देहरादून: राज्य सरकार कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बचाव के लिए एक नया अभियान चलाने जा रही है. इस अभियान के तहत सितंबर महीने में सूबे के सभी कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर प्रदेश के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा गोद लिया जाएगा. साथ ही कार्यशाला का आयोजन करके लोगों को कुपोषण, एनेमिया, डायरिया आदि बीमारियों के प्रति जागरुक किया जाएगा.
महिला कल्याण एवं बाल विकास सचिव सौजन्या ने बताया कि प्रदेश के भीतर करीब 1600 बच्चे अति कुपोषण के शिकार हैं, जिनकी जिलावार सूची बनाई जा रही है. इन बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए गोद अभियान चलाया जाएगा. साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशानुसार प्रदेश में जितने भी जिम्मेदार अधिकारी हैं. वो गोद अभियान के तहत एक-एक अति कुपोषित बच्चे को गोद लेंगे. साथ ही बच्चे की रेगुलर मॉनिटर भी करेंगे.
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गर्भवती महिलाओं को किया जाएगा जागरुक
बच्चों को कुपोषण के शिकार से बचाने के लिए पोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को भी जागरुक किया जाएगा. इसके तहत आशाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को एंटीनेटल केयर को चार बार चेक करवाना, प्रेग्नेंसी के दौरान पौष्टिक आहार संबंधी आदि जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही बताया जाएगा कि बच्चा पैदा होने के बाद बच्चे को फर्स्ट ऑवर ब्रेस्टफीडिंग और 6 महीने तक लगातार ब्रेस्टफीडिंग देना है. लोगों को पूरे सितंबर महीने में कार्यक्रम चलाकर जागरुक किया जाएगा.
सचिव सौजन्या ने बताया कि उत्तराखंड राज्य सरकार सितंबर महीने में पोषण अभियान चलाने जा रही है. इसके तहत हेल्थ और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर ये अभियान चलाया जाएगा और लोगों को जागरुक किया जाएगा. साथ ही एनीमिया, डायरिया, हैंड वॉश जरूर कराना, पौष्टिक आहार से जुड़ी तमाम चीजों से लोगों को अवगत कराया जाएगा.