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PCB Action: NGT के नियमों का उल्लंघन करने वाले होटल और ईंट-भट्टे होंगे बंद - NGT के नियमों का उल्लंघन करने वाले होटल

उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करने वाले होटल और ईंट-भट्टे को बंद करने जा रहा है, जिसके लिए कवायद शुरू हो गई है.

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Published : Feb 26, 2023, 7:16 AM IST

Updated : Feb 26, 2023, 7:26 AM IST

NGT के नियमों का उल्लंघन करने वाले होटल और ईंट-भट्टे होंगे बंद.

देहरादून: देशभर में पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जिसे देखते हुए एनजीटी समय-समय पर तमाम दिशा निर्देश देती रही है. इसके साथ ही उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को भी नियमों के आवश्यक पालन करने के भी निर्देश देती रहती है. बावजूद इसके उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में तमाम होटल और ईंट भट्ठे ऐसे हैं, जो एनजीटी के नियमों के विरुद्ध संचालित हो रहे हैं. जिसको देखते हुए अब उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है.

इसके साथ ही नदियों किनारे संचालित हो रहे कमर्शियल एक्टिविटी का भी सर्वेक्षण करने जा रही है, ताकि नदियों में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. ज्यादा जानकारी देते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के निदेशक सुशांत पटनायक ने बताया कि हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र में 195 ईंट भट्ठे संचालित हो रहे हैं. जिसमे कुछ ईंट भट्ठे ऐसे हैं, जो पॉल्यूशन नियंत्रण बोर्ड से बिना अनुमति के संचालित हो रहे हैं. ऐसे ईंट भट्टों को 31 दिसंबर का समय दिया गया था, बावजूद इसके अनुमति ना लेने वाले ईंट भट्टों को बंद करने की कार्रवाई की जा रही है.

साथ ही कहा कि कुछ ईंट भट्ठे क्लीनर टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. लिहाजा इन ईंट भट्ठों को 31 दिसंबर 2022 तक का समय दिया गया था, जिसके तहत क्लीनर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल न करने वाले भट्टों के संबंध में एनजीटी ने बंदी के आदेश दिए थे. हालांकि, अब ईंट भट्टों को क्लीनर टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए 30 जून तक का अंतिम समय दिया गया है. इसके बाद भी अगर ईंट भट्ठे क्लीनर टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाते हैं तो उन्हें स्थायी तौर पर बंद कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Forest Fire: कर्णप्रयाग-गोपेश्वर के पास धधके चीड़ के जंगल, कड़ी मशक्कत से पाया गया काबू

इसके साथ ही हरिद्वार के चीला क्षेत्र एवं राजाजी नेशनल पार्क से सटे क्षेत्र में तमाम होटल ऐसे हैं, जो एयर और वाटर एक्ट का उलंघन कर रहे है और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से विधिस्वरूप अनुमति नहीं ली है. एनजीटी की ज्वॉइंट कमेटी ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया था और पाया कि 19 ऐसे होटल हैं, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. जिसके बाद पॉल्यूशव कंट्रोल बोर्ड की ओर से इन सभी होटलों को नोटिस भेजा गया था, जिसके बाद 9 होटलों ने पीसीबी से अनुमति ले ली है.

लेकिन 10 होटल ऐसे हैं, जिन्होंने नोटिस प्राप्त होने के बावजूद पीसीबी से अनुमति प्राप्त नहीं की है. लिहाजा इन 10 होटलों में से 4 होटलों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति अधिरोपित किया गया है. इसके साथ ही 6 होटलों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने के साथ ही उनके बंदी के नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं. क्योंकि ये 6 होटल पीसीबी के किसी भी नियमों पर खरा नहीं उतरे हैं.

NGT के नियमों का उल्लंघन करने वाले होटल और ईंट-भट्टे होंगे बंद.

देहरादून: देशभर में पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जिसे देखते हुए एनजीटी समय-समय पर तमाम दिशा निर्देश देती रही है. इसके साथ ही उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को भी नियमों के आवश्यक पालन करने के भी निर्देश देती रहती है. बावजूद इसके उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में तमाम होटल और ईंट भट्ठे ऐसे हैं, जो एनजीटी के नियमों के विरुद्ध संचालित हो रहे हैं. जिसको देखते हुए अब उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है.

इसके साथ ही नदियों किनारे संचालित हो रहे कमर्शियल एक्टिविटी का भी सर्वेक्षण करने जा रही है, ताकि नदियों में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. ज्यादा जानकारी देते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के निदेशक सुशांत पटनायक ने बताया कि हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र में 195 ईंट भट्ठे संचालित हो रहे हैं. जिसमे कुछ ईंट भट्ठे ऐसे हैं, जो पॉल्यूशन नियंत्रण बोर्ड से बिना अनुमति के संचालित हो रहे हैं. ऐसे ईंट भट्टों को 31 दिसंबर का समय दिया गया था, बावजूद इसके अनुमति ना लेने वाले ईंट भट्टों को बंद करने की कार्रवाई की जा रही है.

साथ ही कहा कि कुछ ईंट भट्ठे क्लीनर टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. लिहाजा इन ईंट भट्ठों को 31 दिसंबर 2022 तक का समय दिया गया था, जिसके तहत क्लीनर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल न करने वाले भट्टों के संबंध में एनजीटी ने बंदी के आदेश दिए थे. हालांकि, अब ईंट भट्टों को क्लीनर टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए 30 जून तक का अंतिम समय दिया गया है. इसके बाद भी अगर ईंट भट्ठे क्लीनर टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाते हैं तो उन्हें स्थायी तौर पर बंद कर दिया जाएगा.

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इसके साथ ही हरिद्वार के चीला क्षेत्र एवं राजाजी नेशनल पार्क से सटे क्षेत्र में तमाम होटल ऐसे हैं, जो एयर और वाटर एक्ट का उलंघन कर रहे है और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से विधिस्वरूप अनुमति नहीं ली है. एनजीटी की ज्वॉइंट कमेटी ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया था और पाया कि 19 ऐसे होटल हैं, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. जिसके बाद पॉल्यूशव कंट्रोल बोर्ड की ओर से इन सभी होटलों को नोटिस भेजा गया था, जिसके बाद 9 होटलों ने पीसीबी से अनुमति ले ली है.

लेकिन 10 होटल ऐसे हैं, जिन्होंने नोटिस प्राप्त होने के बावजूद पीसीबी से अनुमति प्राप्त नहीं की है. लिहाजा इन 10 होटलों में से 4 होटलों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति अधिरोपित किया गया है. इसके साथ ही 6 होटलों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने के साथ ही उनके बंदी के नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं. क्योंकि ये 6 होटल पीसीबी के किसी भी नियमों पर खरा नहीं उतरे हैं.

Last Updated : Feb 26, 2023, 7:26 AM IST
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