देहरादून: उत्तराखंड में बेरोजगार (unemployment in uttarakhand) पिछले लंबे समय से भले ही सड़कों पर दिख रहे हों, लेकिन आंकड़े तस्दीक करते हैं कि राज्य में रोजगार को लेकर हालात बाकी कई राज्यों से बेहतर हैं. हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड सबसे बेहतर राज्यों में शुमार है. हिमाचल के लिहाज से तो स्थिति जमीन-आसमान के फर्क वाली है.
प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने से जुड़ा मुद्दा पिछले लंबे समय से राज्य की राजनीति में छाया हुआ है. इसकी बड़ी वजह UKSSSC पेपर लीक मामले (UKSSSC Paper Leak) के सामने आने और विधानसभा में कथित भाई भतीजावाद के तहत हुई नियुक्ति होना माना जा सकता है. हैरानी की बात यह है कि इसके बाद उत्तराखंड की सड़कों पर युवाओं का हुजूम भी दिखाई दिया. इस स्थिति को देखकर विपक्षी दल भी सरकार पर काफी आक्रामक रहे.
लेकिन इन स्थितियों के बीच CMIE यानी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी प्राइवेट लिमिटेड (CMIE report on unemployment in Uttarakhand) की तरफ से बेरोजगारी दर को लेकर जो आंकड़े सामने रखे गए, वह इन हालातों से काफी जुदा दिखाई देते हैं. उत्तराखंड में सितंबर महीने की तुलना में अक्टूबर महीने में बेरोजगारी दर बढ़ी हुई दिखाई दी. लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर औसतन आकलन किया जाए तो उत्तराखंड सबसे बेहतर हालात वाले राज्य में शुमार है. इन्हीं आंकड़ों से उत्साहित सत्ताधारी भाजपा के नेता उत्तराखंड में सरकार के कामों को आगे रख रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा युवाओं के रोजगार को लेकर कदम उठाए जाने की बात को दोहरा रहे हैं.
अभी हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने खुद अधिकारियों की बैठक लेते हुए सभी रिक्त पदों का ब्यौरा न केवल तलब किया, बल्कि राज्य में सभी रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्ती करने के लिए तमाम आयोग से जुड़े अधिकारियों को भी निर्देश दिए. जाहिर है कि युवाओं के बढ़ते दबाव को पुष्कर सिंह धामी सरकार महसूस कर रही है. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा नियुक्तियां करके युवाओं में अच्छा संदेश देने की भी कोशिश की जा रही है.
सीएमआईई के बेरोजगारी दर पर क्या हैं आंकड़े
- उत्तराखंड में बेरोजगारी दर सितंबर के महीने 0.5 प्रतिशत थी.
- अक्टूबर महीने में यह दर 3.4 प्रतिशत पहुंची.
- बेरोजगारी दर बढ़ने के बावजूद उत्तराखंड हिमालयी राज्यों में बेहतर स्थिति में रहा.
- देश का बेरोजगारी दर में औसत रेट सितंबर महीने में 6.4 प्रतिशत था.
- अक्टूबर महीने में यह दर 7.5% पहुंची.
- पड़ोसी राज्य हिमाचल में अक्टूबर महीने में बेरोजगारी दर 8.6% थी.
- इससे पहले सितंबर महीने में यह दर 9.2% थी.
- जम्मू कश्मीर में बेरोजगारी दर सितंबर महीने में 23.2 थी.
- अक्टूबर में 22.4% हो गई.
- बेरोजगारी दर में हरियाणा और राजस्थान देश में सबसे खराब हालत में हैं.
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का मौसम है. इस दौरान वहां रोजगार भी मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है. हिमाचल के पड़ोस में ही उत्तराखंड बेरोजगारी दर में हिमाचल से आधे से भी कम आंकड़ों के साथ बेहतर स्थिति में है. हालांकि, इन आंकड़ों को लेकर कुछ संदेह जाहिर करते हुए कांग्रेस कहती है कि यदि उत्तराखंड में बेरोजगारी को लेकर हालात ठीक हैं, तो फिर युवा सड़कों पर क्यों हैं? कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट कहते हैं कि हिमाचल में हालात खराब हैं. उत्तराखंड में भी. उत्तराखंड में तो जो नौकरियां दी भी जा रही हैं वह भी सवालों के घेरे में हैं. उन पर जांच भी ठीक से नहीं हो रही.
पढ़ें- उत्तराखंड के दो युवकों समेत 16 भारतीय अफ्रीकी देश गिनी की हिरासत में, सीएम धामी से मदद की गुहार
सीएमआईई के यह आंकड़े उत्तराखंड के लिए तो राहत भरे हैं, लेकिन कुछ दूसरे राज्य हैं जो इससे चिंता में आ गए हैं. छत्तीसगढ़, गुजरात, उड़ीसा, कर्नाटक जैसे राज्य सबसे बेहतर हालात में दिखाई देते हैं. उत्तराखंड पिछले कुछ महीनों में बेरोजगारी दर को लेकर ठीक स्थिति में रहा है, लेकिन 1 साल पहले उत्तराखंड भी बेरोजगारी दर को लेकर आंकड़ों के लिहाज से बेहद मुश्किल स्थिति में दिखाई दे रहा था. हालांकि इन आंकड़ों को और बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री रिक्त पदों पर नियुक्ति की कोशिशों में जुटे हैं. साथ ही निजी क्षेत्रों में भी रोजगार को और ज्यादा बेहतर करने की कोशिश की जा रही है.