देहरादूनः अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने सचिवालय कूच किया, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इससे नाराज समन्वय समिति से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और धामी सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए.
दरअसल, देहरादून में उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति से लोगों ने गर्जना रैली निकाली. इस रैली में परिवहन विभाग, स्वास्थ्य विभाग के मिनिस्टीरियल कर्मचारी भी शामिल हुए. उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली, पदोन्नति समेत विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया. कूच में शामिल होने के कारण आरटीओ देहरादून (Dehradun RTO) में भी कामकाज ठप रहा.
वहीं, समन्वय समिति से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि उनकी कोई नई मांगे नहीं है. उनकी मांगों को लेकर विधानसभा चुनाव से पूर्व समन्वय समिति के प्रांतीय प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से वार्ता हुई थी. उस समय जिन लोगों का समाधान और विसंगतियों का निराकरण नहीं हो पाया था, उनका समाधान विधानसभा चुनाव के बाद दोबारा सरकार बनने पर शासन से कराने का आश्वासन दिया गया था.
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उनका कहना है कि लंबित समस्याओं का समाधान करने की बजाय केंद्र सरकार की तर्ज पर डाउन ग्रेड वेतन का निर्णय बिना ठोस तथ्यों के जल्दबाजी में कैबिनेट से पारित करा लिया गया. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि यदि उनकी 20 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति (Uttarakhand Officer Staff Teacher Coordination Committee) की प्रमुख मांगे हैं कि राज्य कार्मिकों के लिए केंद्र सरकार की तर्ज पर लिए गए डाउन ग्रेड वेतन के निर्णय पर पुनर्विचार करें और इसे तत्काल वापस लिया जाए. इसके अलावा उत्तराखंड में पुरानी पेंशन व्यवस्था (Old Pension System in Uttarakhand) लागू की जाए.