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कुपोषण पर सरकार की पहल, अधिकारी लेंगे अतिकुपोषित बच्चों को गोद

प्रदेश के भीतर करीब 1600 बच्चे अति कुपोषण के शिकार हैं, जिनकी जिलावार सूची बनाई जा रही है. इनके लिए राज्य सरकार एक अभियान चलाने जा रही है. इस पहल के तहत अतिकुपोषित बच्चों को अधिकारी गोद लेंगे.

कुपोषण पर सरकार की नई पहल.
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Published : Sep 2, 2019, 7:34 AM IST

देहरादून: राज्य सरकार कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बचाव के लिए एक नया अभियान चलाने जा रही है. इस अभियान के तहत सितंबर महीने में सूबे के सभी कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर प्रदेश के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा गोद लिया जाएगा. साथ ही कार्यशाला का आयोजन करके लोगों को कुपोषण, एनेमिया, डायरिया आदि बीमारियों के प्रति जागरुक किया जाएगा.

कुपोषण पर सरकार की नई पहल.

महिला कल्याण एवं बाल विकास सचिव सौजन्या ने बताया कि प्रदेश के भीतर करीब 1600 बच्चे अति कुपोषण के शिकार हैं, जिनकी जिलावार सूची बनाई जा रही है. इन बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए गोद अभियान चलाया जाएगा. साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशानुसार प्रदेश में जितने भी जिम्मेदार अधिकारी हैं. वो गोद अभियान के तहत एक-एक अति कुपोषित बच्चे को गोद लेंगे. साथ ही बच्चे की रेगुलर मॉनिटर भी करेंगे.

ये भी पढ़ें: नेशनल ड्रैगन बोट चैंपियनशिप का आगाज, उत्तराखंड समेत 22 राज्य कर रहे शिरकत

गर्भवती महिलाओं को किया जाएगा जागरुक
बच्चों को कुपोषण के शिकार से बचाने के लिए पोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को भी जागरुक किया जाएगा. इसके तहत आशाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को एंटीनेटल केयर को चार बार चेक करवाना, प्रेग्नेंसी के दौरान पौष्टिक आहार संबंधी आदि जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही बताया जाएगा कि बच्चा पैदा होने के बाद बच्चे को फर्स्ट ऑवर ब्रेस्टफीडिंग और 6 महीने तक लगातार ब्रेस्टफीडिंग देना है. लोगों को पूरे सितंबर महीने में कार्यक्रम चलाकर जागरुक किया जाएगा.

सचिव सौजन्या ने बताया कि उत्तराखंड राज्य सरकार सितंबर महीने में पोषण अभियान चलाने जा रही है. इसके तहत हेल्थ और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर ये अभियान चलाया जाएगा और लोगों को जागरुक किया जाएगा. साथ ही एनीमिया, डायरिया, हैंड वॉश जरूर कराना, पौष्टिक आहार से जुड़ी तमाम चीजों से लोगों को अवगत कराया जाएगा.

देहरादून: राज्य सरकार कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बचाव के लिए एक नया अभियान चलाने जा रही है. इस अभियान के तहत सितंबर महीने में सूबे के सभी कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर प्रदेश के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा गोद लिया जाएगा. साथ ही कार्यशाला का आयोजन करके लोगों को कुपोषण, एनेमिया, डायरिया आदि बीमारियों के प्रति जागरुक किया जाएगा.

कुपोषण पर सरकार की नई पहल.

महिला कल्याण एवं बाल विकास सचिव सौजन्या ने बताया कि प्रदेश के भीतर करीब 1600 बच्चे अति कुपोषण के शिकार हैं, जिनकी जिलावार सूची बनाई जा रही है. इन बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए गोद अभियान चलाया जाएगा. साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशानुसार प्रदेश में जितने भी जिम्मेदार अधिकारी हैं. वो गोद अभियान के तहत एक-एक अति कुपोषित बच्चे को गोद लेंगे. साथ ही बच्चे की रेगुलर मॉनिटर भी करेंगे.

