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उत्तराखंड: पुलिस महकमे ने टिक-टॉक पर लगाया प्रतिबंध

टिक-टॉक एप के जरिए सामाजिक संदेश देने के साथ ही जागरूकता से संबंधित वीडियोज पुलिस महकमे के द्वारा पोस्ट किये जाते थे. मगर मौजूदा दौर के हालातों को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

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उत्तराखंड पुलिस ने विभाग में टिक-टॉक के इस्तेमाल पर लगाया प्रतिबंध
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Published : Jun 20, 2020, 9:09 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 10:41 PM IST

देहरादून: भारतीय सेना के खिलाफ LAC पर चीन की नापाक हरकत से देश में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. देश में लगातार चीनी उत्पादों का बहिष्कार जारी है. इसी कड़ी में उत्तराखंड पुलिस ने भी विभाग में चाइनीज एप टिक-टॉक के इस्तेमाल पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के बाद पुलिस विभाग ने जूम एप के इस्तमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

उत्तराखंड पुलिस ने विभाग में टिक-टॉक के इस्तेमाल पर लगाया प्रतिबंध.


बता दें कि चाइनीज एप टिक-टॉक देशभर में खासा प्रचलित होने के कारण उत्तराखंड पुलिस भी शुरुआती दिनों में इसका काफी इस्तेमाल करती थी. इस एप के जरिए सामाजिक संदेश देने के साथ ही जागरूकता से संबंधित वीडियो पुलिस महकमे के द्वारा पोस्ट किये जाते थे.पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार टिक-टॉक पर उत्तराखंड पुलिस के डेढ़ लाख से अधिक फॉलोवर्स थे.मगर मौजूदा दौर के हालातों को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

पढ़ें- कोरोना संकट के बीच योग भी होगा वर्चुअल, जानिए कैसी है 21 जून की तैयारी

टिक-टॉक के इस्तेमाल पर रोक:डीजी
राज्य में अपराध और कानून व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे अशोक कुमार ने बताया कि मौजूदा समय में चीन के नकारात्मक रवैये को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा पुलिस विभाग में इसके इस्तेमाल को पूरी तरह से रोक दिया गया है. उन्होंने बताया कई अन्य कारणों के दृष्टिगत बाकी ऐप पर भी नजर रखी जा रही है.

पढ़ें- ETV BHARAT पर बाबा रामदेव का बड़ा बयान, दो हफ्ते में आ जाएगी कोरोना की दवा

मोबाइल एप में 52 से अधिक चाइनीज एप सबसे ज्यादा प्रचलित

बता दें वर्तमान में देशभर में स्मार्टफोन मोबाइल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के रूप में सामने आया है. ऐसे में मोबाइल एप्लीकेशन में सबसे अधिक चाइनीज एप ही इस्तेमाल हो रहे हैं. मौजूदा समय में चाइना के 52 ऐसे अलग-अलग एप हैं जो सबसे ज्यादा मोबाइल एप्लीकेशन में इस्तेमाल हो रहे हैं.

देहरादून: भारतीय सेना के खिलाफ LAC पर चीन की नापाक हरकत से देश में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. देश में लगातार चीनी उत्पादों का बहिष्कार जारी है. इसी कड़ी में उत्तराखंड पुलिस ने भी विभाग में चाइनीज एप टिक-टॉक के इस्तेमाल पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के बाद पुलिस विभाग ने जूम एप के इस्तमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

उत्तराखंड पुलिस ने विभाग में टिक-टॉक के इस्तेमाल पर लगाया प्रतिबंध.


बता दें कि चाइनीज एप टिक-टॉक देशभर में खासा प्रचलित होने के कारण उत्तराखंड पुलिस भी शुरुआती दिनों में इसका काफी इस्तेमाल करती थी. इस एप के जरिए सामाजिक संदेश देने के साथ ही जागरूकता से संबंधित वीडियो पुलिस महकमे के द्वारा पोस्ट किये जाते थे.पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार टिक-टॉक पर उत्तराखंड पुलिस के डेढ़ लाख से अधिक फॉलोवर्स थे.मगर मौजूदा दौर के हालातों को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

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टिक-टॉक के इस्तेमाल पर रोक:डीजी
राज्य में अपराध और कानून व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे अशोक कुमार ने बताया कि मौजूदा समय में चीन के नकारात्मक रवैये को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा पुलिस विभाग में इसके इस्तेमाल को पूरी तरह से रोक दिया गया है. उन्होंने बताया कई अन्य कारणों के दृष्टिगत बाकी ऐप पर भी नजर रखी जा रही है.

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मोबाइल एप में 52 से अधिक चाइनीज एप सबसे ज्यादा प्रचलित

बता दें वर्तमान में देशभर में स्मार्टफोन मोबाइल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के रूप में सामने आया है. ऐसे में मोबाइल एप्लीकेशन में सबसे अधिक चाइनीज एप ही इस्तेमाल हो रहे हैं. मौजूदा समय में चाइना के 52 ऐसे अलग-अलग एप हैं जो सबसे ज्यादा मोबाइल एप्लीकेशन में इस्तेमाल हो रहे हैं.

Last Updated : Jun 20, 2020, 10:41 PM IST
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