ETV Bharat / state

'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' लेगा FAKE NEWS वालों की खबर, होगी कानूनी कार्रवाई

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज, भ्रामक खबरें और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले पोस्ट डालना असामाजिक तत्वों को भारी पड़ सकता है. उत्तराखंड पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' गठित किया है, जो शिकायतों के आधार पर कानूनी कार्रवाई करेगा.

Social Media Intervention Cell
'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' गठित
author img

By

Published : Aug 6, 2021, 3:51 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 4:31 PM IST

देहरादून: आधुनिक युग में सोशल मीडिया एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म है, जहां लोग बड़ी बेबाकी से अपनी राय, मुद्दे और परेशानियों को रखते हैं. सोशल मीडिया पर एक छोटा सा वीडियो भी कभी-कभी गुमनाम शख्स को भी स्टार बना देता है. रेलवे प्लेटफॉर्म पर गीत गाने वाली रानु मंडल और आज कल सोशल मीडिया में ट्रेंडिंग सॉन्ग 'बसपन का प्यार' गाने वाला बच्चा सहदेव दिर्दो को आज सभी जानते हैं, लेकिन कभी-कभी सोशल मीडिया पर फेक और भ्रामक न्यूज की चिंगारी लोगों के बीच तनाव का कारण बन जाती है.

सोशल मीडिया पर किसी भी खबरों का प्रचार-प्रसार बड़ी ही तेजी से होता है. इसी का फायदा उठाकर कई असामाजिक तत्व या फिर राजनीतिक फायदा उठाने वाले नेता कई तरह की भ्रामक खबरें, सूचनाएं और ट्रोलिंग पोस्ट अपलोड कर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं. ऐसे में अब उत्तराखंड पुलिस ऐसे लोगों की पहचान कर उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रही है.

'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' गठित

उत्तराखंड पुलिस ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विवादित पोस्ट के जरिए सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालों पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए 'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' गठित किया गया है. पुलिस के इस विशेष सेल में 4 सब इंस्पेक्टर, 7 पुलिस जवान शामिल होंगे, जो आमजन, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की शिकायतें न सिर्फ दर्ज करेंगे, बल्कि जांच करने के साथ ही आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेंगे.

सोशल मीडिया से संबंधित शिकायतों को ऑनलाइन और ऑफलाइन भी दर्ज किया जाएगा. कोई भी शिकायतकर्ता अपनी तहरीर को नजदीकी थाने से लेकर सीधे देहरादून एसटीएफ मुख्यालय या फिर देवभूमि पोर्टल में ऑनलाइन भी दर्ज करा सकता है. उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अधीन गठित 'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' न केवल विवादित और भ्रामक पोस्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज करेगा. बल्कि इन पोस्ट को तत्काल हटाते हुए संबंधित आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेगा.

ये भी पढ़ें: वंदना कटारिया के घर के बाहर पटाखे फोड़ने का मामला, DGP अशोक कुमार बोले- सही दिशा में जारी जांच

पुलिस मुख्यालय अनुसार एसटीएफ को इस स्पेशल सेल का नोडल नियुक्त किया गया है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति, सरकारी और गैर सरकारी संस्थान सीधे हर जिले में एसटीएफ को सोशल मीडिया से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं.

बता दें कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई तरह के विवादित पोस्ट, व्यक्तिगत और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाले वीडियो और खबरें सामने आ रहे हैं. ऐसे में फेक न्यूज, भ्रामक संदेश, विवादित और ट्रोलिंग पोस्ट डालने वालों के खिलाफ 'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' कानूनी रूप से शिकंजा कसने का काम करेगा.

फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप के खिलाफ शिकायकर्ता 'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' में अपनी तहरीर दर्ज करा सकता है. जिसके बाद यह सेल संबंधित सोशल मीडिया संस्था से न सिर्फ पूछताछ कर विवादित पोस्ट या वीडियो को हटवाने का काम करेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है.

पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि सोशल मीडिया में अनैतिक और सांप्रदायिक सद्भावना भड़काने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसी को देखते हुए एसटीएफ के अधीन इस स्पेशल सेल का गठन किया गया है. आईटी तकनीकी विशेषज्ञों का यह सेल न सिर्फ सोशल मीडिया से विवादित पोस्ट को तत्काल हटाने का कार्य करेगा, बल्कि पोस्ट करने वाले लोगों के खिलाफ जांच करने के बाद तत्काल मुकदमा दर्ज कर प्रभावी कार्रवाई भी करेगा.

