ETV Bharat / state

हाईटेक वाहनों से नहीं बल्कि साइकिल से गश्त करके बदमाशों को पकड़ेगी उत्तराखंड पुलिस

साइकिल पर गश्त करने का उत्तराखंड पुलिस का यह निर्णय ट्रायल के तौर पर चंपावत जिले में शुरु किया गया था. जिसका रिस्पॉस पुलिस को बेहतर मिला. यहीं कारण है कि पुलिस अधिकारी अब इस नियम को दूसरे जिलों में लागू करना चाहते है.

साइकिल से गश्त करेगी पुलिस
author img

By

Published : May 8, 2019, 9:37 AM IST

Updated : May 8, 2019, 11:34 AM IST

देहरादून: मौजूदा वक्त में अन्य राज्यों की पुलिस बदमाशों से निपटने के लिए हाईटेक तरीके अपना रही है, वहीं उत्तराखंड पुलिस इन दिनों पुरान जमाने का तरीका अपनाने जा रही है. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से जवानों को साइकिल पर गश्त करने का फरमान जारी किया गया है. ये प्रयोग चंपावत जिले में पहले ही हो चुका है.

पढ़ें- रेस्टोरेंट चलाने वाली महिला पर बदमाशों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, मौत

पुलिस जवानों को गश्त के लिए सभी थानों और चौकियों में दो-दो साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि साइकिल से गश्त करने वाले जवान आसानी से तंग गलियों में जा सकते और आम लोगों से जुड़ सकते है.

बता दें कि साइकिल पर गश्त करने का उत्तराखंड पुलिस का यह निर्णय ट्रायल के तौर पर चंपावत जिले में शुरु किया गया था. जिसका रिस्पांस पुलिस को बेहतर मिला. यहीं कारण है कि पुलिस अधिकारी अब इस नियम को दूसरे जिलों में लागू करना चाहते है.

साइकिल पर नजर आएगी उत्तराखंड पुलिस.

पढ़ें- भारतीय संस्कृति और इतिहास से होना चाहते हैं रूबरू तो देहरादून का ये म्यूजियम कर रहा है आपका इंतजार

जब इस बारे में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि साइकिल गश्त पूरी तरह से व्यवहारिक है. पुराने समय में पैदल भी गश्त लगायी जाती थी. चंपावत जिले में साइकिल से गश्त काफी हद तक सफल रही है. जिसके चलते अन्य जिलों में भी इसको प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

महानिदेशक लॉ एंड आर्डर की मानें तो साइकिल से गश्त में कई तरह के फायदे हैं. इससे एक तो पुलिस जमीनी हकीकत से रूबरू होगी. साथ ही ये पर्यावरण के लिए भी बेहतर होगा और इससे पुलिस जवानों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा. महानिदेशक लॉ एंड आर्डर के मुताबिक बाइक और कार भी पेट्रोलिंग की भी विभाग को काफी दरकार है. लेकिन साइकिल गश्त को एक नए उपयोग के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि पुलिस की ये योजना धरातल पर कितनी असरदार होगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

देहरादून: मौजूदा वक्त में अन्य राज्यों की पुलिस बदमाशों से निपटने के लिए हाईटेक तरीके अपना रही है, वहीं उत्तराखंड पुलिस इन दिनों पुरान जमाने का तरीका अपनाने जा रही है. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से जवानों को साइकिल पर गश्त करने का फरमान जारी किया गया है. ये प्रयोग चंपावत जिले में पहले ही हो चुका है.

पढ़ें- रेस्टोरेंट चलाने वाली महिला पर बदमाशों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, मौत

पुलिस जवानों को गश्त के लिए सभी थानों और चौकियों में दो-दो साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि साइकिल से गश्त करने वाले जवान आसानी से तंग गलियों में जा सकते और आम लोगों से जुड़ सकते है.

बता दें कि साइकिल पर गश्त करने का उत्तराखंड पुलिस का यह निर्णय ट्रायल के तौर पर चंपावत जिले में शुरु किया गया था. जिसका रिस्पांस पुलिस को बेहतर मिला. यहीं कारण है कि पुलिस अधिकारी अब इस नियम को दूसरे जिलों में लागू करना चाहते है.

साइकिल पर नजर आएगी उत्तराखंड पुलिस.

