देहरादून: उत्तराखंड में अपनी जमीन खो चुका एक मात्र क्षेत्रीय दल यूकेडी (उत्तराखंड क्रांति दल) अभी से 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गया है. 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को देखते हुए यूकेडी ने उत्तराखंड रक्षा मोर्चा के साथ विलय कर लिया है. शुक्रवार को सर्किट हाउस में उत्तराखंड रक्षा मोर्चा का उत्तराखंड क्रांति दल में विलय हुआ. इस दौरान पूर्व वरिष्ठ आईएएस सुरेंद्र सिंह पांगती, पीसी थपलियाल और ज्योति रावत शामिल हुए.
2022 के विधान सभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए यूकेडी ने अपने कुनबे को बढ़ाते हुए उत्तराखंड रक्षा मोर्चा के साथ हाथ मिलाया है. इस मौके पर यूकेडी के अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा कि तीन से चार दल पहले ही उनके साथ आ चुके हैं. यह सब कवायद आने वाले समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए की जा रही है. ये वो चुनौतियां है जो बीजेपी और कांग्रेस ने प्रदेश में खड़ी कर दी हैं.
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दिवाकर भट्ट ने कहा कि पलायन, परिसीमन और रोजगार जैसी समस्याएं प्रदेश में चुनौती के रूप में खड़ी हुई हैं. आज प्रदेश का युवा रोजगार नहीं मिलने से आत्महत्या जैसे कदम उठा रहा है. वहीं किसान भी इसी दौर से गुजर रहा है. इस समस्याओं से चिंतित होकर यूकेडी ने तीसरा विकल्प बनाने की तैयारी की है. तमाम छोटे दल भी यूकेडी के संपर्क में हैं और यूकेडी में शामिल होने के लिए इच्छुक हैं.
उत्तराखंड क्रांति दल एक ऐसा विकल्प तैयार कर रही है जिससे बीजेपी और कांग्रेस की हठधर्मिता को खतरा हो. दोनों राष्ट्रीय पार्टियां सोचने पर मजबूर हो जाएगी यदि अब उत्तराखंड के अनदेखी की तो इसके परिणाम क्या होंगे?