देहरादून: सहारनपुर के देवबंद से जैश ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े दो संदिग्ध आतंकी पकड़े गए हैं. गिरफ्तार आतंकियों के पास से हथियार भी बरामद हुआ है. पड़ोसी राज्य में आतंकी के पकड़े जाने के बाद उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने ऐतिहातन हाई अलर्ट जारी कर दिया है.
पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के 13 जिलों के पुलिस प्रभारियों को विशेष सतर्कता बरतते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने को कहा गया है. साथ ही संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए रखने के आदेश दिए हैं. इतना ही नहीं राज्य की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाकर चेकिंग अभियान शुरू करने को कहा गया है. जैश के दो आतंकियों के पकड़े जाने के बाद यूपी एटीसी से उत्तराखंड पुलिस की विशेष टीम लगातार संपर्क बनाये हुए है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश का सहारनपुर देवबंद क्षेत्र देहरादून सहित हरिद्वार जिले से जुड़ता है. इसी वजह से हाई अलर्ट जारी किया गया है. माना जा रहा है कि उत्तराखंड के भी कुछ इलाकों में संदिग्ध हो सकते हैं.
उत्तराखंड की एसटीएफ टीम लखनऊ रवाना होगी
यूपी एटीएस की बड़ी कार्रवाई में जैश दो आतंकी देहरादून व हरिद्वार जिले से सटे देवबंद में गिरफ्तार होने के बाद उत्तराखंड एसटीएफ भी हरकत में आ गई है. पुलिस मुख्यालय द्वारा दिये आदेश के बाद एसटीएफ की विशेष टीम लखनऊ एटीएस टीम को जरूरी जानकारियां उपलब्ध कराने व सहयोग के मद्देनजर लखनऊ के लिए रवाना हो रही है.
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि यूपी सहारनपुर के देवबंद में जैश के दो आतंकी गिरफ्तार होने का मामला बेहद गंभीर है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और हरिद्वार जैसे संवेदनशील जिले से जुड़े देवबंद में आतंकियों के पकड़े जाने की वजह से पूरे उत्तराखंड में पुलिस हाई अलर्ट पर है. भीड़भाड़ वाले और संवेदनशील इलाकों सहित राज्य की सीमाओं पर विशेष चौकसी बरतते हुए संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून के महत्वपूर्ण संस्थानों और धार्मिक स्थलों की संवेदनशीलता को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस के एटीएस ने शुक्रवार को सहारनपुर जिले के देवबंद से जिन आतंकियों को गिरफ्तार किया है उनका नाम शाहनवाज अहमद तेली और आकिब बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक शाहनवाज जम्मू-कश्मीर के कुलगाम का और आकिब पुलवामा का रहने वाला है. बताया जा रहा है कि दोनों आतंकि ऐसे युवाओं की तलाश कर रहे थे जिनका ब्रेन वॉश करके जैश में भर्ती किया जा सके.