डीआईजी भरणे के कहा कि सोशल मीडिया पर आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर संबंधित सोशल मीडिया संस्थान के खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है.

देहरादून: आधुनिक युग में सोशल मीडिया एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म है, जहां लोग बड़ी बेबाकी से अपनी राय, मुद्दे और परेशानियों को रखते हैं. सोशल मीडिया पर एक छोटा सा वीडियो भी कभी-कभी गुमनाम शख्स को भी स्टार बना देता है. रेलवे प्लेटफॉर्म पर गीत गाने वाली रानु मंडल और आज कल सोशल मीडिया में ट्रेंडिंग सॉन्ग 'बसपन का प्यार' गाने वाला बच्चा सहदेव दिर्दो को आज सभी जानते हैं, लेकिन कभी-कभी सोशल मीडिया पर फेक और भ्रामक न्यूज की चिंगारी लोगों के बीच तनाव का कारण बन जाती है.

सोशल मीडिया पर किसी भी खबरों का प्रचार-प्रसार बड़ी ही तेजी से होता है. इसी का फायदा उठाकर कई असामाजिक तत्व या फिर राजनीतिक फायदा उठाने वाले नेता कई तरह की भ्रामक खबरें, सूचनाएं और ट्रोलिंग पोस्ट अपलोड कर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं. ऐसे में अब उत्तराखंड पुलिस ऐसे लोगों की पहचान कर उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रही है.

'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' गठित

उत्तराखंड पुलिस ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विवादित पोस्ट के जरिए सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालों पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए 'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' गठित किया गया है. पुलिस के इस विशेष सेल में 4 सब इंस्पेक्टर, 7 पुलिस जवान शामिल होंगे, जो आमजन, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की शिकायतें न सिर्फ दर्ज करेंगे, बल्कि जांच करने के साथ ही आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेंगे.

सोशल मीडिया से संबंधित शिकायतों को ऑनलाइन और ऑफलाइन भी दर्ज किया जाएगा. कोई भी शिकायतकर्ता अपनी तहरीर को नजदीकी थाने से लेकर सीधे देहरादून एसटीएफ मुख्यालय या फिर देवभूमि पोर्टल में ऑनलाइन भी दर्ज करा सकता है. उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अधीन गठित 'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' न केवल विवादित और भ्रामक पोस्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज करेगा. बल्कि इन पोस्ट को तत्काल हटाते हुए संबंधित आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेगा.

ये भी पढ़ें: वंदना कटारिया के घर के बाहर पटाखे फोड़ने का मामला, DGP अशोक कुमार बोले- सही दिशा में जारी जांच

पुलिस मुख्यालय अनुसार एसटीएफ को इस स्पेशल सेल का नोडल नियुक्त किया गया है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति, सरकारी और गैर सरकारी संस्थान सीधे हर जिले में एसटीएफ को सोशल मीडिया से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं.

बता दें कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई तरह के विवादित पोस्ट, व्यक्तिगत और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाले वीडियो और खबरें सामने आ रहे हैं. ऐसे में फेक न्यूज, भ्रामक संदेश, विवादित और ट्रोलिंग पोस्ट डालने वालों के खिलाफ 'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' कानूनी रूप से शिकंजा कसने का काम करेगा.

फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप के खिलाफ शिकायकर्ता 'सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल' में अपनी तहरीर दर्ज करा सकता है. जिसके बाद यह सेल संबंधित सोशल मीडिया संस्था से न सिर्फ पूछताछ कर विवादित पोस्ट या वीडियो को हटवाने का काम करेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है.

पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि सोशल मीडिया में अनैतिक और सांप्रदायिक सद्भावना भड़काने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसी को देखते हुए एसटीएफ के अधीन इस स्पेशल सेल का गठन किया गया है. आईटी तकनीकी विशेषज्ञों का यह सेल न सिर्फ सोशल मीडिया से विवादित पोस्ट को तत्काल हटाने का कार्य करेगा, बल्कि पोस्ट करने वाले लोगों के खिलाफ जांच करने के बाद तत्काल मुकदमा दर्ज कर प्रभावी कार्रवाई भी करेगा.

डीआईजी भरणे के कहा कि सोशल मीडिया पर आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर संबंधित सोशल मीडिया संस्थान के खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है.

Last Updated : Aug 6, 2021, 4:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.