पढ़ें- भारतीय संस्कृति और इतिहास से होना चाहते हैं रूबरू तो देहरादून का ये म्यूजियम कर रहा है आपका इंतजार

जब इस बारे में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि साइकिल गश्त पूरी तरह से व्यवहारिक है. पुराने समय में पैदल भी गश्त लगायी जाती थी. चंपावत जिले में साइकिल से गश्त काफी हद तक सफल रही है. जिसके चलते अन्य जिलों में भी इसको प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

महानिदेशक लॉ एंड आर्डर की मानें तो साइकिल से गश्त में कई तरह के फायदे हैं. इससे एक तो पुलिस जमीनी हकीकत से रूबरू होगी. साथ ही ये पर्यावरण के लिए भी बेहतर होगा और इससे पुलिस जवानों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा. महानिदेशक लॉ एंड आर्डर के मुताबिक बाइक और कार भी पेट्रोलिंग की भी विभाग को काफी दरकार है. लेकिन साइकिल गश्त को एक नए उपयोग के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि पुलिस की ये योजना धरातल पर कितनी असरदार होगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

Intro:pls नोट desk इस खबर से सम्बंधित गश्त मि फ़ोटो mail से भेजी गई हैं।


हर थाना चौकी को दो-दो साइकिल गश्त करनी होगी

देहरादून: वर्तमान दौर जहाँ हाईटेक क्राइम से निपटने के लिए पुलिस ख़ुद को अपग्रेड कर आधुनिक बनाने में जुटी हुई हैं, वही दूसरी ओर उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा पुरानी जमाने के तर्ज पर अब पुलिस जवानों को साइकिल से गश्त लगाने का फरमान जारी हुआ है। जीहाँ इस उपयोग की शुरुआत राज्य के चंपावत जिले से हो चुकी हैं। पुलिस विभाग द्वारा आने वाले दिनों में प्रदेश के हर थाने चौकी को दो दो साइकिल उपलब्ध करा इस नई पहल की शुरुआत की जा रही है। पुलिस आलाधिकारी के मुताबिक पुराने समय के अनुसार साइकिल से गश्त करने वाले जवान अब आसानी से तंग गलियों में पहुंचकर आम लोगों से जुड़ सकेंगे।


Body:चंपावत जिले सफल होने के साइकिल गश्त प्रदेश में लागू

हाईटेक तकनीकी का सहारा लेकर जहाँ अपराधी पुलिस से कई कदम आगे बढ़कर आये दिन संगीन अपराधों को आधुनिक तरीके अंजाम देने में जुटे हैं,वही अब उत्तराखंड की पुलिस अपराधियों से दो दो हाथ करने ज़मीन पर उतर कैसे साइकील से पुलिसिंग निभाएंगी यह तो कहना मुश्किल है, लेकिन इस फ़रमान के बाद कहीं ना कहीं गश्त ड्यूटी करने जवानों पर एक अतिरिक्त मानसिक दबाव पड़ता नजर आ सकता हैं। हालांकि इस संबंध में अपराध को कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार का मानना हैं कि साइकिल गश्त पूरी तरह से व्यवहारिक हैं, पुराने समय की परंपरा अनुसार पैदल भी गश्त लगायी जाती थी। चंपावत जिले में साइकिल से गश्त काफी हद तक सफ़ल जिसके चलते अन्य जिलों में इस को प्रभावी बनाने का प्रयास हैं।



Conclusion:
साइकिल गश्त पुरानी परंपरा हैं, इससे जमीनी हकीकत का सही अंदाजा होगा:डीजी


उत्तराखंड में साइकिल गश्त के संबंध में सभी जनपद प्रभारियों को अपनी व्यवस्था के मुताबिक प्रत्येक थाने में साइकिल पेट्रोलिंग शुरू करने के निर्देश पुलिस मुख्यालय द्वारा दिए गए हैं। महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक दुपहिया व चौपाइयां वाहन गश्त के अपने फायदे होते हैं,लेकि पुराने समय की परंपरा के मुताबिक साइकिल गश्त के अपने अलग तरह के फायदे हैं। डीजी अशोक कुमार के अनुसार साइकिल गश्त से जमीनी स्तर की हकीकत से पुलिस रूबरू होने के साथ-साथ पर्यावरण और स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिए साइकिल ड्यूटी का उपयोग किया जा रहा है। हालांकि दोपहिया और चौपाइयां वाहनों की पेट्रोलिंग की भी विभाग को काफी दरकार है। लेकिन साइकिल गश्त को एक नए उपयोग के रूप में देखा जा रहा है ऐसे में देखना होगा कि यह योजना के मुताबिक कितना कारगर रहता है।

बाईट-अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था
Last Updated : May 8, 2019, 11:34 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.