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गर्भवती महिलाओं को किया जाएगा जागरुक
बच्चों को कुपोषण के शिकार से बचाने के लिए पोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को भी जागरुक किया जाएगा. इसके तहत आशाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को एंटीनेटल केयर को चार बार चेक करवाना, प्रेग्नेंसी के दौरान पौष्टिक आहार संबंधी आदि जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही बताया जाएगा कि बच्चा पैदा होने के बाद बच्चे को फर्स्ट ऑवर ब्रेस्टफीडिंग और 6 महीने तक लगातार ब्रेस्टफीडिंग देना है. लोगों को पूरे सितंबर महीने में कार्यक्रम चलाकर जागरुक किया जाएगा.

सचिव सौजन्या ने बताया कि उत्तराखंड राज्य सरकार सितंबर महीने में पोषण अभियान चलाने जा रही है. इसके तहत हेल्थ और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर ये अभियान चलाया जाएगा और लोगों को जागरुक किया जाएगा. साथ ही एनीमिया, डायरिया, हैंड वॉश जरूर कराना, पौष्टिक आहार से जुड़ी तमाम चीजों से लोगों को अवगत कराया जाएगा.

Intro:राज्य सरकार प्रदेश के कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बचाने को लेकर नया अभियान चलाने जा रही है इसके तहत सितंबर महीने में प्रदेश के सभी कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर प्रदेश के जिम्मेदार अधिकारियों को गोद दिलाया जाएगा। इसके साथ ही पूरे महीने चलने वाले पोषण अभियान के तहत न सिर्फ कुपोषित बच्चों को अधिकारी गोद लेंगे बल्कि प्रदेश के भीतर कार्यशाला चलाकर लोगों को कुपोषण, एनेमिया, डायरिया आदि बीमारियों के प्रति जागरूक भी किया जाएगा।



Body:महिला कल्याण एवं बाल विकास सचिव सौजन्य ने बताया कि
प्रदेश के भीतर करीब 1600 बच्चे अति कुपोषण के शिकार हैं। जिनका जिला वार सूची बनाया जा रहा है इन बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए प्रदेश के भीतर गोद अभियान चलाया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशानुसार प्रदेश में जितने भी जिम्मेदार अधिकारी हैं वह गोद अभियान के तहत एक- एक अति कुपोषित बच्चे को गोद लेंगे। और बच्चे को रेगुलर मॉनिटर करेंगे की बच्चे को रेगुलर पोषण मिल रहा है या नही ताकि बच्चा कुपोषण से बाहर आ जाये।


गर्भवती महिलाओं को किया जाएगा जागरूक....

बच्चों को कुपोषण के शिकार से बचाने के लिए पोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को भी जागरूक किया जाएगा इसके तहत आशाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को एंटीनेटल केयर को चार बार चेक करवाना, प्रेगनेंसी के दौरान पौष्टिक आहार संबंधी आदि जानकारी देनी है। इसके साथ ही बच्चा पैदा होने के बाद बच्चे को फर्स्ट हावर ब्रेस्टफीडिंग, और 6 महीने तक जो लगातार ब्रेस्टफीडिंग देना है। और उसके बाद बच्चे को जो पोषिक अंश देना है उसकी भी जानकारी दी जायेगीं। हालांकि लोगो को इसके प्रति जागरूक करने को लेकर पूरे सितंबर महीने में कार्यक्रम चलाए जाएंगे। 

वही सचिव सौजन्य ने बताया कि उत्तराखंड राज्य सरकार सितंबर महीने में पोषण अभियान चलाने जा रही है, इसके तहत हेल्थ और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के भीतर प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा, और लोगो को जागरूक किया जाएगा कि किस तरह से बच्चों को कुपोषण के शिकार से बचाया जा सकता है। साथ ही अनीमिया, डायरिया, हैंड वॉश जरूर कराना, पौष्टिक आहार से जुड़ी तमाम चीजो से लोगो को अवगत कराया जाएगा। 

बाइट - सौजन्या, सचिव, महिला कल्याण एवं बाल विकास



Conclusion:
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