामने आई थी, वहीं इस साल सितंबर महीने तक 685 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें 445 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

बता दें कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह परिवहन विभाग द्वारा 5 साल पहले चिन्हित किए गए दुर्घटना संभावित स्थल और ब्लैक स्पॉट की मरम्मत का काम अब तक पूरा न होना भी है. 5 साल पूर्व परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश भर में 1929 दुर्घटना संभावित स्थल और 139 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे. जिसमें से अभी तक महज 50 फीसदी दुर्घटना संभावित स्थल और 51 फीसदी ब्लैक स्पॉट की ही मरम्मत हो पाई है.

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ब्लैक स्पॉट वह स्थान होते हैं जहां एक से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हो. इसके अलावा जहां हुई दुर्घटनाओं में 5 से अधिक लोगों की मौत हुई हो उसे भी ब्लैक स्पॉट माना जाता है. इसके अलावा दुर्घटना संभावित स्थल उन स्थानों को कहते हैं जहां अक्सर सड़क दुर्घटना होने की आशंका रहती है.

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प्रदेश में चिन्हित कुल 139 ब्लैक स्पॉट में से 17 ब्लैक स्पॉट की मरम्मत साल 2017 में की गई थी. वहीं, साल 2018 में 25, साल 2019 में 24 और इस साल सितंबर महीने तक अब तक महज 5 ब्लैक स्पॉट ही ठीक किए गए हैं. इसके अलावा 68 ब्लैक स्पॉट अभी शेष है उनमें से 43 ब्लैक स्पॉट नेशनल हाईवे अथॉरिटी और 25 ब्लैक स्पॉट लोक निर्माण विभाग को ठीक करने हैं.

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वहीं, बात अगर 1929 दुर्घटना संभावित स्थलों की करें तो अब तक प्रदेश में 976 दुर्घटना संभावित स्थल ठीक किए जा चुके हैं. जबकि, 953 पर अभी भी काम होना बाकी है.

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साल 2019 में घटी विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं की मजिस्ट्रियल जांच लंबित

एक तरफ प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ साल 2019 में सार्वजनिक सेवायान से घटित 170 सड़क दुर्घटनाओं में से अब तक महज 24 सड़क दुर्घटनाओं की मजिस्ट्रियल जांच हो सकी है. इसके अलावा अभी भी 99 सड़क दुर्घटनाओं की मजिस्ट्रियल जांच अधूरी है.

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